अध्याय 9 – "प्यार में धोखा – टूटे दिल वाले लड़कों की भी एक कहानी होती है"
जब किसी लड़की का दिल टूटता है, समाज उसे गले लगाता है। वो रोती है, चीखती है, टूटती है... पर दुनिया उसे सहारा देती है। मगर जब एक लड़का टूटता है, वो चुपचाप कमरे की दीवारों से बातें करता है, मोबाइल स्क्रीन पर आख़िरी 'seen' देखता है... और फिर हँसी का नकाब पहनकर बाहर निकल जाता है।
लड़कों के टूटे दिल की कोई आवाज़ नहीं होती।
न कोई उन्हें ‘be strong girl’ कहता है,
न कोई कहता है – "तू deserve नहीं करता था ये सब।"
वो बस टूटते हैं... अंदर ही अंदर।
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प्यार की शुरुआत – एक मासूम ख्वाब
हर लड़का जब पहली बार किसी लड़की से प्यार करता है, वो दिल से करता है। कोई एजेंडा नहीं होता, कोई शर्त नहीं होती।
वो उसके हर मैसेज पर मुस्कुराता है, हर कॉल पर धड़कनें तेज़ हो जाती हैं।
किसी की 'गुड मॉर्निंग' से दिन बनता है, किसी की 'गुड नाइट' से नींद आती है।
शायद पहली बार किसी ने "कैसा लग रहा है?" पूछा होता है,
किसी ने कहा होता – "अपना ख्याल रखा करो",
और वो लड़का, जो अब तक खुद से भी बात नहीं करता था,
किसी और की फ़िक्र में जीने लगा।
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जब धोखा मिलता है – और आवाज़ तक नहीं होती
लेकिन फिर... सब बदल जाता है।
एक दिन अचानक रिप्लाई आना बंद हो जाता है,
'Last seen' दिखता है – "Online", पर वो मैसेज नहीं आता।
फोन उठता है – "मैं अब उस तरह महसूस नहीं करती"।
कभी वो लड़की जो कहती थी – "तू ही सब कुछ है",
अब कहती है – "तू अच्छा है, पर हम साथ नहीं चल सकते।"
लड़का सवाल करता है – "क्या गलती थी मेरी?"
पर जवाब सिर्फ सन्नाटा होता है।
और तब, वो टूटा हुआ लड़का चुपचाप मुस्कुराता है।
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लड़कों का दर्द – समाज की खामोशी
किसी ने कभी लड़कों से पूछा है कि प्यार में धोखा मिलने के बाद क्या महसूस होता है?
जब वो अकेले पार्क की बेंच पर बैठा घंटों उसे याद करता है?
जब उसकी प्लेलिस्ट में सिर्फ उदास गाने बचते हैं?
जब वो देर रात तक online होता है, पर बात किसी से नहीं करता?
लोग कहते हैं – "लड़के तो मजे लेते हैं",
"धोखा मिला? अरे छोड़, और लड़कियाँ मिल जाएँगी।"
मगर कोई ये नहीं समझता कि
हर लड़के का दिल भी उतना ही नाज़ुक होता है,
जितना किसी लड़की का।
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रिश्ते निभाने की कोशिश – सिर्फ़ लड़के करते हैं?
प्यार टूटने के बाद भी लड़का रोज़ उसकी DP चेक करता है।
वो देखता है – "किसके साथ खुश है अब वो?"
वो खुद को convince करता है – "चलो, अच्छा है वो ठीक है।"
पर क्या किसी ने कभी उस लड़के से पूछा –
"तू ठीक है?"
उसकी मर्दानगी की परिभाषा उसे कभी रोने नहीं देती।
वो सोचता है – "अगर मैं टूट गया, तो लोग क्या कहेंगे?"
और इस डर में,
वो हर रोज़ थोड़ा और अंदर मरता जाता है।
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वो दिल अब किसी से नहीं जुड़ता
धोखा खाने के बाद एक लड़का फिर प्यार नहीं करता,
वो ‘ट्रस्ट’ नहीं कर पाता।
वो मुस्कुराता है, फ्लर्ट करता है,
पर किसी को दिल नहीं देता।
क्योंकि वो जान चुका होता है –
जिसे हम सब कुछ मानते हैं,
वो हमें कुछ नहीं समझते।
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टूटे दिल वाले लड़कों की भी कहानी होती है...
यहाँ कोई मोती नहीं गिरते उनकी आँखों से,
कोई सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं करता उनके लिए,
कोई आकर यह नहीं कहता –
"तू deserve नहीं करता था इतना दर्द।"
पर हर टूटे दिल वाला लड़का,
रोज़ एक कहानी जीता है,
जिसे कोई सुनता नहीं।