Last Murder - 10 - Last part in Hindi Crime Stories by Jaidev chawariya books and stories PDF | लास्ट मर्डर - भाग 10 (अंतिम भाग)

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लास्ट मर्डर - भाग 10 (अंतिम भाग)

पहला साया बोनट पर बैठे दूसरे साया से बोला— "अरे उस्ताद आने में बहुत समय हो गया।

"साली पुलिस की नौकरी ऐसी हैं  ऊपर से हमारे सर श्रीकांत ने ओर दुखी कर रखा है।" हर कई मुझे साथ लेकर घूमता हैं वो तो उसको बस नही चलता। वरना साला टॉयलेट करने जाए, तो मुझे वहा भी अपने साथ ले जाए । पहला साया कोई ओर नहीं बल्कि रामसिंह था।

दूसरा साया राम सिंह से हाथ मिलते हुए बोला— "अगर तुम मेरा साथ नहीं देते तो मेरे लिए यह सब करना मुमकिन नहीं था । 

राम सिंह हंसा, नहीं उस्ताद पैसा आदमी से सब करा देता हैं पैसा बहुत कुत्ती चीज होता है । पैसों के आगे अच्छे - अच्छों का  ईमान डगमगा जाता है।

साये के होठों पर एक क्रूर मुस्कान खिल उठी, सही कह रहे हो राम सिंह ।

राम सिंह उत्साहित होकर बोला,  क्या बात है उस्ताद एक तीर से तीन शिकार कर दिए आपने तो ।

साया की आवाज में एक दर्द था उसकी आंखे नम थी । राम सिंह तुम यह सोच रहे होंगे ? की यह सब मैने क्यों किया ? आज रिया की आत्मा को शांति मिली होगी, क्योंकि रिया के साथ रेप करने वाले कोई ओर बल्कि साजन व अमित थे ।

राम सिंह मुंह फाड़े साये को देखने लगा जैसे साया दूसरे ग्रह से धरती पर आया हो। राम सिंह की जुबान लड़खड़ा उठी, रिया के साथ उस्ताद आपका क्या रिश्ता है ?

साये ने बोलना शुरू किया, रिया मेरी बहन थी साया कोई नहीं बल्कि राहुल खन्ना था ।

"उस्ताद जहां तक मुझे पता है की आपकी कोई बहन नहीं है ।"

"तुमने बिलकुल सही सुना है पर रिया मेरी मुंह बोली बहन थी। बात आज से कोई दो साल पहले की है जब मेरी और राधा की शादी तय हुई थी। तब हम दोनो शादी से पहले एक मंदिर में मिले थे राधा के साथ मंदिर में रिया भी आई थी। हम तीनो ने मिलकर मंदिर में माता रानी के दर्शन किए और खूब बाते की थी। रिया ने देखा कि में उदास था फिर उसने मुझसे सवाल किया की, में उदास क्यों हूं ? फिर मैने बताया की आज मेरा मन बहुत उदास । क्योंकि आज रक्षाबंधन का त्योहार है मेरी कोई बहन नही है, हर साल मेरी कलाई सुनी रहे जाती है । काश मेरी भी कोई बहन होती तो आज मेरी कलाई सुनी नहीं होती। तभी रिया ने मुझे अपना मुंह बोला भाई बना लिया। मुझे राखी बांधी उसके बाद हम दोनो के बीच में एक रिश्ता जुड़ गया था । अपनी बहन की शक्ल में रिया को पाकर में कितना खुश था पर मेरी खुशी ज्यादा समय तक ना चल सकी , रिया का किसी ने रेप कर उसका खून कर दिया था। जब मुझे पता चला तो मेरी सारी दुनिया उजड़ गई, इतनी मुश्किल से मुझ बेचारे को बहन का प्यार नसीब हुआ था। की दो जालिमों ने मुझसे मेरी बहन को छीन लिया। रिया के कत्ल के बाद मैने उसके कई दोस्तो से पूछा तो, पता चला की आखिरी समय में रिया सैनिक चौक पर देखी गई थी। उसके बाद रिया को किसी ने नहीं देखा, मैने बहुत कोशिश की पर मुझे कोई सुराग नही मिल सका । उसके बाद में जंगल में गया जहां रिया का मर्डर हुआ था। सुबह से लेकर शाम तक पूरा जंगल छान मारा पर कुछ हासिल नहीं हुआ । फिर में अपनी कार की तरफ बढ़ा तो मेरी नजर जमीन पर पड़ी जहां एक चीज पड़ी थी। हल्की सी कुछ चमक रही थी, मैंने नीचे झुक कर उस चमकती चीज को उठाया तो वह एक सोने की चैन थी । जैसे ही मैंने चैन साफ करी तो हैरत के मारे मेरी आंखे फटी की फटी रहे गई। क्योंकि उस चैन पर साजन लिखा हुआ था और साजन को वो चैन मैने ही उसके पिछले जन्मदिन पर गिफ्ट की थी । मेरा दिल यह मैने को तैयार नहीं हो रहा था की मेरी बहन रिया के साथ रेप करने वाला कोई और नहीं बल्कि मेरा खुद का सगा भाई है। मैने चैन अपनी जेब की हवाले की ओर अपने घर चला आया ।

राम सिंह तुम समझ भी नहीं सकते की उस समय मेरी क्या हालत थी। जब मुझे पता चला की जिससे में ढूंढ – ढूंढ कर पागल हो रहा था, आज वो मेरे सामने था पर वो मेरा भाई था मेरा अपना खून, उसके बाद में दिन रात यही सोच में रहने लग गया की अब क्या करूं ? फिर एक रात मेरे सपने में मेरी बहन रिया आई और बोली क्या हुआ भाई, तुम्हारी बहन की आत्मा भटक रही हैं । तुमने मेरी मौत का बदला क्यों नही लिया ? इसलिए की में तुम्हारी सगी बहन नही हूं फिर में रोने लग गया, नही मेरी बहन ऐसी बात नहीं है ? में उस दूसरे आदमी का पता कर रहा हूं । जैसे ही उस दूसरे आदमी का नाम पता चल गया तो समझो में इन दोनो दरिंदो को जान से मार दूंगा। मुझे पता है मेरे भाई, तुम अपनी इस बहन से बहुत प्यार करते हो । फिर अगले दिन में साए की तरह साजन के पीछे लग गया और फिर मुझे पता चला की वह दूसरा आदमी अमित बजाज था। मेरा खून खोल उठा फिर मेरे दिमाग में एक प्लान आया । सांप भी मर गया और लाठी भी नही टूटी, मैंने अपनी बहन को इंसाफ दिला दिया। आज मेरी बहन की आत्मा को शांति मिली होगी, राम सिंह तुमने मेरा साथ दिया । बाकी मैने खेल ही ऐसा खेला था की कोई नही समझ सका ? मेरे खेल को! साजन व सोनिया अमित का मर्डर करके मुझे फंसाना चाहते थे। वो तो मुझे पता चल गया था इनका प्लान, मैने ही अपनी मम्मी का एक्सीडेंट करवाया और तुमने अपना काम बेखूबी किया। इंस्पेक्टर श्रीकांत को मुझे गिरफ्तार करना था उसने करा, मैने जानबूझकर अपने आप को गिरफ्तार होने दिया। ताकि में श्रीकांत की नजरों में बेकसूर रह सकू। अगर में चाहता तो एक दिन भी श्रीकांत मुझे हवालात में बंद नही रख सकता था ? पर प्लान के मुताबिक मेरा हवालात में बंद रहना जरूरी था। मुझे अपने प्लान के मुताबिक जो सब करना था इसलिए हॉस्पिटल से पहले में अमित बजाज के घर गया, ताकि सब प्लान के मुताबिक हो सके उसके बाद वही हुआ जो मैंने पहले से ही सोच रखा था। कैसे तुमने मेरे कहने पर साजन को मार दिया व साजन ने सोनिया को और सोनिया ने अपने पति अमित बजाज को, राम सिंह यह रह तुम्हारे   पचास लाख रूपए वादे के मुताबिक। राहुल खन्ना सूटकेस रामसिंह की तरफ बढ़ता हुआ बोला ठीक है फिर मिलते हैं । 

राम सिंह की आंखे में पैसों की चमक साफ नज़र आ रही थी उसने जैसे कोई किला फतेह कर लिया हो। उस्ताद फिर कभी जरूरत पड़े तो, बंदे को याद कर लेना, बंदा आपकी सेवा में हमेशा हाज़िर रहेगा ।

रामसिंह जीप में सूटकेस डालकर खंडहर से बाहर निकल और अपनी जीप सड़क पर दौडा दी।

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