सौंदर्य एक अभिशाप!
(भाग-9)
राजकुमारी चित्रा और उसकी सहेली सुवर्णा अनजान सूरज सिंह को देखती हैं। वे उसका परिचय पूछती हैं।
सूरज सिंह..
सूरज सिंह को मारना आसान नहीं है।
राजकुमारी चित्रा...
क्या तुम्हें अपनी शक्ति पर गर्व है? मैं एक सुंदर राजकुमारी हूँ, इसलिए मैं शक्तिशाली नहीं हूँ? लेकिन तुम हमारे राज्य के नहीं हो। अपना पूरा परिचय दो। सैनिक जल्दी ही आ जाएँगे, फिर राजा तुम्हारा न्याय करेगा।
सूरज सिंह..
अरे सुंदरी.. मैं तुम्हारे रूप का वर्णन कैसे करूँ.. मैं तो बस देख रहा हूँ, इसलिए परिचय अधूरा है। मेरा नाम सूरज सिंह है। मैं इस राज्य का नहीं हूँ, बल्कि पड़ोसी राज्य में रहता हूँ।
राजकुमारी चित्रा...
तो तुम दुश्मन देश से हो? क्या तुम गुप्तचर हो? हमारे राज्य में तुम्हारा क्या काम?
सूरज सिंह..
मैं तुम्हारा दुश्मन नहीं हूँ। मेरे राज्य का राजा तुम्हारा दुश्मन हो सकता है, लेकिन हम जैसे लोगों का क्या दोष है? हमारे राज्य के कई रिश्तेदार इस राज्य में रहते हैं। और इस राज्य के कुछ लोगों ने हमारे राज्य की लड़कियों से शादी कर ली है। हमने इसे अपना लिया। मैं अपने दोस्त को खोज रहा था। मैं अपने गुरु से शिक्षा प्राप्त करके आया हूँ। मेरा दोस्त सुबह जल्दी लौट आया था। उसने मुझे बताया था कि मैं उससे मिलने अपने राज्य में आ जाऊं।
राजकुमारी चित्रा...
तो तुम्हारे दोस्त का नाम क्या है? और तुमने क्या शिक्षा प्राप्त की है?और कहां?
सूरज सिंह..
मेरे गुरु और मेरे दोस्त के गुरु एक ही हैं। मैं शस्त्र चलाने की कला सीखकर आया हूँ। मेरे गुरु का नाम विष्णु देव है।
राजकुमारी चित्रा यह सुनकर हैरान हो गई।
उसने कहा..
ओह.. गुरुदेव विष्णु देव!
उसी समय एक चिड़िया उड़ती हुई आई।
और राजकुमारी चित्रा और सुवर्णा के चारों ओर उड़ने लगी।
यह देखकर वे दोनों हैरान हो गए। उन्होंने उसे हटाने की कोशिश की।
तो चिड़िया उड़कर सूरज सिंह के कंधे पर बैठ गई।
चिड़िया बोलने लगी...
राजकुमार..राजकुमार..तुम्हारा दोस्त तुम्हें ढूँढ रहा है।
यह सुनकर राजकुमार चित्रा और सुवर्णा चमक उठे।
चित्रा सोचती है कि यह राजकुमार कौन है? इसका दोस्त कौन है? अगर वह दोस्त आ जाए, तो इस खूबसूरत युवक का राज खुल जाएगा।
यह बात भी हैरान करने वाली है कि यह गौरैया बोल रही है। यह सब राजकीय उद्यान में होता है और एक भी सैनिक दिखाई नहीं देता।
सूरज सिंह भी गौरैया को बोलते हुए सुनकर हैरान हो जाता है। लेकिन वह तुरंत समझ जाता है कि यह गौरैया जादूगरने बनाई होगी। अगर यह मुझे पहचानती है, तो यह कोई लता नहीं होगी! क्योंकि उद्यान में कोई सैनिक नहीं है। लता उद्यान में अकेली थी और उसने जादूगर को उद्यान में प्रवेश करते देखा। इस जादूगर को कुछ करना होगा।
सूरज सिंह ने गौरैया के पंख को छुआ।
उसने बोला..
ओह.. तुम तो एक बोलने वाली गौरैया हो. लेकिन तुम्हें कैसे पता चला कि कोई मुझे ढूँढ रहा है? और तुम्हें कैसे पता कि मेरा दोस्त कौन है?
गौरैया ने राजकुमारी चित्रा और सुवर्णा की तरफ देखा.
उसने कहा..
राजकुमारी.. राजकुमारी.. और सुवर्णा मेरी सहेली .. मैं एक लता हूँ।
राजकुमारी चित्रा...
ओह.. तुम लता हो? लेकिन तुम्हें किसने गौरैया बनाया है? इस युवक के दोस्त ने?
गौरैया..
यह युवक एक राजकुमार है और अपने दोस्त से मिलने आया है। मुझसे मिलकर जाने के बाद एक जादूगर मेरे पास आया।वह राजकुमारी चित्रा को ढूँढ रहा था और उसे कैद करके अपने साथ ले जाना चाहता था,लेकिन अच्छा हुआ कि तुम चली गई थी।उसे लगा कि मैं राजकुमारी हूँ,लेकिन यह जानते हुए भी कि मैं राजकुमारी नहीं हूँ, उसने मुझे गौरैया बनाया और फिर मुझे कैद करना चाहता था, लेकिन मैं भाग गई.. वहां से उड़ गई। उसके हाथ नहीं आई।और खोजते खोजते यहां आ गई।
यह सुनकर राजकुमारी बोली..
अरे.. मेरे सहेली ,मेरी वजह से तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद हो गई है। अब तुम क्या करोगी? और इस युवक का दोस्त कौन है? इस राज्य के बगीचे में अजनबी लोग क्यों घुस आए हैं? सैनिक कहाँ गए?
युवा सूरज सिंह को सारी बात समझ में आ गई।
इस जादूगर की वजह से ही लता गौरैया बनी है। जादूगर को पकड़ना है। उससे पहले राजकुमारी चित्रा और सुवर्णा को सुरक्षित बाहर निकालना है। दोस्त को ढूँढना है। अगर वह जादूगर के जाल में फँस गया तो मारे जायेगा। और खूबसूरत राजकुमारी चित्रा को भी बचाना होगा।जादूगर मेरा कुछ नहीं कर पाएगा।
गौरैया बनी लता ने कहा..
जादूगर ने मुझे गौरैया बना दिया है, लेकिन मेरे दोस्त, तुम बच गए हो, इसलिए वह तुरंत बगीचे से महल में गई और राजा से सैनिक भेजने को कहा। जादूगर ने बगीचे के सैनिकों को मोहित करके बेहोश कर दिया है। जादूगर के इरादे बुरे हैं। राजकुमार और सूरज सिंह दोस्त है, यानी हमारा राजकुमार जयवीर सिंह। वह सूरज सिंह की तलाश कर रहा है।
यह सुनकर सूरज सिंह भी हैरान था।
मन ही मन में..
अरे..मेरा दोस्त राजकुमार है? मेरी तरह उसने भी अपनी पहचान छिपाई है। अब कोई बात नहीं होगी। हम दोनों जादूगर को कैद कर लेंगे।
( कहानी का रोचक भाग नये पार्ट में)
- कौशिक दवे