Aur Humari Adhuri Dosti - 1 in Hindi Drama by Writer Veeru books and stories PDF | और हमारी अधूरी दोस्ती - 1

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और हमारी अधूरी दोस्ती - 1

Season 1 
Instagram Se Rishton Tak 

कभी-कभी ज़िंदगी की सबसे गहरी कहानियाँ, सबसे मामूली शुरुआत से जन्म लेती हैं।
ना किसी प्लानिंग से, ना किसी सोच से… बस यूँ ही, अचानक।

आर्यन के लिए भी वो दिन कुछ ऐसा ही था।

सर्दियों की वो धूप भरी दोपहर थी। कॉफी का मग हाथ में, लैपटॉप की स्क्रीन पर खुला पड़ा boring-सा work document, और दिमाग में तन्हा-सी थकान।
कुछ सोचते-सोचते उसने फोन उठाया और Instagram खोल लिया , बस ऐसे ही… जैसे रोज़ खोलता था। बिना मकसद, बिना मतलब।

रील्स पर उंगलियां चलती रहीं… कुछ हँसाने वाले, कुछ फेक रिलेशनशिप वाले…
और तभी एक रील पर उसकी नज़र ठहर गई।

एक लड़की… सिंपल कपड़ों में, बिना किसी मेकअप के… बस मुस्कुरा रही थी।
कोई बैकग्राउंड म्यूज़िक नहीं, कोई एक्टिंग नहीं…
बस एक caption — “Sometimes, all you need is someone who just listens.”

आर्यन कुछ सेकंड के लिए रुका। उसने वीडियो फिर से play किया। उस मुस्कान में कुछ था… कुछ सुकून भरा, कुछ अपना-सा।

उसने प्रोफाइल ओपन की —
@aashi.soul__
Bio में लिखा था —
"Half broken, half hope."

कुछ तो था इस प्रोफाइल में… जो दिल में उतर गया।
बिना ज़्यादा सोचे उसने Message बॉक्स खोला और टाइप कर दिया "Hi... randomly saw your reel. You smiled like peace."

मैसेज भेजने के बाद वो थोड़ा मुस्कुराया, फिर फोन साइड में रखकर वापस काम में लग गया।

लेकिन कुछ ही मिनटों में “You have a new message request.”

आशी ने जवाब दिया था...“Hey! That’s sweet… thank you 😊”

बस…यहीं से उस "Adhuri Dosti" की शुरुआत हो गई।

पहली बातचीत हल्की थी।
कुछ बेसिक सवाल-जवाब "कहां से हो?" "क्या करते हो?" "Reels क्यों बनाते हो?"
बातचीत की लहर धीमी थी, मगर सच्ची।
ना कोई दिखावा, ना flirt, ना awkwardness।

आशी थोड़ी reserved थी, पर ज़रूरत से ज़्यादा साफ़दिल।
और आर्यन? वो उन लोगों में से था जो कम बोलते हैं, मगर दिल से सुनते हैं।

आशी ने पूछा “तुम random लोगों को message करते हो?”
आर्यन ने लिखा “नहीं। बस कभी-कभी किसी vibe से जुड़ाव हो जाता है।”

धीरे-धीरे चैट्स लंबी होने लगीं।

Instagram से WhatsApp पर शिफ्ट हुई बातचीत अब हर रोज़ का हिस्सा बन चुकी थी।

सुबह का "Good Morning", दिन भर के updates, रात की "Call karu?" वाली hesitation…सब कुछ इतना pure था, जैसे दो आत्माएं धीरे-धीरे एक-दूसरे को पहचान रही हों।

वो हँसते थे, टीजिंग करते थे, गाना शेयर करते थे, और कभी-कभी बस चुप रहकर भी connected रहते थे।

एक रात आशी ने पूछा “क्या तुम भी कभी टूटा हुआ महसूस करते हो?” क्या तुम्हे किसी चीज की परेशानी है ? क्या तुम कोई बीमारी से उलझे थे या अभी तक उलझ रहे हो , जिसे देख कर आर्यन के आंखों में आसूं आगया और वह लिखना शुरू कर दिया। आर्यन के पलके अभी तक भीगी हुई थी।

आर्यन ने typing करते-करते pause किया.. फिर लिखा “हर रोज़। पर किसी को बताने से डर लगता है।”

आशी ने उस पल पहली बार दिल से लिखा “Don’t worry… तुम अब अकेले नहीं हो।”

वो एक पल… जब किसी अजनबी की ये बात आपको घर जैसा सुकून दे जाती है , वहीं से रिश्ते बनते हैं।

आर्यन को समझ नहीं आया कि ये दोस्ती है या कुछ और…।
पर जो भी था, वो बहुत प्यारा था और बहुत सच्चा था।
और शायद… अधूरा भी।