lucu movie review in Hindi Film Reviews by aarya chouhan books and stories PDF | Lucy (2014) - दिमाग का WiFi On कर देने वाली फिल्म

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Lucy (2014) - दिमाग का WiFi On कर देने वाली फिल्म

Lucy देखो तो लगेगा जैसे किसी ने पढ़ाई का Shortcut निकाल लिया हो। स्कारलेट जोहानसन एक आम लड़की से सीधी Supercomputer + Google Baba + Avengers सबकुछ बन जाती है।
जैसे-जैसे उसका दिमाग 20%, 50%, 100% तक पहुँचता है, वैसे-वैसे हमें लगता है – काश हमारी Memory भी ऐसे Boost हो जाती, तो Maths की पूरी किताब रट लेते! 🤯

फिल्म में साइंस है, Action है और थोड़ी-सी “क्या हो रहा है भई?” वाली फिलॉसफी भी।
मॉर्गन फ्रीमैन हमेशा की तरह समझाते हैं और लूसी सबको दिखा देती है कि दिमाग सही से चले तो इंसान भगवान बन सकता है।
Lucy’ एक फ्रेंच साइ-फाई थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन ल्यूक बेसन (Luc Besson) ने किया है। इस फिल्म की मुख्य भूमिका में स्कारलेट जोहानसन (Scarlett Johansson) और मॉर्गन फ्रीमैन (Morgan Freeman) हैं। यह फिल्म विज्ञान, एक्शन और दार्शनिक सोच का अनोखा मिश्रण है, जो दर्शकों को शुरुआत से लेकर अंत तक बांधे रखती है।

कहानी ताइपेई (Taiwan) से शुरू होती है, जहां एक आम लड़की लूसी (स्कारलेट जोहानसन) गलती से ड्रग तस्करी के जाल में फँस जाती है। उसके शरीर में CPH4 नाम का एक शक्तिशाली सिंथेटिक ड्रग डाल दिया जाता है, लेकिन जब यह ड्रग उसके शरीर में रिसने लगता है, तो उसके दिमाग की क्षमता धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। जहां इंसान सामान्यतः सिर्फ 10% दिमाग का इस्तेमाल करते हैं, वहीं लूसी की क्षमता 20% से 100% तक पहुँच जाती है। यही फिल्म का मूल आधार है – अगर इंसान अपने दिमाग का 100% इस्तेमाल कर पाए तो क्या होगा?

जैसे-जैसे उसकी क्षमता बढ़ती है, लूसी असाधारण शक्तियाँ हासिल करती है। वह दर्द, डर और भावनाओं से परे जाती है। वह टेलिकिनेसिस, कंप्यूटर और नेटवर्क को नियंत्रित करने जैसी अलौकिक क्षमताओं का इस्तेमाल करने लगती है। इस सफर में वह प्रोफेसर नॉर्मन (मॉर्गन फ्रीमैन) से मिलती है, जो मानव दिमाग की संभावनाओं पर शोध कर रहे होते हैं। लूसी उनसे अपने अनुभव साझा करती है और बताती है कि अब उसका समय बहुत कम बचा है, क्योंकि उसका शरीर सामान्य इंसान की तरह नहीं रह गया है।

फिल्म का सिनेमैटिक अनुभव काफी दमदार है। ल्यूक बेसन ने कहानी को तेज-तर्रार और विजुअल इफेक्ट्स से भरपूर बनाया है। जैसे-जैसे लूसी की दिमागी क्षमता बढ़ती है, वैसे-वैसे फिल्म की गति और दृश्य भी और अधिक आकर्षक होते जाते हैं। बैकग्राउंड म्यूज़िक और कैमरा वर्क दर्शक को हर दृश्य में डूबने पर मजबूर कर देता है।

स्कारलेट जोहानसन ने लूसी के किरदार को बखूबी निभाया है। एक आम लड़की से लेकर सुपरह्यूमन तक का उसका रूपांतरण बेहद प्रभावशाली लगता है। वहीं, मॉर्गन फ्रीमैन की आवाज और स्क्रीन प्रेज़ेंस फिल्म को और गहराई देती है।

हालाँकि फिल्म में कुछ वैज्ञानिक पहलुओं पर सवाल उठाए गए हैं, जैसे कि "मनुष्य सिर्फ 10% दिमाग का उपयोग करते हैं" – यह थ्योरी वास्तविक विज्ञान में गलत मानी जाती है। लेकिन फिल्म इसे आधार बनाकर एक दिलचस्प फिक्शनल सफर प्रस्तुत करती है।

फिल्म का अंत दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है। जब लूसी अपनी क्षमताओं की पराकाष्ठा तक पहुँचती है और ब्रह्मांड के साथ एक हो जाती है, तो सवाल उठता है – इंसानी अस्तित्व का असली अर्थ क्या है? ज्ञान, शक्ति और चेतना का अंतिम लक्ष्य क्या है?

कुल मिलाकर, Lucy एक दमदार, तेज़ और विचारोत्तेजक फिल्म है। यह उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो साइ-फाई, एक्शन और दार्शनिक सवालों का संगम देखना पसंद करते हैं। स्कारलेट जोहानसन की एक्टिंग और विजुअल इफेक्ट्स इस फिल्म को खास बनाते हैं।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐✨ (4.5/5) – एकदम झकास, दिमाग घुमा देने वाली फिल्म!