जंगल की सरसराहट अब भी उसके कानों में थी 🌲🍃। अनन्या भागी जा रही थी... पीछे से वो आवाज़...
> "वो इंसानी नहीं..." 👤😈
उसके पैरों के नीचे ज़मीन जैसे खिसक रही थी 🪨💨। हर पेड़, हर छाया अब शक़ पैदा कर रही थी।
रयान की वो मुस्कान अब डरावनी लगने लगी थी 😰📸।
🏠 घर पहुंचते ही, अनन्या ने दरवाज़ा ज़ोर से बंद किया, लॉक किया 🔒 और सीधे अपने कमरे की ओर भागी।
> “क्या हुआ अनन्या?!” माँ ने पूछा 😧
> “रयान नहीं है... और आर्यन ज़िंदा है।” 😵
माँ का चेहरा सफेद पड़ गया 🏳️। वो एक पुराना ड्रॉर खोलकर पेपर कटिंग निकाल लाईं 📰🗞️—
हेडलाइन:
> "स्थानीय युवक रयान कौल मृत पाया गया – जानवरों के हमले की आशंका"
🗓️ 17 अगस्त 2024
माँ की आँखों में आंसू थे 💧—
> "वो मेरे दोस्त का बेटा था... बहुत प्यारा लड़का। पर जब बॉडी मिली... इंसान जैसी नहीं थी।” 😔
📱 तभी फिर से फोन बजा... उसी अनजान नंबर से —
> “तुमने बहुत देख लिया।” 🕷️👁️
📱 फोन हाथ से गिर गया...
स्क्रीन पर जो तस्वीर थी, उसने उसे कंपा दिया 😨
एक फोटो... उसकी खुद की
...जंगल में...
...पर उस फोटो को उसने कभी खींचा ही नहीं था... 🫣📸
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"रहस्य की जड़" 🌪️🌌
अगली सुबह 🌅, वो फिर उसी जंगल में पहुंची।
अब डर नहीं था — बस जानने की ज़िद थी 🔍💥।
एक बार फिर उसी जगह —
...जहाँ वो टूटा हुआ ट्राइपॉड था 🎥,
...वो लाल जैकेट... फटी हुई, भीगी 🌧️🧥
और फिर...
> एक हल्की सी सरसराहट... फिर सन्नाटा... फिर आवाज़ 😶🌫️
"तुम दोबारा आओगी, ये मालूम था मुझे..."
❗ सामने आर्यन खड़ा था।
> "रात को... वो आवाज़ किसकी थी?" अनन्या ने पूछा।
आर्यन धीरे से बोला —
> "यह जगह किसी को चैन से नहीं छोड़ती।"
> “पर तुम… दो साल से कहां थे?” 😟
वो चुप रहा… और फिर बोला —
> “मैं कभी गया ही नहीं।”
“मैं फँसा था… वहां… ध्यान में। जितना कोई सच जानने की कोशिश करता है, उतना ही वो उसमें डूबता है।” 🧠💀
> "पर रयान?" 😳
आर्यन कांप गया।
> “वो नहीं है। जो तुमने देखा... वो ‘वो’ नहीं था।”
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💘 वो पल जो ठहर गया था...
वो एक पल को रुकी।
आंखों में झांक कर पूछा —
> “तुम हो ना, आर्यन? सच में?” 🙈
आर्यन ने उसका हाथ पकड़ा —
गरम था, धड़कता हुआ।
> “मैं हूं… पर अब बहुत कुछ वैसा नहीं रहा जैसा पहले था।” 💔
और उस जंगल की ख़ामोशी में…
एक हल्की सी मुस्कान उभरी दोनों के चेहरों पर 🙂🌸।
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📂 "रयान की डायरी"
वापस लौटकर अनन्या ने उस पुरानी फाइल को दोबारा खोला।
एक पेज पर पीछे की ओर एक छिपा हुआ हिस्सा मिला...
...एक गुप्त जेब... जिसमें एक डायरी थी 📓🔒।
"रयान की डायरी"
> “...कई बार मुझे लगता है कोई मुझे देख रहा है। कैमरे में कुछ कैद हो जाता है... जो वहां नहीं था।”
“वो जंगल... उसकी हवा अलग है। वहां हर चीज़ ज़िंदा लगती है।”
> “मैंने एक रात देखा... मैं खुद को देख रहा था… लेकिन वो मैं नहीं था…” 😵🪞
अनन्या की रूह कांप गई 😰।
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🌒 रात फिर आई...
उस रात, खिड़की से बाहर अजीब सी रोशनी आ रही थी।
कोई साया…
...और अचानक दरवाज़ा खुद-ब-खुद खुल गया 🚪🌫️
> 📱 एक मैसेज आया —
"कब्र से बाहर जो आता है, वो वापिस नहीं जाता।"
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🌌 फिर मिलन... या विदाई?
सुबह 🌤️, अनन्या फिर उसी जगह गई।
आर्यन पहले से मौजूद था।
> “मैं यहां से भागना चाहता हूं,” उसने कहा।
“तुम साथ चलोगी?” 🚶♂️🤝🚶♀️
अनन्या ने उसकी आंखों में देखा...
कुछ था वहाँ... रहस्य, दर्द... और प्यार भी शायद? 💘😳
> “चलती हूं,” उसने कहा।
वो दोनों चलने लगे…
पीछे वो जंगल… धीरे-धीरे धुंध में खोने लगा 🌁🍃।
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लेकिन....
पीछे से आवाज़ आई —
> “अनन्या…”
“एक फोटो तो रह गई…” 😈📸
अनन्या ने मुड़कर देखा —
रयान खड़ा था…
पर उसकी आंखें… इंसानी नहीं थीं। 👁️🔥
> “मैंने कहा था ना... कुछ ऐसा जो दिखना नहीं चाहता…” 🧟♂️
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📱 फोन फिर बजा।
मैसेज:
> “तुम दोनों अब मेरे हो। जंगल अब तुम्हारा नहीं… तुम जंगल के हो।” 🌲💀
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📚 अंत... या शुरुआत?
अचानक दोनों की आंखों के सामने अंधेरा छा गया...
एक आखिरी चीख़...
> "भागो!!!" 🏃♀️🏃♂️
फिर सन्नाटा...
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📍अंतिम दृश्य:
एक कैमरा पड़ा है जंगल के बीच में...
फ्लैश ऑन होता है...
एक फोटो क्लिक होती है...
...लेकिन आसपास कोई नहीं होता।
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> ❓ क्या वो बचे?
❓ क्या जंगल ने उन्हें निगल लिया?
❓ या कोई नई शुरुआत हो चुकी है?