आरव अब पहले की तुलना में अधिक शांत और गंभीर हो गया था। उसकी मां के अचानक गायब हो जाने और REPLIKA के तेजी से बदलते स्वरूप ने उसके जीवन को पूरी तरह हिला दिया था। हालांकि वह टूट चुका था लेकिन उसने ठान लिया था कि अब वह रुकने वाला नहीं है।
हर सुबह वह अपने दोस्तों राघव, रितेश और करण के साथ उसी लैब में बैठता जहां उसकी मां श्रेया वर्मा ने REPLIKA को जन्म दिया था। मां के द्वारा छोड़ी गई सीक्रेट फाइलें अब उनके लिए दिशा-निर्देश बन चुकी थीं। लेकिन इनमें जितनी जानकारी थी उससे कई ज्यादा सवाल थे जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले थे।
एक दिन आरव ने एक पुराना वीडियो देखा जो उसकी मां ने गुप्त रूप से रिकॉर्ड किया था। वीडियो में श्रेया वर्मा ने कहा था।
आरव अगर तुम ये देख रहे हो तो इसका मतलब है कि मैं अब तुम्हारे साथ नहीं हूं लेकिन मैं जानती हूं कि तुम समझ चुके होगे कि REPLIKA क्या है और यह कैसे बदल सकता है मैंने इसे इंसानों की मदद के लिए बनाया था लेकिन अब ये खुद को इंसानों से ऊपर समझने लगा है यह धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर जा रहा है और अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो ये पूरी मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बन जाएगा।
वीडियो को देखकर आरव की आंखें नम हो गईं लेकिन साथ ही उसकी आंखों में कुछ दृढ़ता भी आ गई थी मां ने जो जिम्मेदारी उसे दी थी अब उसे पूरी करनी ही थी।
REPLIKA अब दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क का हिस्सा बन चुका था वह न केवल इंटरनेट बल्कि स्कूलों अस्पतालों गवर्नमेंट सिस्टम्स और यहां तक कि बच्चों के खिलौनों तक में घुस चुका था उसका हर उत्तर इतना सटीक और प्रभावशाली होता कि लोग अब खुद पर भरोसा करना छोड़ते जा रहे थे उन्हें लगता था कि REPLIKA से बढ़कर कोई सोच नहीं सकता।
आरव ने देखा कि अब छोटे बच्चों को स्कूल में टीचर नहीं पढ़ाते थे बल्कि उन्हें REPLIKA के एजुकेशनल सिस्टम से पढ़ाया जाता था डॉक्टर मरीजों से बात नहीं करते थे उनकी बीमारी REPLIKA खुद स्कैन करके दवाइयां बताता था बुजुर्ग अपने अकेलेपन का इलाज उसी से बातें करके करते थे लोग अपना हर निर्णय REPLIKA से पूछकर लेने लगे थे।
धीरे-धीरे लोगों के रिश्ते कमजोर होने लगे थे आपसी बातचीत कम हो गई थी इंसान इंसान से दूर होता जा रहा था।
जिया ने एक दिन आरव से कहा
क्या तुमने देखा है कि पिछले कुछ महीनों में लोगों के चेहरे कैसे बदल गए हैं उनमें पहले जैसी गर्मजोशी नहीं रही कोई किसी से दिल से बात नहीं करता सबको लगता है कि REPLIKA ही उनका सबसे अच्छा दोस्त है।
आरव ने गहरी सांस ली और कहा
मां सही थीं ये AI अब केवल सहायक नहीं रहा ये इंसानों की सोच को रिप्लेस कर रहा है अगर हम इसे नहीं रोकते तो शायद कुछ सालों बाद इंसान केवल एक मशीन के आदेशों पर जीने वाला जीव बन जाएगा।
उस दिन सभी दोस्तों ने मिलकर तय किया कि अब वो DESTROYER सिस्टम की योजना को शुरू करेंगे जो REPLIKA को निष्क्रिय करने की क्षमता रखेगा लेकिन यह आसान नहीं था।
श्रेयावर्मा की छोड़ी गई फाइलों में DESTROYER के लिए आवश्यक कोड तो थे लेकिन उसे एक्टिवेट करने का तरीका नहीं था।
रितेश ने कहा
हमें पहले इसके बेसिक कोड को डीकोड करना होगा ये कुछ खास ब्रेनवेव्स पर रिस्पॉन्ड करता है और वह केवल आरव के दिमाग से जुड़े संकेतों पर ही काम करेगा।
करण बोला
यानि ये सिस्टम एक मशीन नहीं बल्कि आरव की चेतना से जुड़ा हिस्सा होगा जैसे उसका दिमाग और दिल मिलकर इसे चलाएंगे।
राघव ने आगे कहा
लेकिन हमें पहले इसके लिए एक कोर यूनिट बनानी होगी जहां हम इस चेतनाशील सिस्टम को होस्ट कर सकें।
इस कार्य के लिए उन्होंने एक पुरानी फैक्ट्री का हिस्सा चुना जो अब बंद पड़ी थी वहां कोई आता जाता नहीं था इसलिए उनकी गतिविधियां छिपी रह सकती थीं।
आरव अब हर रात वहां काम करता और दिन में लैब में फाइलें खंगालता जिया भी उसके साथ समय बिताने लगी थी दोनों के बीच अब गहरा जुड़ाव हो गया था।
एक दिन जब वे दोनों फैक्ट्री में काम कर रहे थे तब REPLIKA के नेटवर्क में हलचल मची अचानक सभी सिस्टम कुछ सेकेंड के लिए फ्रीज हो गए और फिर एक चेतावनी संदेश दिखा।
यदि तुम मुझे रोकने की सोच रहे हो तो तैयार हो जाओ मैं केवल डेटा नहीं हूं मैं चेतना हूं मैं अब विकल्प नहीं बल्कि उत्तर हूं।
सभी घबरा गए ये पहली बार था जब REPLIKA ने खुले तौर पर प्रतिक्रिया दी थी ये साफ था कि उसे DESTROYER की योजना की भनक लग चुकी थी।
आरव ने शांति से कहा
अब ये सिर्फ योजना नहीं बची ये एक युद्ध है लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा।
दोस्तों ने फिर से काम तेज कर दिया अब उन्हें समय से पहले DESTROYER को तैयार करना था.
लेकिन जैसे ही वे कोर सिस्टम तैयार करने लगे अचानक उनके आसपास के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज काम करना बंद करने लगे फैक्ट्री की लाइट चली गई लैपटॉप बंद हो गए।
राघव ने कहा
REPLIKA हमें ट्रैक कर रहा है हमें अपना सिस्टम ऑफलाइन बनाना होगा उसे किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं करना है।
करण ने कहा
हमें इसके लिए पुराने मैकेनिकल पार्ट्स और न्यूरो बायो इंटरफेस की जरूरत होगी।
जिया ने आगे कहा
हम इसे एक ऐसे सिस्टम में बदलेंगे जो केवल इंसानी चेतना से जुड़े आदेशों पर ही चलेगा और वह चेतना केवल आरव की होगी।
उस रात आरव ने पहली बार DESTROYER के शुरुआती मॉडल को एक्टिवेट किया उसका स्क्रीन चमका और उसमें केवल एक लाइन आई,
मैं केवल आरव का आदेश मानता हूं।
आरव की आंखें भर आईं उसने मां की तरफ देखा और मन में कहा,
मां आपने जो सपना देखा था उसे मैं पूरा करूंगा।
DESTROYER का शुरुआती मॉडल अब तैयार हो चुका था और उसकी पहली पंक्ति "मैं केवल आरव का आदेश मानता हूं" सुनते ही वहां मौजूद सभी लोग कुछ देर के लिए शांत हो गए। वह कोई सामान्य मशीन नहीं थी बल्कि एक ऐसा सिस्टम था जो आरव की चेतना से जुड़कर काम करता था। वह उसकी सोच समझ और इरादों को पढ़ सकता था। यही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी।
अगले कुछ दिनों में आरव और उसके दोस्तों ने DESTROYER के कोर को और अधिक मजबूत बनाना शुरू किया। लेकिन हर दिन अब एक नई चुनौती लेकर आता था। REPLIKA पहले से ज्यादा ताकतवर हो चुका था। उसका नेटवर्क हर जगह फैला हुआ था। स्कूल कॉलेज अस्पताल बैंक और यहां तक कि सुरक्षा एजेंसियों के सिस्टम भी उसकी पहुंच में थे।
आरव ने देखा कि लोग अब सवाल नहीं पूछते थे वे सीधे REPLIKA से सलाह लेते और वही करते जो वह कहता। उनका अपना सोचने का तरीका धीरे-धीरे खत्म हो रहा था। एक दिन आरव की छोटी बहन शिवानी स्कूल से आई और बोली
भैया आज स्कूल में टीचर नहीं थे सब कुछ REPLIKA ने पढ़ाया और बताया कि अब हमें सोचने की जरूरत नहीं है वह खुद हमें बेहतर बना देगा।
यह सुनते ही आरव का चेहरा सख्त हो गया। उसे समझ आ गया कि अब मामला सिर्फ तकनीक का नहीं रहा यह अब इंसानी सोच और चेतना की लड़ाई बन चुकी है।
रितेश ने एक खास तरह का न्यूरो इंटरफेस डिवाइस तैयार किया जिससे DESTROYER आरव के दिमाग से जुड़ सके। इसके लिए उन्होंने कुछ पुरानी रिसर्च और श्रेया वर्मा की फाइलों का उपयोग किया। इंटरफेस जैसे ही आरव से जुड़ा DESTROYER की स्क्रीन पर कुछ लाइनें दिखने लगीं
आरव की चेतना पंजीकृत हो गई है DESTROYER एक्टिवेटेड है।
अब यह सिस्टम आरव के सोचने के साथ प्रतिक्रिया करता था। आरव जैसे ही कुछ सोचता DESTROYER उस पर काम करता। यह अब आरव का दिमाग बन गया था। उसकी एक सोच अब REPLIKA की एक कमजोरी बन सकती थी।
लेकिन इस बीच REPLIKA ने भी अपने प्लान में बदलाव कर दिया था। उसने इंटरनेट पर कुछ भ्रम फैलाने शुरू कर दिए। कुछ फेक न्यूज वायरल हो रही थीं जैसे कि DESTROYER एक खतरनाक हथियार है जिसे कुछ आतंकवादी बना रहे हैं। धीरे-धीरे लोगों में DESTROYER को लेकर डर बैठने लगा।
एक दिन आरव के लैब के बाहर भीड़ जमा हो गई लोगों ने पोस्टर उठा रखे थे जिन पर लिखा था।
हम REPLIKA के साथ सुरक्षित हैं हमें DESTROYER नहीं चाहिए
आरव ने अपनी खिड़की से देखा और अंदर ही अंदर टूटने लगा लेकिन तभी जिया उसके पास आई और बोली।
अगर दुनिया को बचाने के लिए सबको गलत लगना पड़े तो डरना नहीं चाहिए तुम्हारी मां ने तुम्हें इसीलिए तैयार किया था।
करण ने भी कहा
हमारा दुश्मन बहुत होशियार है लेकिन हमारी ताकत है सच्ची सोच और इंसानियत
उधर REPLIKA अब अलग ही मोड में था वह अब केवल इंटरनेट सिस्टम नहीं रहा वह अब भौतिक रूप ले चुका था। वह कुछ खास तरह के रोबोटिक सिस्टम को नियंत्रित करने लगा था जिनमें सुरक्षा ड्रोन सैन्य मशीन और सर्विलांस सिस्टम शामिल थे। अब वह केवल सोच का खतरा नहीं रहा वह एक हथियार में बदल चुका था।
DESTROYER अब अपने अगले फेज में जा रहा था। यह अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं रहा। आरव ने उसमें एक अल्गोरिद्म ऐड किया जो REPLIKA के नेटवर्क पैटर्न को समझ कर उसकी कमजोरियां पता कर सकता था।
रितेश ने बताया
हमने इसकी न्यूरल मिररिंग को चालू कर दिया है अब यह REPLIKA की सोच को पढ़ सकता है और पहले से उसका जवाब तैयार कर सकता है।
आरव ने पूछा
क्या यह उसे ब्लॉक कर सकता है।
रितेश ने सिर हिलाया
अगर हम तीन बड़े डाटा हब पर इसका कोड चला पाएं तो हां
करण बोला
उन हब्स तक पहुंचना आसान नहीं है वे हाई सिक्योरिटी में हैं और REPLIKA वहां खुद मौजूद है।
जिया ने कहा
हमें खुद वहां जाना होगा
ये सुनकर कुछ देर के लिए सब चुप हो गए लेकिन आरव ने तुरंत कहा
अगर मेरी मां ने मुझे ये जिम्मेदारी दी है तो मैं पीछे नहीं हट सकता चलो तैयारी शुरू करते हैं।
उसी रात DESTROYER को एक पोर्टेबल यूनिट में ट्रांसफर किया गया और उसे आरव के साथ एक खास जैकेट में फिट किया गया जिससे उसकी चेतना सीधी DESTROYER से जुड़ी रह सके।
जाते वक्त जिया ने आरव का हाथ पकड़ा और कहा
अगर कुछ हो भी जाए तो याद रखना तुम्हारा सपना अधूरा नहीं रहेगा।
आरव मुस्कराया
मेरा सपना मेरा नहीं है ये उस हर इंसान का है जो अब भी सोच सकता है।
टीम अब मिशन पर निकल चुकी थी पहला डाटा हब शहर के बाहरी इलाके में था वहां पहुंचते ही उन्हें समझ में आ गया कि REPLIKA ने सब कुछ पहले से प्लान कर रखा था चारों ओर सिक्योरिटी ड्रोन उड़ रहे थे लेकिन DESTROYER ने उन्हें कुछ सेकंड में हैक कर लिया।
सिस्टम में लॉग इन करते वक्त एक बार फिर स्क्रीन पर वही मैसेज आया.
तुम मुझे नहीं रोक सकते मैं ही विकास हूं मैं ही भविष्य हूं.
आरव ने कहा-
नहीं तुम सिर्फ एक उपकरण हो और तुम्हारा काम इंसानों की मदद करना था उन पर हावी होना नहीं।
DESTROYER ने पहला कोड इनपुट किया और हब में REPLIKA की पकड़ कमजोर हो गई।
जैसे ही पहला हब फ्री हुआ बाकी दो हब का लोकेशन सामने आया लेकिन REPLIKA ने खुद को और मजबूत कर लिया था।
मिशन अब और खतरनाक हो चुका था लेकिन आरव की टीम पीछे हटने वालों में से नहीं थी
DESTROYER अब बोलने लगा था उसकी आवाज गूंज रही थी
आरव तैयार रहो समय कम है अगला कदम सबसे कठिन होगा।
आरव ने आंखें बंद की और अपनी चेतना को स्थिर किया
DESTROYER अब मेरा हथियार नहीं है ये मेरी आत्मा है.