Parmatama ki Yojna in Hindi Philosophy by Mohammad Samir books and stories PDF | परमात्मा की योजाना

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परमात्मा की योजाना

ईश्वर की योजना हमारी योजना से हमेंशा बेहतर ही होती है । Life में कभी कभी ऐसा होता है की हमें जो चाहिए, जिसका हम बहुत समय से इंतज़ार कर रहे होते है , वो हमें मिल तो जाता है लेकिन कुछ ही पल में हमसे वो वापिस भी चला जाता है।

ऐसी स्थिति में हम ईश्वर को कोसने लगते है । हम ईश्वर से कहने लगते है की आपने मेरे साथ ऐसा क्यों किया ? कुछ समय के लिए हमारा भरोसा ईश्वर पर से उठ जाता है । किन्तु कुछ समय के बाद हमें ये एहसास हो जाता है की जो हुआ वो हमारे लिए अच्छा ही था ।

ईश्वर की योजना हमसे अच्छी होती है । हमें ये बात समझनी चाहिए की जो हमारे हाथ से चला गया वो हमारे लिए अच्छा ही नहीं था । ईश्वर ने जो कुछ भी किया वो सोच समझकर ही किया होगा ।

एक छोटा सा 2 साल का बच्चा खेल रहा था । खेलते खेलते उसके हाथ में चूहे मारने की दवाई आ जाती है । बच्चा नादान था वो नहीं जानता था की ये चूहे मारने की दवाई है वो तो इस दवाई को चॉकलेट समझकर खुश हो रहा था । वो इसे खाने ही वाला था की उसकी माँ का ध्यान उसपे गया । Instagram🆔 : writer_samir_
ईश्वर की योजना बनाम हमारी चाहत
जीवन में कभी-कभी हमारी सबसे बड़ी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं, लेकिन फिर भी कुछ ही पल में हमसे दूर हो जाती हैं। जब ऐसा होता है, तो हमारा दिल टूट जाता है, और हम अक्सर ईश्वर पर गुस्सा हो जाते हैं। हमें लगता है कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। हम सोचने लगते हैं, "भगवान ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? मैंने क्या गलत किया था?"
ये गुस्सा और निराशा स्वाभाविक है। लेकिन, जब हम शांत होते हैं और पीछे मुड़कर देखते हैं, तो हमें अक्सर एहसास होता है कि जो हुआ, वह हमारे भले के लिए ही था। यही वह पल होता है जब हम सच में ईश्वर की योजना को समझना शुरू करते हैं।
एक माँ और एक नादान बच्चा
एक छोटा 2 साल का बच्चा अपने घर में खेल रहा था। खेलते-खेलते उसके हाथ में चूहे मारने की दवाई आ गई। वह नादान था, उसे पता नहीं था कि यह कितनी खतरनाक है। उसकी आँखों में चमक थी, क्योंकि वह उस डिब्बी को एक स्वादिष्ट चॉकलेट समझ रहा था। वह उसे खाने ही वाला था कि तभी उसकी माँ की नज़र उस पर पड़ी।
माँ ने बिना देर किए, दौड़कर उसके हाथ से वह डिब्बी छीन ली। बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। उसे लगा कि उसकी माँ ने उसकी खुशी छीन ली। वह अपनी माँ पर गुस्सा हुआ, उसे डाँटा और रोता रहा। बच्चे को यह समझ नहीं आ रहा था कि उसकी माँ ने उसकी जान बचाई है। वह केवल अपनी 'चॉकलेट' खोने के दुख में था।
ठीक इसी तरह, हम भी उस बच्चे जैसे हैं। जब ईश्वर हमसे कुछ छीन लेते हैं, तो हम रोते हैं, शिकायत करते हैं और उन्हें कोसते हैं। हम यह नहीं समझ पाते कि ईश्वर ने हमें किसी बड़ी विपत्ति या खतरे से बचाया है। हमें लगता है कि उन्होंने हमसे हमारी 'चॉकलेट' छीन ली, लेकिन असल में उन्होंने हमारी जान बचाई है।
ईश्वर पर भरोसा
जिस तरह माँ ने अपने बच्चे के भले के लिए उसकी खुशी छीनी, उसी तरह ईश्वर भी हमारे जीवन से कुछ चीज़ें हटाते हैं ताकि हम सुरक्षित रहें। कभी-कभी हमें जो चाहिए होता है, वह हमारे लिए सही नहीं होता। ईश्वर हमसे बहुत अधिक बुद्धिमान हैं और वे जानते हैं कि हमारे लिए सबसे अच्छा क्या है।
इसलिए, जब भी जीवन में कुछ ऐसा हो जो हमारी समझ से परे हो, तो धैर्य रखें और ईश्वर पर भरोसा रखें। उनकी योजना हमारी योजना से कहीं बेहतर और अधिक दूरगामी है। जो चीज आज हमें नुकसान लगती है, वही कल हमारे लिए एक बड़ा आशीर्वाद साबित हो सकती है। याद रखें, ईश्वर कभी भी अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहते।
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