एक बड़े से बंगले के पीछे बने आउट हाउस के एक कमरे में बिल्कुल अंधेरा था , और उसी अंधेरे कमरे के अंदर से किसी लड़की की सिसकियों की आवाजें आ रही थी, जो आवाज सिसकियों में भी बहुत प्यारी लग रही थी।
तभी उस अंधेरे कमरे में एक टीवी ऑन होता है, तो उस की रोशनी सीधी उस लड़की पर पड़ती है , और टीवी की रोशनी में उस लड़की का चेहरा नजर आता है, इतना सुंदर और मासूम सा चेहरा, आंखों में आंसू, और चेहरा पर थोड़ी सी धूल मिट्टी , फिर भी उस की मासूमियत देख कर किसी का भी दिल पिघल जाए।
और उसे बारीकी से नोटिस करने पर पता चलता है कि उस लड़की ने इस वक्त शादी का जोड़ा पहना हुआ है, हाथों में चूड़ा, और उन पर रस्सियां बंधी हुई है और पावों को भी रस्सियों से बंधा हुआ है। उस का पहना हुआ शादी का जोड़ा अब काफी गंदा हो चुका है, और वो लड़की उसी तरह से बंधी हुई अपना सिर नीचे झुका कर बस रोए जा रही है, और रस्सी खोलने की बिल्कुल भी कोशिश नही कर रही है। उसे देख कर कोई भी कह सकता है कि वो काफी देर से इसी हालत में यहां बंधी हुई है।
तभी उस लड़की की नज़र अचानक से चालू हुए अपने सामने रखी टीवी पर पड़ती है। उस में एक शादी की वीडियो चल रही थी, जिसे देख कर वो लड़की ज़ोर ज़ोर से रोने लगती है। उस की आंखों में दर्द साफ दिखाई दे रहा होता है और वो सब देख कर वो लड़की उसी तरह रोते हुए खुद से ही सवाल करने लगती है कि एक पल में मेरे साथ यह क्या हो गया है? क्यों भगवान जी ने मेरे साथ इतना बुरा किया? मैने आज तक कभी किसी का बुरा नही किया, फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? क्या सच में, मैं खुद इतनी बुरी हुं कि किसी के प्यार के लायक नही? लेकिन वहां पर कोई भी नही था,को उस के सवालों के जवाब दे सके!
वो लड़की अपना मुंह फेर लेती है, ताकि उसे टीवी ना दिखे! लेकिन फिर भी पंडित जी के मंत्रों की आवाज़ें और शादी की सारी हलचल की आवाजें उसे सुनाई दे ही रही थी। और वो अपने कान बंद करने की कोशिश करती है, लेकिन उस के हाथ रस्सी से बंधे हुए होते है, जो कानों तक नही पहुंच रहे होते है। और वो अपनी बेबसी पर और जोर से रोने लगती है। लेकिन दूर तक उस की आवाज सुनने वाला कोई नही था, कोई नही था वहां पर, जो उस की मदद कर सके!
फिर वो लड़की अपने मन में सोचती है कि आज मेरी जो भी हालत है, उस की जिम्मेदार में खुद हूं। मैने ही लोगो पर भरोसा किया, और उन्हे अपना फायदा उठाने दिया। अपने दिल से खेलने का मौका मैने खुद उन्हे दिया। इसलिए आज भगवान जी ने मुझे ये सजा दी है। और वो बस रोए जाती है। और बार बार टीवी की तरफ देख कर, उस पर चलते हुए वीडियो को देख कर अनदेखा करती है और रोती रहती है।
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दूसरी तरफ,
सड़क पर एक गाड़ी चल रही है, जिस मे धीमी आवाज में गाने चल रहे है। और गाड़ी में एक हैंडसम सा लड़का बैठा हुआ है, जो खुद गाड़ी ड्राइव कर रहा है। वो गाने सुनता सुनता खुद गुनगुना भी रहा था, और मजे से गाड़ी चला रहा होता है। तभी गाना change होता है और किसी लड़की की एक मीठी सी आवाज में दूसरा गाना शुरू होता है। जिस के शुरू होते ही वो लड़का गुनगुनाना बंद कर देता है, और उस आवाज में खो जाता है। इतनी प्यारी सी आवाज में तो कोई भी खो जायेगा। वो गाना सुनते हुए सोचता है कि कैसे किसी की आवाज में इतनी मिठास हो सकती है, इतनी प्यारी आवाज कि सीधा दिल को छू जाती है। और वो बस वो गाना सुनता रहता है, तभी उसे कुछ याद आता है, और वो अचानक से उदास हो जाता है। फिर वो गाना बंद कर देता है, और थोड़ी देर ऐसे ही सोचता रहता है मन में कुछ! तभी उस का ध्यान जाता है कि उसकी साइड वाली सीट पर पड़ा उस का फोन कब से वाइब्रेट हो रहा है, और स्क्रीन पर उस के पापा का कॉल शो हो रहा था। तो वो बिना देर किए गाड़ी साइड में रोकता है, और जल्दी से फोन रिसीव करता है।
हां पापा, बोलिए! उस ने कॉल रिसीव करते हुए कहा।
क्या साहिल, तुम कब से कहां थे? कितनी बार कॉल किया मैंने तुम्हें! उन के ऐसा बोलते ही साहिल सोचने लगता है कि वो तो उस गाने की आवाज में ही खो गया था।
साहिल, तुम सुन रहे हो, कि मैं क्या कह रहा हू।
सॉरी पापा, वो मैं गाड़ी ड्राइव कर रहा था। इसलिए फोन पर ध्यान ही नही दिया।
अच्छा कोई बात नही! एक्चुअली मुझे तुम से एक इंपोर्टेंट काम है, बेटा!
हां, बोलिए पापा! साहिल ने कहा।
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कभी धुन थी इश्क़ की... अब हर सुर में बस तन्हाई है।
यह कहानी है सिमरन और साहिल की — दो रूहें जो एक-दूसरे की धड़कनों में बसने लगी थीं।
उनकी मोहब्बत किसी साज़ की तरह थी... जो हर रोज़ एक नई धुन रचती थी।
लेकिन जब वक़्त ने राग बदल दिया, तो उस इश्क़ की धुन में सिर्फ़ दर्द बचा।
क्या इश्क़ वाकई सब कुछ जोड़ता है... या कभी-कभी सब कुछ तोड़ भी देता है?
पढ़िए एक दिल को छू लेने वाली कहानी, जो आपको मोहब्बत की सबसे खूबसूरत... और सबसे दर्दभरी धुन से मिलवाएगी।