फिर सारा ने कहा अरे आप लंच बॉक्स लाई हो?
नैना ने कहा हां मैं लाई थी।
सारा नीचे पहुंच गई और फिर बोली भाई नताशा लंच बॉक्स लाई थी रोटी सब्जी।।
विक्की ने कहा ओह ठीक है।
फिर तीनों मिलकर खाना खाने लगे।
अनिक ने कहा पुलाव अच्छा बना है।
विक्की ने कहा अगले महीने न्यारा का अन्नप्राशन संस्कार है तो सब तैयारी करनी होगी।।
माया दी और उसकी फैमिली आने वाले हैं।
अनिक ने कहा हां, वाह क्या बात है उस हिसाब से मुझे ही चावल का खीर खिलाना होगा।
सारा ने कहा हां ठीक है।।
विक्की ने कहा पंडित जी ने ११तारिख बोला है।
फिर सब खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में जाकर आराम करने लगे।
विक्की और सारा दोनों ही न्यारा को देखने गए तो देखा कि न्यारा और नताशा खेल रहे थे और न्यारा हंस कर कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी।।
फिर विक्की ने कहा अरे वाह क्या बात है न्यारा को हम सब ने सिर्फ रोते हुए देखा है पर आज देखा कि वो खेल रही है आपके साथ।।
नताशा ने कहा अरे क्या है ना बच्चों को एक चीज बहुत अच्छी लगती हैं वो हैं सच बोलना, बच्चे बहुत जल्दी समझते भी है और हंसते भी है जैसे देखिए।। नताशा ने कहा न्यारा को दुध पीना है भुख लगी है।। फिर न्यारा हंसने लगी और फिर नताशा ने दुध का बोतल दे दिया।।
न्यारा को सच में भुख लगी थी और उसे time to time सारी चीज़ें दे रही हुं इसलिए वो नहीं रो रही है पर जब आप लोग उसे दुध नही देते थे तो वो रोने लगती थी और रात भर जागती रहती थी।।
विक्की को बहुत हैरानी हुई और उसने पूछा क्या एक बात पूछूं?
नताशा ने कहा हां, जरूर।।
विक्की ने कहा कि आपके कितने बच्चे हैं?
नताशा हंसने लगी और फिर विक्की को जैसे लगा ये हसीं शायद किसी की याद दिलाता है।।
नताशा ने कहा अरे नहीं मुझे तो ट्रेनिंग मिली है।।
विक्की ने कहा अच्छा।
सारा का फोन आ गया और वो चली गई।
विक्की ने कहा जितना भी देख रहा हूं उतना ही मैं अपने।।
नताशा ने कहा हां क्या? आप बिल्कुल चिंता मत करिए।
विक्की ने कहा वो आज आप लंच बॉक्स लाई थी प्लीज़ कल से लंच यहां पर कर लिजिए।।
नताशा ने हाथ जोड़कर कहा नहीं सर हम ऐसे नहीं हैं मेरी मासी बना कर देती है हम वो ही।।
विक्की ने कहा पता नहीं क्यों आपकी आवाज जब भी सुनता तो किसी की याद आ जाती है।।
नताशा ने कहा अरे मुझे जैसे बदनसीब को कौन याद करेगा, वैसे मुझे दुख है कि न्यारा की मां अब इस दुनिया में नहीं है।।
विक्की ने कहा हां, मैं चलता हूं।
नताशा ने कहा विक्।।सर वो आप न्यारा से बात किया किजिए तो फिर देखना कितना अच्छा लगेगा जब वो पापा बोलेंगी।।
विक्की वहां से चला गया।
नैना वहां पलंग पर बैठ कर रोने लगी बस।।।
फिर दोपहर के बाद शाम होते ही चाय और पकौड़े खाने को दिया गया।
नताशा भी न्यारा को लेकर नीचे सबके पास लेकर आ गई।
नताशा ने कहा अब तो चलने लगी है तो आप लोग अपने साथ हाथ पकड़ कर चलना सिखा दिजिए।
अनिक ने कहा नताशा you are super women!
नताशा ने कहा अरे ऐसा नहीं है तो ठीक है मैं चलती हूं। जैसे ही नताशा जाने लगी तो न्यारा ने उसका दुपट्टा खींच लिया और फिर नताशा बैठ गई।
नताशा ने प्यारे से पुछा न्यारा को खेलना है पापा के साथ।।
फिर विक्की आकर इशारे से नताशा को जाने को कहा पर फिर जैसे ही नताशा जाने लगी तो न्यारा रोने लगी।
विक्की ने मन में सोचा अरे ये कैसा रिश्ता है दोनों का,जन्म देने वाली मां से बढ़ कर कोई नहीं होता ऐसे ही सुना था पर एक अनजान सी लड़की आकर मेरी न्यारा की जिंदगी बदल दिया।
अनिक ने कहा हां, लगता है आज न्यारा नहीं जाने देगी।
फिर नताशा ने न्यारा को गोदी ले लिया और फिर उसके साथ बात करने लगी और फिर न्यारा सो गई और वहीं उसके छोटे से बेड पर सुला दिया और फिर चली गई।
विक्की ने कहा अजनबी है वो अजनबी लगती नहीं, लगती है कोई जानी पहचानी सी,पर लगती नहीं, है न्यारा की दोस्त, पर लगती नहीं।।।
अनिक ने कहा वाह क्या बात है आज कितने सालों के बाद ये शायराना अंदाज हुआ तेरा।।
दिल का रिश्ता है ये और कुछ नहीं!
खुन के रिश्ते से भी बड़ा रिश्ता दिल का रिश्ता होता है।।
विक्की ने कहा और फिर सब मिलकर एक साथ डिनर किया और फिर सोने चले गए।
रात को विक्की करवटें बदलते हुए सो रहा था और सोच रहा था कि ऐसा क्या है उस नताशा में! एक अनचाहा ,अनजाना सा एहसास होता है मुझे उसकी एक खुशबू इस रूम में मुझे सोने नहीं देंगी।।
फिर इसी तरह सुबह हो गई और फिर कुछ देर बाद सब उठ गए और अपने काम में लग गए।
विक्की शायद नताशा का इंतजार कर रहा था शायद उसे कुछ कहना था।।
पर पता नहीं वो क्या सोचेगी एक आधी जली हुई लड़की आखिर क्या है वो !. कुछ देर बाद ही नैना आ गई और सबको गुड मॉर्निंग कहते हुए सीढ़ी चढ़ने लगी और फिर विक्की ने कहा नताशा आईए मेरे स्टडी रूम में कुछ बात करनी है।।
नैना एक दम से चौंक गई और फिर नीचे उतर गई और फिर बोली कोई गलती हो गई क्या?
विक्की ने कहा अरे आप ऐसा क्यों सोच रही है?
फिर दोनों स्टडी रूम में पहुंच गई नैना के कदम रूक गए थे क्योंकि कुछ यादें जुडी हुई थी उसकी।।
विक्की ने कहा अरे आइए बैठ जाइए।
नैना बैठ गई और फिर बोली हां बोलिए।।
विक्की ने कहा वो,कल रात भर मैं सो नहीं पाया।।
नैना एक दम से चौंक गई और फिर उठने लगी।
विक्की ने कहा अरे बाबा आप बिना सुने जा रही है आप खुद को इतना सिमट कर क्यों रखीं हैं?
आप जो परफूयम लगाती है वो प्लीज़ मत लगाना मुझे किसी की याद दिलाती है। विक्की ये सब कहने में बहुत ही असामान्य सा लग रहा था इसलिए उसने अपनी आंख बंद कर दिया था और फिर जैसे ही आंख खोला तो देखा कि नताशा नहीं थी।
ओह माई गॉड पता नहीं क्या सोची मुझे ऐसा लगा कि वो है पर बिना कुछ बोले चली गई कैसे?
क्रमशः