एनाबेल डॉल की कहानी दुनिया की सबसे मशहूर और खौफनाक डरावनी कहानियों में से एक मानी जाती है। यह कोई फिल्मी कल्पना नहीं, बल्कि एक सच्ची पैरानॉर्मल घटना है, जिसे अमेरिका के मशहूर पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स Ed & Lorraine Warren ने खुद अनुभव किया और दस्तावेज़ किया है।
एनाबेल डॉल की सच्ची घटना पर आधारित भूतिया कहानी
सुनसान रात थी। बाहर कड़ाके की ठंड, और अंदर मोमबत्तियों की मद्धिम रोशनी।
डोना, एक नर्सिंग छात्रा, अपनी रूममेट एंजी के साथ नए अपार्टमेंट में आई ही थी। जन्मदिन पर डोना को उसकी मां ने एक पुरानी रैग्डी एन डॉल (कपड़े की गुड़िया) गिफ्ट की थी। डोना ने उस गुड़िया को अपने बेड के ऊपर रख दिया।
शुरुआत में सब सामान्य था। लेकिन फिर, कुछ अजीब शुरू हुआ...
डोना और एंजी ने नोटिस किया कि गुड़िया कभी बेड पर होती, तो कभी सोफे पर। एक बार तो दरवाज़ा बंद होने के बावजूद वह किचन में बैठी मिली, और एक बार छुरी के पास!
"तूने इसे किचन में रखा था क्या?" एंजी ने डरते हुए पूछा।
"नहीं... मैं तो इसे छूई भी नहीं दो दिन से," डोना बोली।
एक दिन डोना के बैग में एक कागज़ का टुकड़ा मिला। बच्चों की हैंडराइटिंग में लिखा था —
“HELP ME…”
अगले दिन एक और चिट्ठी —
“HELP LOU…”
और फिर एक दिन, डॉल के हाथ और चेहरे पर लाल रंग के धब्बे दिखे। ऐसा लग रहा था जैसे खून के छींटे हों।
लू, डोना का दोस्त, एक रात उनके फ्लैट पर रुका।
उसे सपना आया। एनाबेल उसके ऊपर चढ़कर उसे गला घोंट रही है।
वह चीख कर उठा और उसके सीने पर सात गहरे खरोंच के निशान थे।
"ये कोई सपना नहीं था," उसने कांपती आवाज़ में कहा।
डोना और एंजी ने एक पादरी और फिर वॉरेन कपल को बुलाया।
वॉरेन ने बताया,
कोई मासूम बच्ची की आत्मा नहीं है जैसा डोना को पहले बताया गया था ये एक चुड़ैल है, जो इस गुड़िया के माध्यम से किसी इंसान के शरीर में घुसना चाहता है।"
उन्होंने तुरंत एक एक्सॉर्सिज़्म कराया और डॉल को अपने साथ ले गए।
वॉरेन परिवार ने डॉल को अपने Occult Museum (ऑकुल्ट म्यूज़ियम) में एक ग्लास केस में बंद कर दिया, जहाँ उस पर एक तावीज़ और चेतावनी का बोर्ड है: "Do Not Touch" (छूना मना है)।
कहा जाता है कि जिसने भी उस चेतावनी को नज़रअंदाज़ किया, उसके साथ खतरनाक हादसे हुए। जैसे बाइक एक्सीडेंट, रहस्यमयी मौतें आदि।
यह कोई काल्पनिक हॉरर स्टोरी नहीं, बल्कि सच्ची घटनाओं और चश्मदीद गवाहों पर आधारित है। ये कहानी Ed & Lorraine Warren के केस फाइल्स से ली गई है।
जब पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर्स एड और लोरेन वॉरेन ने एनाबेल डॉल को अपने साथ ले लिया और अपने Occult Museum में एक लकड़ी और कांच की पेटी में बंद कर दिया। तो सभी को लगा कि अब शांति मिल जाएगी।
डॉल के केस में खास मंत्रों से तावीज़ लगाया गया था और उस पर रोज़ Catholic प्रार्थनाएं (Holy Prayers) पढ़ी जाती थीं।
लेकिन…
जब एड वॉरेन एनाबेल को लेकर अपने घर जा रहे थे, तब रास्ते में उनकी गाड़ी के ब्रेक तीन बार अचानक फेल हुए।
बाद में एड ने कहा: "मैंने पीछे देखा... डॉल की आँखें बदल चुकी थीं।”
उन्होंने बीच रास्ते में कार रुकवाई, डॉल के ऊपर पवित्र जल (Holy Water) छिड़का, तब जाकर सब कुछ सामान्य हुआ।
एक दिन एक युवक और उसकी गर्लफ्रेंड वॉरेन म्यूज़ियम घूमने आए।
वह लड़का एनाबेल डॉल की कहानी पर हँसने लगा।
उसने कांच के केस को हिलाते हुए कहा, “अगर सच्ची है तो मुझे नुकसान पहुँचा के दिखा!”
लोरेन वॉरेन ने उसे तुरंत बाहर निकाल दिया।
लेकिन 3 घंटे बाद...
वही युवक अपनी बाइक से एक पेड़ से टकराया। और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसकी गर्लफ्रेंड कई महीनों तक कोमा में रही।
म्यूज़ियम के गार्ड्स ने कई बार देखा कि एनाबेल का सिर कभी दाएँ होता, कभी बाएँ कभी-कभी उसकी आँखें घूमती हुई दिखती थीं। CCTV में कई बार हल्की मूवमेंट्स रिकॉर्ड हुईं
एक बार तो एक पादरी, जो म्यूज़ियम में आया था, बोला: “यह डॉल नहीं, एक जीवित बुराई है!”
Ed Warren की मौत के बाद भी Loarraine Warren ने म्यूज़ियम में प्रार्थनाएं जारी रखीं। 2019 में लोरेन वॉरेन की मृत्यु के बाद म्यूज़ियम बंद कर दिया गया, लेकिन एनाबेल अब भी उसी केस में बंद है।
एनाबेल अब भी मौजूद है — Connecticut (USA) में वॉरेन परिवार के संग्रहालय में, एक विशेष ग्लास केस में, केस पर लिखा है:
"WARNING: POSITIVELY DO NOT OPEN"