अब तक आपने पढ़ा:
कुछ ही देर में उसकी गाड़ी एक बड़े से मेंशन के आगे आकर रुकती है। वह बाहर निकलती है। सामने एक बहुत बड़ा सा मेंशन था। तीन साल बाद वह यहां आई थी। कितनी यादें जुड़ी थीं इस जगह से। उसकी आंखों में हल्की नमी आने लगती है। वह मेंशन को देखते हुए फिर उन यादों में खो जाती है।
अब आगे,
(फ्लैशबैक...)
5 साल पहले
सिंघानिया पैलेस,
जिसे चारों तरफ से किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंदर हर जगह गुलाब के फूलों से सजावट की गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बड़ा फंक्शन हो। और क्यों न लगे — आखिरकार सिंघानिया परिवार के सबसे बड़े बेटे ताबिश सिंघानिया की शादी जो थी।
बड़े-बड़े बिज़नेसमैन, नामी हस्तियां, और मीडिया तक इस शादी को कवर करने पहुंचे थे।
महल की रौनक बस देखने लायक थी।
🖤 ऊपर कमरे में —
एक 6 फुट 2 इंच लंबा आदमी । काले रंग की शेरवानी पहने । आईने के सामने खड़ा अपने ऊपर के बटन बंद कर रहा था।
वो और कोई नहीं, ताबिश सिंघानिया था। चेहरे पर वही पुराना रौब, मगर आंखों में थकान... जैसे वो इस शादी से जुड़ा ही न हो। तभी दरवाज़े से एक औरत अंदर आती है । उम्र लगभग 50-55। उसे देखते ही ताबिश की आंखें गुस्से से लाल हो जाती हैं।
"Mrs. सिंघानिया," — ताबिश अपनी आवाज़ को काबू में रखते हुए कहता है, -"शायद आप भूल चुकी हैं कि किसी के कमरे में नॉक करके अंदर आना चाहिए ।
"फिर थोड़ी व्यंग्यात्मक मुस्कान के साथ कहता है । "वैसे भी आपकी आदत है - जब आप किसी की ज़िंदगी में बिना पूछे दखल दे सकती हैं, तो यह तो बस एक कमरा है।"
उनकी आंखों में हल्की नमी छा जाती है, पर वो खुद को संभालते हुए कहती हैं । बेटा , हम तो तुम्हारी मां है। और आप इस लहज़े मै हमसे बात नहीं कर सकते।
ताबिश अपने माथे को हल्का टैप करता है । Mrs. सिंघानिया, मेरे पास आपकी फालतू बातों के लिए वक्त नहीं है। बताइए किस काम से आई हैं?
माया जी थोड़े धीमे स्वर में कहती हैं । नीचे शादी का मुहूर्त शुरू होने वाला है, बेटा। बस यही कहने आई थी कि जल्दी से तैयार हो जाइए। ताबिश उनकी तरफ बिना देखे ही जवाब देता है ।
"आप जा सकती हैं।"
माया जी चुपचाप, भारी मन से दरवाज़े की ओर मुड़ती हैं और कमरे से बाहर चली जाती हैं।
वहीं दूसरे कमरे में —
एक लड़की — पूरी तरह दुल्हन के लिबास में तैयार।
शीशे के सामने खुद को देखकर मुस्कुराती है ।
"Finally, ताबिश सिंघानिया मैंने तुम्हें पा ही लिया।
आज से मैं मोनिका सिंघानिया बनने जा रही हूं।"
पीछे से उसकी मां आती है ।
"बस बेटा, तुम्हारी शादी इस घर में हो जाए ,फिर सिंघानिया परिवार की बर्बादी शुरू।"
वो लड़की मोनिका - इतराते हुए बोलती है ।"Yes mom… उस बुढ़िया को मनाने में कितनी मेहनत करनी पड़ी। लेकिन अब सब खत्म। ताबिश सिर्फ मेरा है।
आप जानती नहीं मैंने कितनी मेहनत की है मैने उसे पाने के लिए । बचपन से अब तक... पर वो है कि मुझे देखता तक नहीं!"
उसकी मां थोड़ा गंभीर लहजे में ,
"बेटा, थोड़ा संभलकर चलना। तुम नहीं जानती, तुम जिससे टकरा रही हो वो ताबिश सिंघानिया है । जिसे लोगों की चाल पहले ही समझ आ जाती है।"
मोनिका आंखों में जुनून लिए कहती है । अब बहुत दूर आ चुकी हूं मॉम , पीछे हटने का सवाल ही नहीं। And please, आज के दिन मेरा मूड मत खराब कीजिए।"
वो अपने मेकअप को फिर से ठीक करने लगती है।
तभी पीछे से एक मेड आती है —
Ma’am, माया मैम ने कहा है कि मुहूर्त हो गया है।
मोनिका लहंगा उठाते हुए ।
Okay, तुम जा सकती हो।
पर मेड अभी भी खड़ी रहती है।
मोनिका तीखी नजरों से उसकी ओर देखकर बोलती है —
अब यहां खड़े-खड़े मेरा मुंह क्या देख रही हो? दफा हो जाओ ।
मेड डरते हुए वहां से भाग जाती है।
नीचे मंडप में —
नील और उजले गुलाबों से सजा भव्य मंडप ,बीच में बैठा था ताबिश, चेहरा एकदम भावहीन। सबकी नजरें ऊपर की ओर जाती हैं । जहां से मोनिका सीढ़ियों से नीचे आ रही थी।
हर कोई उसे देख रहा था, सिवाय ताबिश के। वो बस चुप था । जैसे वहां मौजूद ही न हो। उसने ये शादी सिर्फ अपनी दादी की वजह कर रहा था । मोनिका उसके बगल में आकर बैठ जाती है। पंडित जी मंत्र पढ़ते हैं, शादी की रस्में शुरू होती हैं।
वहीं दूसरी तरफ —
एक मर्सिडीज रात की खामोशी को चीरती हुई तेज़ रफ्तार में चली जा रही थी। उसके पीछे 15 से 20 गाड़ियां और भी थीं । सब एक ही दिशा मे , जैसे कोई तूफान आने वाला हो।
कुछ ही देर में गाड़ी एक भव्य पैलेस के सामने आकर रुकती है। दरवाज़ा खुलता है।
उसमें से उतरती है एक लड़की ।
मैरून कलर का लहंगा, चूड़ियां खनकती हुईं, आंखों में आग और दिल में तूफान।वो बिना एक पल रुके तेज़ क़दमों से आगे बढ़ती है । जैसे किसी की दुनिया पलटने जा रही हो।
आगे जारी है .............
Ye "Obession of my girl" ka 3rd part hai. Agar Aplog ko 1 ya 2nd part padhna hai to wo aap mere profile par jakar padh skte hai. Waha available hai .