The Last Meeting.. in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | वो आख़िरी मुलाक़ात...

Featured Books
  • MH 370- 23

    23. દરિયાઈ વંટોળમાંફરીથી કોઈ સીટી વાગી અને હવે તો કેટલાંયે સ...

  • સ્વપ્નની સાંકળ - 1

    અધ્યાય ૧: સ્વપ્નની સાંકળ​રતનગઢ.​સામાન્ય રીતે શાંત ગણાતા આ શહ...

  • ચાની રામાયણ

    ચાની રામાયણ •••••________જીવનમાં અમુક ક્ષણો એવી આવે કે જેને...

  • ઘર નુ ભોજન

    ઘરનું ભોજન એક ભારતીય સંસ્કૃતિ, સંબંધો નો સેતુ અને આધુનિક સમય...

  • નોકરી નહિ ધંધોજ કરીશ

    *નોકરી નહીં — ધંધો જ કરીશ!* ” જો બોલિવૂડ અને ગુજરાતી ફિલ્મોન...

Categories
Share

वो आख़िरी मुलाक़ात...

💌 "वो आख़िरी मुलाक़ात..."
(The Last Meeting...)


Chapter 1 – पहली नज़र का जादू
कॉलेज का पहला दिन... भीड़ इतनी थी कि लगता था जैसे पूरा शहर यहीं आ गया हो। रिया अपनी किताबों को सीने से लगाए क्लास की तरफ बढ़ रही थी। तभी अचानक किसी से टकरा गई। किताबें गिर गईं।

“Sorry!” – एक धीमी सी आवाज़ आई।
रिया ने सिर उठाया... सामने एक लड़का खड़ा था। ऊंचा कद, हल्की दाढ़ी और मुस्कान में एक अजीब सा सुकून।

“मेरी गलती थी, मैं जल्दी में था।” उसने किताबें उठाते हुए कहा।
“थैंक्यू।” – रिया ने बस इतना कहा और वहाँ से चली गई।

वो लड़का था आर्यन। शहर का सबसे स्मार्ट लड़का, लेकिन अंदर से उतना ही सीधा।
उसे क्या पता, यही लड़की उसकी ज़िंदगी बदल देगी...


---

Chapter 2 – दोस्ती की शुरुआत
क्लास के दिनों में धीरे-धीरे उनकी बातें बढ़ने लगीं। पहले नोट्स शेयर करना, फिर कैंटीन में साथ कॉफी पीना... और देखते ही देखते एक दोस्ती गहरी हो गई।

एक दिन आर्यन ने पूछा –
“रिया, तुम्हें पता है? इस कॉलेज में हज़ारों लोग हैं... लेकिन जब तुम पास होती हो ना, तो सब गायब हो जाते हैं।”

रिया मुस्कुराई, लेकिन कुछ नहीं बोली।
शायद वो भी कुछ महसूस कर रही थी... लेकिन कहने की हिम्मत नहीं थी।


---

Chapter 3 – पहला इज़हार
कॉलेज फेस्ट का दिन था। आर्यन ने सब प्लान कर लिया था। उसने स्टेज पर गाना गाया –
"तेरा होने लगा हूँ..."
गाना खत्म होते ही सब तालियां बजाने लगे। और आर्यन सीधा रिया के पास गया –
“रिया... I Love You!”

भीड़ सन्न रह गई।
रिया ने कुछ पल उसकी आंखों में देखा और धीरे से कहा –
“आर्यन... ये सही जगह नहीं है।”
फिर वहाँ से चली गई।

आर्यन का दिल टूट गया, लेकिन उम्मीद अब भी बाकी थी।


---

Chapter 4 – प्यार या मजबूरी?
अगले दिन आर्यन ने रिया को मैसेज किया –
“प्लीज़ एक बार मिलो।”
रिया ने हाँ कहा। दोनों कैंटीन में बैठे।

“रिया, अगर तुम्हें नहीं पसंद, तो मैं पीछे हट जाऊंगा।”
रिया की आंखों में आंसू थे।
“आर्यन... मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ। लेकिन... मेरे पापा ने मेरी शादी फिक्स कर दी है। अगले महीने। मैं उनके खिलाफ नहीं जा सकती।”

ये सुनकर आर्यन के पैरों तले ज़मीन खिसक गई।


---

Chapter 5 – आख़िरी मुलाक़ात
शादी से एक दिन पहले रिया ने आर्यन को मैसेज किया –
“कॉलोनी के पुराने पार्क में मिलो।”
आर्यन दौड़ता हुआ वहाँ पहुंचा। रिया सफेद ड्रेस में खड़ी थी। उसकी आंखों में दर्द था।

“आर्यन, अगर मेरी किस्मत में तुम होते, तो हम साथ होते। लेकिन...”
आर्यन ने उसकी बात काटते हुए कहा –
“रिया, प्यार किस्मत से नहीं, दिल से होता है। और मेरा दिल हमेशा तुम्हारा रहेगा।”

दोनों ने गले लगाया। समय जैसे वहीं रुक गया।
फिर रिया धीरे से बोली –
“ख्याल रखना अपना... और हमारी यादों का।”

रिया चली गई।
आर्यन वहीं खड़ा था, हाथ में उसकी दी हुई किताब... और आंखों में अधूरा इश्क़।


---

Chapter 6 – सालों बाद...
पांच साल बाद। आर्यन एक कॉफी कैफ़े में बैठा था। सामने एक बच्चा भागता हुआ आया और बोला –
“Uncle, आप आर्यन हो ना? मम्मी आपको जानती हैं।”
आर्यन ने मुस्कुराते हुए पूछा –
“कौन है तुम्हारी मम्मी?”
बच्चे ने इशारा किया।

रिया खड़ी थी। चेहरे पर वही मासूमियत, लेकिन आंखों में अधूरी कहानी।
दोनों ने बस एक-दूसरे को देखा।
कहने को बहुत कुछ था... पर समय ने सब छीन लिया था।


---

💔 कभी-कभी प्यार अधूरा रहकर भी पूरा लगता है...
"क्योंकि वो सिर्फ़ एक रिश्ता नहीं, एक एहसास बन जाता है।"