पैसेंजर्स" (2016) एक ऐसी साइंस-फिक्शन फिल्म है जो न केवल तकनीकी चमक और भविष्यवादी दृश्यों से दर्शकों को आकर्षित करती है, बल्कि मानवीय भावनाओं, नैतिकता और प्यार की गहराई को भी खूबसूरती से उजागर करती है। क्रिस प्रैट और जेनिफर लॉरेंस की शानदार जोड़ी, मोर्टन टायल्डम की कुशल निर्देशन शैली और जॉन स्पैट्स की लिखी पटकथा इस फिल्म को एक अविस्मरणीय अनुभव बनाती है। यह फिल्म अंतरिक्ष यात्रा की पृष्ठभूमि में एक रोमांचक और भावनात्मक कहानी बुनती है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।
फिल्म की कहानी एक अंतरिक्ष यान, स्टारशिप एवलॉन, के इर्द-गिर्द घूमती है, जो 5,000 यात्रियों को लेकर एक नए ग्रह, होमस्टेड II, की ओर 120 साल की यात्रा पर है। सभी यात्री और चालक दल हाइबरनेशन पॉड्स में सो रहे हैं, लेकिन एक तकनीकी खराबी के कारण जिम प्रेस्टन (क्रिस प्रैट), एक मैकेनिकल इंजीनियर, अपनी निर्धारित अवधि से 90 साल पहले जाग जाता है। अकेलेपन और निराशा से जूझते हुए, वह औरोरा लेन (जेनिफर लॉरेंस), एक लेखिका, को जानबूझकर जगा देता है। यह निर्णय कहानी को एक नैतिक और भावनात्मक जटिलता की ओर ले जाता है, जो फिल्म का मूल आधार बनता है।सबसे पहले, फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट्स की तारीफ करना बनता है। स्टारशिप एवलॉन का डिज़ाइन, जो एक लक्जरी क्रूज़ जहाज और भविष्यवादी तकनीक का मिश्रण है, दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। अंतरिक्ष के अनंत विस्तार को कैमरे में जिस खूबसूरती से कैद किया गया है, वह दर्शकों को एक अनोखे अनुभव में डुबो देता है। ग्रैंड कॉन्कोर्स से लेकर स्विमिंग पूल तक, हर दृश्य में भव्यता और वास्तविकता का संतुलन है। विशेष रूप से, वह दृश्य जहां अंतरिक्ष यान की गुरुत्वाकर्षण प्रणाली विफल हो जाती है और औरोरा पानी में तैरती हुई दिखाई देती है, तकनीकी और भावनात्मक दोनों स्तरों पर प्रभावशाली है।
क्रिस प्रैट और जेनिफर लॉरेंस की केमिस्ट्री फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। प्रैट अपने किरदार जिम के रूप में एक साधारण, मेहनती और भावनात्मक रूप से कमजोर इंसान की भूमिका में पूरी तरह फिट बैठते हैं। उनकी हरकतें और निर्णय, चाहे वे कितने भी विवादास्पद हों, दर्शकों को उनके दर्द और अकेलेपन से जोड़ते हैं। दूसरी ओर, जेनिफर लॉरेंस औरोरा के किरदार में जान डाल देती हैं। वह एक ऐसी महिला हैं जो अपने सपनों और महत्वाकांक्षाओं को लेकर स्पष्ट हैं, लेकिन जिम के निर्णय से उनकी जिंदगी बदल जाती है। दोनों के बीच का रोमांस धीरे-धीरे पनपता है, और उनकी बातचीत में एक स्वाभाविकता है जो दर्शकों को बांधे रखती है।
पैसेंजर्स" केवल एक साइंस-फिक्शन फिल्म नहीं है; यह मानवीय भावनाओं और नैतिकता की पड़ताल करती है। जिम का औरोरा को जगाने का निर्णय एक नैतिक दुविधा पैदा करता है, जो दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या अकेलापन किसी को इतना स्वार्थी बना सकता है। यह सवाल फिल्म को गहरी और विचारोत्तेजक बनाता है। हालांकि कुछ आलोचकों ने इस निर्णय को विवादास्पद माना, लेकिन यह कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो मानव स्वभाव की जटिलता को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, "पैसेंजर्स" एक ऐसी फिल्म है जो साइंस-फिक्शन, रोमांस और ड्रामा का शानदार मिश्रण है। यह न केवल आंखों को सुकून देने वाली दृश्यात्मक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि दिल और दिमाग को भी छूती है। क्रिस प्रैट और जेनिफर लॉरेंस की शानदार अदाकारी, शानदार विजुअल्स और गहरी कहानी इसे एक ऐसी फिल्म बनाती है जो हर साइंस-फिक्शन और रोमांस प्रेमी को जरूर देखनी चाहिए। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि सबसे अंधेरी परिस्थितियों में भी, प्यार और मानवता हमें जीने की वजह दे सकती है।