💍 "My Contract Wife" — पूरी कहानी (सारांश में)
मुख्य किरदार:
आरव सिंह मेवाड़ – एक अमीर, घमंडी और सख्तदिल बिज़नेसमैन।
रागिनी शर्मा – एक साधारण लेकिन आत्मसम्मानी लड़की, जो अपने परिवार के लिए कुछ भी कर सकती है।
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📖 कहानी की शुरुआत:
आरव को अपने बिज़नेस डील्स के लिए शादी करनी पड़ती है। लेकिन उसे असली शादी में विश्वास नहीं। उसे चाहिए सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट वाइफ – एक समझौते की पत्नी, जिससे वो एक तय समय बाद अलग हो सके।
उधर, रागिनी एक मध्यमवर्गीय लड़की है, जिसका भाई इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती है। पैसों की कमी उसे मजबूर कर देती है कि वो आरव का प्रस्ताव स्वीकार कर ले — एक कॉन्ट्रैक्ट मैरिज के लिए।
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🔥 कहानी में ट्विस्ट:
शादी होती है — लेकिन दोनों के दिलों में दूरियां हैं।
आरव, रागिनी को बस एक सौदा मानता है।
रागिनी, खुद्दारी वाली लड़की है, लेकिन वो जानती है कि उसे क्यों ये समझौता करना पड़ा।
धीरे-धीरे, रागिनी की सादगी और अच्छाई आरव के पत्थर दिल में असर करने लगती है।
लेकिन तभी...
आरव की एक्स गर्लफ्रेंड की एंट्री होती है।
रागिनी के भाई की सच्चाई सामने आती है।
एक बड़ा व्यापारिक धोखा, जो आरव को तबाह कर सकता है।
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💔 अंतिम मोड़:
क्या आरव अपने झूठे अहंकार को छोड़कर रागिनी के प्यार को समझ पाएगा?
क्या रागिनी उस इंसान से वाकई प्यार कर बैठी है जिसने उससे सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट किया था?
क्या कॉन्ट्रैक्ट प्यार में बदल सकता है?
या ये रिश्ता सिर्फ एक दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा?
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🎬 My Contract Wife – भाग 3: अजनबी के साथ सुबह
🎙️**[नेरेशन – धीमी धूप और पंछियों की आवाज़]**
> "नई सुबह आई थी… लेकिन नयी नहीं थी रागिनी की ज़िंदगी।
अब वो एक अजनबी के साथ थी… कागज़ पर बीवी, और दिल में अकेली।"
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🛏️ सीन 1 – (आरव का घर, सुबह का सीन)
🎵 [Background – Birds chirping, light instrumental]
रागिनी (रसोई में):
(अपने आप से)
पता नहीं उसे चाय कैसी पसंद है…
पर मैं कोई बीवी बनने नहीं आई… बस एक जिम्मेदारी निभा रही हूँ।
[वो चाय बनाकर रखती है, फिर चुपचाप टेबल छोड़ देती है]
**आर
बहुत खूब! आइए, उसी बहाव में कहानी को आगे बढ़ाते हैं – क्योंकि अब स्टेज पर फैमिली ड्रामा शुरू हो गया है... जहां झूठी मुस्कानों के पीछे छुपे हैं दिलों के दर्द। 🎭❤️
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🎬 My Contract Wife – भाग 3 (जारी): अजनबी के साथ सुबह
🏠 सीन 3 – (फैमिली ड्रामा स्टार्ट)
🎵 [Background: हलकी खुशी वाली हल्की धुन, लेकिन अंदर टेंशन का टोन]
माँ (खुश होकर):
हे भगवान! कितनी प्यारी है मेरी बहू!
बिलकुल हमारे परिवार की लक्ष्मी लग रही है!
छोटी बहन (हँसकर):
भैया ने तो surprise दे दिया! शादी भी कर ली और बताया भी नहीं!
आरव (जबरदस्ती मुस्कुराते हुए):
बस... सब कुछ जल्दी में हुआ।
रागिनी (नम्रता से):
नमस्ते, माँ जी। नमस्ते दीदी।
माँ:
बेटी, अब तो यहीं की हो ना… चलो, आरती ले आओ। आज तो घर में बहू का पहला दिन है।
[रागिनी अंदर जाती है – लेकिन मन में हज़ार सवाल हैं]
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🎙️ [नेरेशन – धीमी आवाज़ में]
> "जिस रसोई को उसने सौदा समझकर अपनाया था,
आज उसी रसोई से ‘घर की बहू’ की खुशबू आ रही थी…
लेकिन उसका मन अब भी अनजान गलियों में भटक रहा था।"
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😬 सीन 4 – (आरव और रागिनी अकेले में)
🎵 [Background – तनाव भरा low violin hum]
आरव (गुस्से में):
अरे तुमने क्यों इतना एक्टिंग किया? ज़्यादा involve मत हो!
रागिनी (धीरे से लेकिन दृढ़ता से):
तुम्हें डर है ना... कि तुम्हारे झूठ में कहीं मैं सच ना बन जाऊं?
आरव (चुप हो जाता है)
रागिनी:
तुम्हें फिक्र सिर्फ अपने इमेज की है…
लेकिन मेरे लिए ये एक्टिंग नहीं… ये मेरी ज़िंदगी है।
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🎙️ [नेरेशन – Fade out background ke साथ]
> "कभी-कभी… झूठा रिश्ता भी सच्चे जज़्बातों से टकरा जाता है।
और जब ऐसा होता है…
तब शुरुआत होती है उस तूफ़ान की… जो हर नकाब को उड़ा ले जाता है।"
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✅ एपिसोड 3 खत्म।
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🔜 Coming Next – भाग 4: “शर्तें और शक”
परिवार का प्रेशर – “अब असली रिसेप्शन कब?”
आरव की Ex की वापसी
और रागिनी की आँखों में पहली बार… एक चुभता हुआ शक।
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अगर आप चाहें, तो अब मैं भाग 4 का स्क्रिप्ट शुरू करूँ
या फिर इन तीन एपिसोड्स का पोस्टर पैकेज + म्यूज़िक स्टाइल गाइड भी एकसाथ दे सकता हूँ।
कहिए जनाब — अगला कदम क्या हो? 🎙️📲📸
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🎬 भाग 5: दिल का सौदा
✍️ Narration + Dramatic Dialogue Style
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🎙️ [नेरेशन – भावुक, दिल को छूने वाला टोन]
> "जब मजबूरी और नफ़रत के बीच से गुज़रते हुए…
दिल खुद से सवाल करता है — क्या सच में कोई सौदा दिल से किया जा सकता है?
रागिनी की सोच बदल रही थी…
और अब, खेल के नियम बदलने वाले थे।"
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🏠 सीन 1 – (रागिनी का कमरा)
🎵 [Background: हल्का hopeful piano]
रागिनी (मन ही मन):
अब वक्त है अपनी शर्तें रखने का…
मैं इस सौदे की शर्तें बदलने आई हूँ।
फोन बजता है, रागिनी उठाती है।
रागिनी:
हैलो?
माँ की आवाज़:
बेटा, थोड़ा संभल कर चलना। ये रिश्ते सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते।
रागिनी:
माँ, मैं अब कमजोर नहीं हूँ। मैं अपने लिए खड़ी हूँ।
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🏢 सीन 2 – (आरव का ऑफिस)
🎵 [Background: Tense instrumental]
आरव (फोन पर):
रागिनी, मैंने तुम्हारे बारे में सुना है… तुम मेरी शर्तें बदल रही हो?
रागिनी:
शर्तें बदलना मेरा हक है।
क्योंकि ये रिश्ता सिर्फ तुम्हारा नहीं… मेरा भी है।
आरव (गुस्से में):
तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।
रागिनी (पक्का इरादे से):
और तुम्हें ये समझना होगा कि मैं कौन हूँ।
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🎙️ [नेरेशन – भावुक, धीमी संगीत के साथ]
> "शर्तें अब कागज़ों में नहीं, दिलों में लिखी जा रही थीं।
और ये रिश्ता अब सिर्फ सौदा नहीं, एक जंग था —
जो जीतती थी उस हिम्मत वाली रागिनी।"