Ek Raat ka Raaz - 4 in Hindi Crime Stories by silent Shivani books and stories PDF | एक-रात एक-राज़ - 4

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एक-रात एक-राज़ - 4

    "Aarohi ko Mili Court  se permission" 

क्या हम आरोही से बात कर सकते हैं??? 
( इंस्पेक्टर देशमुख ने डॉक्टर से पूछा)

देखिए सर आरोही को होश तो आ गया है, पर उसकी हालत बहुत नाज़ुक है, आप उससे गंभीर सवाल मत कीजिएगा, ( डाॅक्टर ने कहा)

इंस्पेक्टर देशमुख:- तो बताइए मिस आरोही                  ‌        उस रात आप कहां गई थी???

आरोही :- मैंने नहीं मारा उसे,,, मैंने नहीं मारा... 
              
इंस्पेक्टर देशमुख:- वो हम पता लगा लेंगे,,

        मैडम आप बस इतना बताइए कि आप            उस रात कहा गई थी???

आरोही:- उस रात मै... मुझे कुछ ठीक से याद            नहीं आ रहा है..... मेरा सर फट रहा है.... मैंने नहीं मारा...

(देखिए सर आरोही की हालत बहुत नाज़ुक है... आपके ऐसे सवाल  उसके दिमाग मे प्रेशर डाल रहे हैं,,, डाॅक्टर ने कहा)

इंस्पेक्टर देशमुख और डाॅक्टर बाहर निकलकर आते हैं...

इंस्पेक्टर देशमुख:- क्या सच मे आरोही को                 कुछ याद नहीं आ रहा है,,, या वो सिर्फ नाटक कर रही है???

डाॅक्टर:-           कुछ केसेस मे ऐसा होता है जिसमें                  पेशंट कुछ इवेंट भूल जाता है,, वो रात                   उसके लिए traumatized थी, जिसमें             उसने अपने किसी बहुत करीबी दोस्त को            खो दिया,,, उसी बात का trauma उसके       दिमाग में बहुत गहरा असर डाल चुका है,,, 

इंस्पेक्टर देशमुख:- ये रिकवर कब तक होगी???

डॉक्टर :- सर मै इस बात की गारंटी नहीं दे सकता.... पर आरोही के बाकी रिपोर्टस  अचछे आयें  है,,, शायद कुछ दिनों में वो पूरी तरह ठीक हो जाये ....

( आरोही की फैमिली एक वकील हायर करती है,,, )

 चार दिन बाद ....

आरोही को विलचेयर पर बैठा कर कोर्ट रुम लाया जाता है,)

जज : "मिस आरोही आप क्राइम सीन पर Unconsciously मिली थी, विक्टिम ने उस रात आपको बुलाया था, सारे सबूत आपके खिलाफ है, आपको जुडिशल कस्टडी में भेजना होगा "

मिस्टर मेहरा ( आरोही के वकील) :" मिलॉर्ड मेरे क्लाइंट को वहां मौजूद होना, ये साबित नहीं कर देता कि इन्होंने ने ही मिस्टर आदित्य को मारा है, उनकी हालत साफ बता रही हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया है,

मिस्टर खत्री ( आदित्य के फैमिली वकील)" मिलॉर्ड क्या इस लड़की का क्राइम सीन पर मौजूद होना, सबसे बड़ा सबूत नहीं है??? कि कत्ल इसी ने किया है, 

मिस्टर मेहरा: जी नहीं मिस्टर खत्री, आरोही बेगुनाह है, आदित्य ने ही आरोही को मिलने बुलाया था, आप उनकी आंखों में देखिए, अपनी जिंदगी के खास इंसान को खोया हैं उन्होंने, अगर उन्होंने मारा होता तो क्या वो वहां सारी रात रुकती??? उन्हें तो भाग जाना चाहिए था...
मिलॉर्ड मेरी क्लाइंट आरोही की मेंटल स्टेट अभी ठीक नहीं है, मेडिकल रिपोर्ट कंफर्म करती है, वो शाॅक्ड में है, 
जज  : शाॅक्ड मे होने से किसी की बेगुनाही साबित नहीं होती, मिस्टर मेहरा 

मिस्टर मेहरा: मै आपकी बातों से सहमत हूं, मिलॉर्ड, पर न्याय सिर्फ सजा नहीं होती, मै आपसे से रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि, आरोही को अपनी बेगुनाही साबित करना की मोहलत दी जाये...

जज: ( आरोही की तरफ देखते हुए) "मिस आरोही, क्या आप अपने डिफेंस के लिए तैयार हो सकती है, कुछ दिनों में???

आरोही: ( धीमी आवाज में) "सर मुझे बस वक्त चाहिए मै सच ढूंढ कर लाऊंगी,

जज: सारी बातो को , और आरोही की हालत को मधेनजर रखते हुए, कोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि आरोही को 15 दिनों की मोहलत दी जाती है, और उन्हें मेडिकल सुविधाएं और लिगल observation मे रखा जाता है....और कोर्ट आरोही को ठीक होने तक किसी भी कार्यवाही से और पुलिस को आरोही से किसी भी प्रकार की पूछताछ के लिए मना करता है,,और आरोही को मेडिकल प्रोब्लम के चलते कुछ दिनों के लिए बेल देती है)


मिस्टर मेहरा : आरोही तुम्हारे पास बहुत कम समय है, क्या तुम अपने आप को बेकसूर साबित कर पाओगी??? 

आरोही : हां सर मै अपने आप को बेकसूर साबित करने से ज्यादा, आदित्य को किसने मारा ये जानना जरूरी समझतीं हुं, मै आदित्य के कातिल‌ तक जरूर पहुंचूंगी....





आरोही घर तो आ चुकी थी,, पर अब भी बिल्कुल शांत थी... वो न तो किसी से मिलना चाहती थी,, और न ही किसी से बात करना.... आरोही अपने कमरे की दिवार पर लगी..  एक ग्रुप फोटो जिसमें आरोही और आदित्य भी थे... ध्यान से देखतीं हैं...
 
Flashback 📸📸

"आरोही आदित्य की फर्स्ट मीटिंग"

एक एनजीओ जहां आरोही टीचर हैं,, जो स्पेशल बच्चों को पढ़ाती है... 

"आरोही मैडम आपसे कोई मिलने आया है,,, (एनजीओ की केयरटेकर सुनिता ने कहा)"

कौन आया है??? ( आरोही ने पुछा)

पता नहीं मैडम कोई सर है... जो आपके बारे में पुछ रहे हैं,,

ओके तुम बच्चों का ध्यान रखो... मै अभी आई...

आरोही :- हाय मै आरोही,, मुझे सुनिता ने                बताया कि आप मुझसे मिलना चाहते है...       क्या मै जान सकती हुं कि आपको मुझसे       क्या काम है???

आदित्य:- मै आदित्य... आदित्य सिंह.. ये                 डायरी आपकी है??? ( आदित्य एक डायरी आरोही को दिखाते हुए कहता है)

आरोही:- हां ये मेरी डायरी है,,, ये आपकों  कहा                 से मिली??? ये मुझसे खो गई         थी... मैंने इसे बहुत ढूंढा पर मुझे कहीं          नहीं मिली ..

आदित्य :- मिलती कैसे?? ये मेरे पास                          थी....आप   इसे लाइब्रेरी में   भुल ग ई थीं.... इसमें          आपका ये   एनजीओ का एड्रेस मिल,,,  तो मैंने सोचा कि मै इसे आपको लौटा दूं...

आरोही  :- थैंक्यू सो मच.... ये डायरी मेरे लिए             बहुत इंपोर्टेंट है....

आदित्य :- इट्स ओके मैडम.... वैसे एक बात                      कहूं... मैंने इस डायरी में लिखीं             कविताएं पढ़ी... मुझे पता कि ये गलत             है,, ऐसे किसी की डायरी नहीं पढ़ते...पर आपकी कविताएं थी ही इतनी प्यारी मै बस पढ़ता चला गया... आप बहुत अच्छा लिखती हैं आरोही !!!
 
आरोही :- थैंक्यू सो मच!!!

अगले दिन.....

हाय आरोही ( पीछे से आवाज़ आई)

पहचाना मुझे मै आदित्य...कल आपकी डायरी लौटाने आया था...  क्या आप रोज लाइब्रेरी आती है???

हां मै रोज आती हुं... पर मै आपको पहली बार देख रही हूं... ( आरोही ने कहा)

नहीं मै भी रोज आता हूं... पर इस टाइम आज पहली बार आया... ( आदित्य ने कहा)

क्यूं आज ऐसा क्या है??  ( आरोही ने कहा)

आपसे मिलना था मुझे...( आदित्य ने कहा)

क्यूं???

मै एक पब्लिशर को जानता हूं...वो  आपकी कविताएं पब्लिश करने में आपकी मदद कर सकते हैं... ( आदित्य ने कहा)

मुझे कोई कविता पब्लिश नहीं करनी,, मै तो बस ऐसे ही लिखती हूं...( आरोही ने हंस कर कहा)

कुछ हफ्ते बाद...

अननौन नंबर ये कौन है??? इतनी रात को मुझे कौन फोन कर रहा है??? ( आरोही के फोन स्क्रीन पर एक नंबर फ़्लैश हो रहा था)

हैलो.... ( आरोही ने फोन उठाकर कहा)

हाय आज तुम लाइब्रेरी क्यूं नहीं आई??? 

आदित्य तुम?? तुम्हें मेरा नंबर कैसे मिला???  ( आरोही ने कहा)

तुम्हें ढूंढ लिया था... तुम्हारा नंबर ढूंढना मेरे लिए मुश्किल काम नहीं था.... ( आदित्य ने कहा)

ओहो आदित्य तुम भी न मेरे पीछे ही पड गये....वो मुझे कुछ काम था,, इसलिए मैं नहीं आ पाई...

कल आ सकती हो?? यंगस्टर्स कैफै में वहां से सनराईज का व्यू बहुत अच्छा  है... तुम्हें लिखने के लिए प्रेरणा मिल जायेगी.... ( आदित्य ने कहा)

मुझे लिखने के लिए प्रेरणा मिल जाएगी... या तुम्हारी प्रेरणा पूरी हों जायेगी ( आरोही ने हंस कर कहा)

सुबह 6:00 बजे.....

मुझे पता था कि तुम आओगी... आरोही मै तुमसे कुछ कहना चाहता हुं... मै जानता हूं शायद तुम्हें ये सब पसंद नहीं आयेगा... पर फिर भी मै अपने दिल की बात तुमसे कहना चाहता हूं... आरोही मुझे तुम बहुत अच्छी लगती हो...मै तुम्हे पसंद करता हूं....और हां शायद प्यार भी..

 ये क्या कह रहे हो आदित्य मुझे लगा तुम मुझे अपना दोस्त समझते हों... मै और तुम बहुत अलग है... मुझे सिंपल लाइफ जीना पसंद है,, और तुम्हें लक्जरी लाइफ.... हम दोनों की वाइब मैच हो सकती है.. पर लाइफ नहीं ( आरोही ने कहा)

मुझे तुम्हारी ये ही Simplicity पसंद है,, आरोही मै तुम्हे हमेशा खुश रखूंगा!!

Present day......

फ़ोन रिंग करता है.....

आरोही अपनी पुरानी यादों से वापस आती है...

ये किसका नंबर है??? ( आरोही ने फोन में देखकर कहा)

आरोही फोन उठाती है...

हेलो कौन???

मै उस दिन तुमसे मिलने अस्पताल आया था.... पर वहां पुलिस थी,,

अगर तुम अपनी जान बचाना चाहती हो तो मुझसे मिल लो...
वरना तुम भी.....,,, 

हेलो कौन... हेलौ कौन बोल रहा है.... ( फोन कट चुका था)

आखिर कौन है , ये व्यक्ति  जो आरोही को धमकी दे रहा है,,, क्या इसे ने आदित्य को मारा??? जानने के लिए जुड़े रहिए मुझसे और मेरी कहानी से   " Ek-Raat, Ek- Raaz"