फिर बादल अपने गाड़ी के आईने में देखते हुये कुछ दूर नीकला था के तभी पांच मिनट के बाद वह गाड़ी मॉल से नीकली और बादल के पीछे आने लगी थी. बादल ने वह गाड़ी देख ली और वह अनजान बनकर धीरे धीरे अपनी गाड़ी लेकर जाने लगा. फिर वह गाडी तेजी से आयी और बादल के गाड़ी के आगे नीकल गयी. अब बादल भी उस गाड़ी के पीछे तेजी से जाना चाहता था लेकिन धीरे चलने का उसे नाटक जो जारी रखना था. फिर जेबा की गाड़ी काफी दूर नीकलने के बाद बादल ने भी अपनी गाड़ी की गती बढ़ाई और वह ज़ेबा की गाड़ी के करीब आने की कोशीश करने लगा था. देखते देखते उनका आशियाना याने उनका प्लैट आ गया था. तो बादल ने भी अपने गाड़ी की गती कम कर दी क्यों के उसे ज़ेबा और उस शख्स के बाद अपने फ्लैट में पहुँचना था. फिर उसने किया भी वहीं और वह धीमी गती से अपने प्लैट के करीब पहुँचा.
वहाँ पहुँचने के बाद उसने देखा के वह बड़ी गाड़ी वहीं खड़ी है. उसने देखा तो ज़ेबा और वह शख्स सीढियाँ चढ़कर अपने प्लैट में जा चुके थे, फिर बादल भी अपना सामान समेटकर अपने प्लैट में चला गया. पलैट के अंदर जाकर बादल ने ज़ेबा की खिड़की की और देखा तो उसे कुछ भी हरकत नहीं दिखाई दी. फिर वह सामान रखकर अपना काम करने के लीये बेठ गया. उसने अपना ल्यापटॉप शुरू किया के तभी उसपर उसे एक मेसेज दिखाई दिया. वह मेसेज उसके अफसर का था. उस मेसेज में लीखा था, " जवान, आपके टार्गेट की क्या खबर है. हमें कुछ पता चला है के कुछ होनेवाला है. तो आप जल्द से जल्द पता किजीये के क्या होनेवाला है." अब बादल को ज़ेबा की बात याद आ गयी. उसने खिड़की से झांककर देखा तो उसे ज़ेबा कहीं भी नहीं दिखी. फिर उसने उस शख्स की खबर लेनी चाही तो वह शख्स भी उसे नहीं दिखाई दिया. फिर उसने बेचैनी में ज़ेबा को मेसेज किया लेकिन वह मेसेज भी ज़ेबा तक अबतक पहुंचा नहीं था. इसलीये वह समझ गया के वह शख्स घर पर ही है इस वजह से ज़ेबा ने फोन बंद कर के रखा है. अब बादल को करना था इंतजार, इंतजार और बस इंतजार. वह इंतजार करते रहा और वह ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. ऐसे में एक हफ्ता गुजर गया बादल की बात ज़ेबा से नहीं हो पा रही थी. उसकी बेचैनी भी अपने चरम पर पहुँच गरयी थी. फिर एकदिन बादल ने देखा के वह शख्स कहीं बाहर जाने के लीये घर से नीकलता है.
अब बादल को भी उसके पीछे जाना लाजमी हो गया था. तो वह भी उसके पीछे जाने के लीये नीकल पडा. वह शख्स की बड़ी गाड़ी चलते चलते हवाईड्डे के तरफ जाने लगी थी. तो बादल भी पीछे पीछे हवाईड्डे जा पहुँचा. वहाँ जाकर वह शख्म गाड़ी से उतरकर हवाईड्डे के अंदर दाखिल हुआ. बादल भी उसके पीछे पीछे हवाईड्डे के अंदर चला गया. फिर बादल ने देखा के वह शख्स वीमान से कहीं जाने के लीये वीमान में बेठने की कतार में लगा है. फिर बादल ने अपने अफसर को फोन किया और कहा, " साहाब, हमारा टार्गेट वीमान से देश से बाहर जा रहा है. तो मेरे लीये क्या हुक्म है." फिर अफसर बोला, " जवान, आप अपनी जगह वापस लौट जाओ हम अपने दुसरे जवान को उसके साथ उस वीमान में भेज रहे है. आगे की तफ्तिश वह जवान कर लेगा और हमें खबर करेगा." अब बादल हवाईड्डे से नीकला और सीधा अपने फ्लैट में जाकर पहुँचा. अपने कमरे में जाकर बादल ने फोन उठाया तो उसपर ज़ेबा का मेसेज था.
ज़ेबा ने लीखा था, " बादल आप कहाँ जा रहे है, वह शख्स देश के बाहर जा रहा था." उस मेसेज के जरीये ज़ेबा ने बादल को आगाह किया था. बादल की भी गलती नहीं थी वह अपने कर्तव्य को नीभाने के लीये गया था. उसने यह खुफ़िया फोन अपने कमरे में ही रख दिया था क्यों की इसका कनेव्शन ज़ेबा के फोन से था. तो अब बादल ने ज़ेबा को मेसेज करते हुए लीखा, " ज़ेबा शुक्रिया, आपने हमें इत्तला दी थी लेकिन हम तब देख नहीं पाये. आप सच कह रही है वह शख्स देश के बाहर गया है और हम हवाईड्डे से ही अभी आ रहे है." फिर बादल ने लीखा, " ज़ेबा आपने कहा था के कुछ बड़ा होनेवाला है, तो क्या आज हमें खुलकर बतायेंगी." फिर ज़ेबा ने लीखा, "इस बारे में वह शख्स देश कि बाहर से आने के बाद ही पता चल पायेगा. मुझे उसके मकसद के बारे में पता नहीं चलना चाहिए इसलीये उसनें मुझे यहीं छोड़ दिया तनहा."
अब बादल ने लीखा, "ज़ेबा मै आपसे और एक बात पूछना चाहता हूँ, क्या इजाजत है मुझे". फिर ज़ेबा ने लीखा, " हॉँ मुझे पता है के आप क्या और किस बारे में पूछना चाहते हो. आप हमारे बात न करने के बारे में पूछना चाहते हो ना" फिर बादल ने लीखा, " आप को कैसे पता चला के हमारे दिल में क्या चल रहा है: फिर ज़ेबा ने लीखा, " बादल, जब दो दिल एक हो जाए तो फिर कोई बात किसी से कहाँ छिप सकती है. फिर बादल ने लीखा, "सच में जेबा क्या हमारे दिल एक हो चुके है" ज़ेबा ने लीखा, "हाँ, हमारे जिस्म बेशक अलग हो लेकिन हमारे दिल एक है. बादल पहले आप हमसे अपने प्यार का इजहार करने के लीये तड़पते थे और आज हम आपसे आपने प्यार का इजहार करना चाहते हैं. हाँ अब चाहे यह जमाना हमारा दुश्मन ही क्यों न हो जाये हम आपसे
दिलोजान से प्यार करते है और मरते दम तक करते रहेंगे." उस वक्त ज़ेबा और बादल अपने आज के सारे रंजोगम भूलकर सिर्फ और सिर्फ अपने प्यार की आगोश में समाये हुये थे. के तभी ज़ेबा का दूसरा फोन बज उठा. तब ज़ेबा ने लीखा, " बादल मुझे एक काम करना है, तो हम बाद में बात करेंगे."फिर ज़ेबा ने वह फोन उठाया और बोली, " हेलो," फिर सामने से आवाज आयी, " ज़ेबा आपके लीये एक काम मीला है और आपको वह काम करना है यह हमारा हुक्म है." फिर ज़ेबा ने कहा, " आपका हुक्म सर आँखो पर आका, कहिये क्या काम करना है." फिर सामने से आवाज आयी," आपके बगलवाले फ्लैट में जो बंदा है वह एक जासूस है और
आपको उसके साथ रिश्ता बनाना है."
शेष अगले भाग में......