Three best forever - 8 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 8

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 8

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( >💜💌💜 होलला बिडूऊ लोग अपुन स्टोरी का चौकीदार बंकू ले आया है नेक्स्ट ep माथा पच्ची करने का नही चुप चाप पढ़ने का क्या,,, चल पढ़।

"क्या हुआ मनी के सर को? फूट गया क्या??" मस्तानी हैरानी से बोली । उसकी बीना सर वाली बात सुन राहुल मनीष रियुमा अपना सर पीट लिए। अब आगे,,,

ऐसे ही इनकी बचकानी हरकतों और बातो से सफर बीतता जा रहा था की बीतते बीतते मंजिल भी आ गई। करीब 2 घंटे बाद ट्रेन  अचानक धक्का खाकर रुकी सभी यात्री झटके से लुढ़कते हुए उल्टे फूलटे गिर पड़े ऊपर से लाइट भी बंद पड़ गई। काला घना अंधेरा छा गया सभी गिरे पड़े थे की अचानक चिल्लाने की आवाज आई "आआआआई,,, कौन है,,?कौन है,,?" सभी चौक कर सहम गए फिर क्या ऐसे ही एक एक कर के सभी चीखने चिल्लाने लगे।

फिर एक एक कर सभी चिल्लाते धक्का मुक्की खाते ट्रेन से बाहर फेकाए जाने लगे।
किसी को कुछ समझ में नहीं आया
मस्तानी इधर उधर हाथ पैर मार रही थी वो 
बोली "मम्मीई,,, कौन कसाई है बे?" 

उसका एक पंच रियुमा के पीठ पर लगा वो भी हाथ पैर मार कर "कसाई नही पटकाई बोल" 

सभी एक साथ बोल "वो क्यों???"

"क्युकी कसाई उसे बोलते जो काटता है और हम फेकाए गए हैं" रियुमा सबको सही अर्थ समझाई।

"मतलब ये जो कोई भी है कसाई नही पटकाई है" मनीष समझते हुए बोला। 

"अच्छा समझा,,,लेकिन ये दिख क्यों नही रहा,,,?" राहुल  मस्तानी के हाथ से एक तमाचा खाकर गाल सहलाते हुए बोला। 

"रुक अभी पूछती,,,ओए ओए ओए पटकाई तू दिख क्यू नही रहा बे,,,? कही मिस्टर इंडिया की तरह तू भी घड़ी पहन कर गायब तो नही हो गया?"  ऐसे बोलते हुए मस्तानी एक और बार हाथ घुमाती है जिससे एक और तमाचा राहुल को रसीद हो गया।

सभी स्टेशन पर आते जाते लोग उनका दंगल देख हस हस  कर लोट पोट हुए जा रहे थे। क्या ही करते उनकी हालत ही ऐसी थी दरसल सभी के आखों पर काली पट्टी बंधी थी और सभी इधर उधर हवा में हाथ पैर मार रहे थे जिससे लात मुक्का तमाचा एक दूसरे को पड़ते जा रहें थे। 

"ए साला अंधेरा खत्म कब होगा?" राहुल तमाचा खाते खाते झुंझला गया।

"जब तू खत्म होगा तब" मस्तानी मन में बोली।

"पता नहीं बिजली कब आएगी?" राहुल फिर सवाल किया।

"जब तेरे नाक में वायर फसाऊंगी तब" मस्तानी फिर मन में बोली।

"मुझे समझ में नहीं आता,,,है कौन जो हमे ऐसे गिटनेपर्स  की तरह टॉर्चर किया,,,?" राहुल फिर सवाल किया। जिससे झुंझला कर रियुमा  चिल्लाई "तेरे फूफा जी है साले,,, जा जाकर पैर छू कर आशीर्वाद ले ले बिजली ला देंगे तेरे लिए"

"म मेरे कहने म,,मतलब मै तो बस पूछ रहा,,," राहुल हड़बड़ाते हुए इतना बोला की बीच में 
"तुम सवाल पर सवाल तो ऐसे कर रहे जैसे हमें आज के दिन का पूरा सीन पता है" मस्तानी भी  तुनक्कर बोली।

"अरे पर,,," वो इतना ही बोला की
मनीष उसकी बात बिच में काट कर रोनी आवाज में "अरे चुप रह ना एक तो कुछ दिख नही रहा और ऊपर से तू बचकानी सवाल खड़ा कर इन दोनों को गुस्सा दिला रहा" 

"अरे ऐसा भी क्या कर दिया सवाल ही पूछा हु" 
राहुल अपनी बेगुनाही साबित करने में लगा हुआ बोला।

"तेरा सवाल पूछना गलत नहीं पर तेरे सवाल ऐसा है जिसका यहां किसी को कुछ अता पता नहीं इसलिए चुप रह वैसे भी जहा तक मैं महसूस कर रहा हूं अभी हम सब ट्रेन से बाहर स्टेशन पर है और हसी की आवाज से लग रहा आस पास बहुत लोग इकठ्ठा है पर,,," 

मनीष की बात काट सभी एक साथ चिल्लाए "पर हमे दिख क्यू नही रहा,,,???" इससे हसी के ठहाको की आवाज और तेज गूंज उठी।

जिससे रियुमा चिढ़ गई और गुस्से में अपने बाल  
नोचने के लिए पकड़ ही ली की अचानक रुक गई उसे अपने हाथ में कुछ चिकना सा कपड़ा महसूस हुआ और उस चीज को तुरंत खींच ली उसकी आंखे रौशनी से चौंधिया गई।
जैसे ही उसने अपनी आंखें पूरी खोली हैरान रह गई मनीष का कहा सच जो हो गया था काफी भीड़ जमा हो गई थी और सभी आते जाते लोग उन्हें देख हस हस कर लोट पोट हुए जा रहे थे।
क्युकी अभी तक उसकी नजर अपने साथी स्टूडेंट बारातियों की तरफ नही गई थी इसलिए उसे समझ नहीं आया की आखिर किस बात पर इतना खी खी खी खी दात दिखा रहे सब उसने सबकी नजरों का पीछा कर देखा तो उसकी हैरानी का ठिकाना ना रहा आंखे बड़ी बड़ी और मुंह खुला रह गया।

रियुमा मन में सिर पीट कर बोली "ये सब जब एक दूसरे का मुंह देखेंगे तो ना जाने क्या होगा??? लेकिन एक मिनट,,,"  वो रुकी और अपनी नजर इधर उधर घुमाने लगी। 

"सब तो यही है ये प्रिंसिबल सर और बाकि टीचर्स कहा है ? ये क्या लोचा है यार,,,??? खैर पहले इन सब अंधों को ठिक करती" ये बोल वो सबकी पट्टी निकालने लगी जो जो हाथ पैर मारता रियुमा उसे एक थप्पड़ रसीद कर देती।

"हैएएए,,,पट्टीईईई,,," सभी देखते ही एक साथ हैरानी से चीखे रियुमा और राह चलते लोग जो खड़े तमाशा देख रहे थे कान पर हाथ रख लिए।

"हे भगवान थैंक्स की ये सिर्फ पट्टी थी वरना मै तो डर से जम गई थी की कही सच में अंधी तो नही हो गई" मस्तानी हाथ जोड़े ऊपर देखती हुई बोली तो सभी उसकी तरह मासूमियत भरी नज़रों से उपर देखते हुए "हा हा हम भी" 

"और इतनी भी क्या खास दुश्मनी थी जो पीठ पीछे सुताई करके भाग गया" राहुल अपना लाल गाल सहलाते हुए बोला। 
वही मस्तानी ये देख मन ही मन खुश हुई जा रही थी की मनी के रहते जो वो नही कर पाई वो किसी और ने कर दिया अब उसे कौन बताए ये कांड खुद उसने ही किया है। 


"ए झूठ की नानी तू डर से जमी नही थी बल्कि नचनिया बनी नाच रही थी" रियुमा उसके कान में फुसफुसाई पर मस्तानी तो अपनी ख्यालों में उड़ती फिर रही थी। रियूमा आखें छोटी कर उसे घूरने लगी। 

"जो भी है बहुत पावरफुल है वो अकेले हम सबको धो दिया" धनेशी बोली ।

"तुझे कैसे पता वो अकेला था,,,?तू देखी क्या,,,???" राहुल उसे घूरते हुए बोला तो सभी उसे शक भरी नज़रों से घूरने लगे।

"न,,नही बस अंदाजा लगाई हम सबकी हालत देखकर" धनेशी हड़बड़ाते हुए बोली।

"ओए तुम लोगो में इतनी सी भी हया दया है की नहीं,,,,,

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( >💜💌💜 होलला बिडूऊ लोग अपुन स्टोरी का चौकीदार बंकू जिसका स्टोरी खोल के देखने का पढ़ने का और समझने का और आगे क्या होगा जानने के लिए next ep में मिलने का by by बिडूऊ लोग