Wo Khoffnak Raat - 2 in Hindi Horror Stories by Khushwant Singh books and stories PDF | वो खोफनाक रात - 2

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वो खोफनाक रात - 2

(इस कहानी में जगहों के नाम व उनकी जानकारी पूर्णरूप से काल्पनिक हैं व इनका असल जिंदगी से कोई ताल-मेल नहीं हैं।)

पीछली कहानी में हमने पढा़ कि लक्षिता लावन्या को कॉलेज ले जाने के लिए उसके घर आती है और वो दोनों तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल जाती हैं। 

अब आगे........ 

     लक्षिता और लावन्या तैयार होकर कॉलेज पहुँचती है। जैसे ही वे दोनों कॉलेज गेट के अंदर एंट्री करने ही वाली थी कि तभी पीछे से उन दोनों को अपनी आँखों पर किसी का हाथ महसूस होता हैं। वे दोनों समझ जाती है कि उनके पीछे कौन है। वे दोनों अपनी आँखों से हाथ हटाती है और पीछे मुड़ते हुए दोनों साथ में बोलती हैं- अनिशा।

तभी अनिशा थोडी़ उदास होते हुए बोलती है- यार! तुम दोनों को हमेशा कैसे पता चल जाता है कि मैं ही हूँ तुम्हारे पीछे।

तब लक्षिता- ओये रोंदू! ये तेरी हरकतों से ही हमें पता चल जाता हैं कि तू ही हैं। तभी वे तीनों हँस पड़ती हैं।

(अनिशा एक 22 साल थोडी़ साँवली सी लड़की हैं। दिखने में सुन्दर है पर उसके चेहरे का दाँया हिस्सा कुछ ज्यादा ही काला और चमडी़ ढी़ली है जैसे किसी जले हुए चेहरे की होती हैं। अनिशा ने इसी साल कॉलेज ज्वॉइन किया है पर वो भी लक्षिता और लावन्या के साथ एक ही क्लास में होती हैं। अनिशा पूरे कॉलेज में सिर्फ लक्षिता और लावन्या से ही बातें करती हैं।)

तभी अनिशा बोलती है- तुम दोनों इतने दिन कहाँ थी??? तुम दोनों कॉलेज नहीं आती थी इसलिए मैं भी नहीं आई। 

तब लक्षिता लावन्या की तरफ इशारा करते हुए- इन मैड़म की वजह से। इनका मन कभी करता ही नहीं है कॉलेज आने का। कोई जबरदस्ती करके लाए तो ही आएगी और आज भी इसलिए आई है क्योंकि प्रोजेक्ट सब्मिट करने की लास्ट डे़ट है वरना तो पता नहीं कब आती।

यह कहकर लक्षिता और अनिशा दोनों हँस पड़ती हैं।

तब लक्षिता चिड़चिडा़ मुँह बनाकर बोलती हैं- हो गया तुम दोनों का तो अब चले क्लास में वरना यहीं रात हो जाएगी। 

यह कहकर वे तीनों अपनी क्लास की तरफ जाने लगती है कि तभी उनकी नजर नोटिस बोर्ड़ पर जाती हैं। नोटिस बोर्ड़ पर लिखा हुआ था कि उनकी क्लास एक हफ्ते के लिए रिहासपुर (दिल्ली से 25 किमी दूर गाँव) ट्रिप पर जा रही हैं। यह पढ़कर अनिशा और लक्षिता खुश हो जाती हैं पर लावन्या थोडी़ ड़र से सिहर जाती हैं।

उसको इस हालत में देखकर लक्षिता- लावन्या, क्या हुआ तुझे? तू ठीक तो है ना??

तभी लावन्या बोलती हैं- लक्षिता तुझे याद है पिछले साल भी हम इसी गाँव में एक ट्रिप पर गये थे और उस रात हमारे साथ क्या हुआ था। 

यह सुनकर अनिशा थोडी़ शक की नजरों से देखते हुए बोलती है- क्या हुआ था ऐसा जिसे याद करके लक्षिता इतनी ड़र रही हैं??

तब लक्षिता झूठी मुस्कान से बोलती हैं- अरे नहीं! ऐसा कुछ नहीं हुआ था वो तो लावन्या बीमार हो गयी थी। इसलिए वो ऐसे बोल रही हैं। इसकी बातों को तू दिमाग पर मत ले।

यह कहकर लक्षिता और लावन्या के चेहरे पर एक ड़र छा जाता हैं।