Tera Mera Safar - 9 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 9

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तेरा मेरा सफ़र - 9



अगली सुबह कियारा जल्दी उठ गई थी। कमरे में खिड़की से आती धूप हल्के परदे के पार उसकी डायरी पर गिर रही थी — वही डायरी जिसमें पिछली रात उसने लिखा था,

> “कुछ नज़रें बोलती नहीं, पर सब कह जाती हैं…”



वो पन्ना अब भी खुला था, पर कियारा के मन में सवालों की भीड़ थी।
क्या अयान भी कुछ महसूस कर रहे थे? या वो सिर्फ़ उसकी कल्पना थी?
वो मुस्कुराई, फिर खुद से बोली, “नहीं कियारा… तुम बस ज़्यादा सोच रही हो।”

ब्रेकफास्ट हॉल में जब वो पहुँची, अयान पहले से मौजूद थे। सफ़ेद शर्ट, घड़ी की चमक, और वही शांत नज़रिया — जो अब उसके दिल की धड़कनें बढ़ा देता था।

“Good morning,” अयान ने मुस्कुराते हुए कहा।
कियारा ने हल्के से जवाब दिया, “Morning, sir.”
अयान ने नोटिस किया, उसकी आवाज़ आज थोड़ी धीमी थी। “सब ठीक है?”

“हाँ, बस थोड़ा थकान है,” उसने झूठ बोल दिया।

अयान ने बिना कुछ कहे वेटर को इशारा किया, “एक strong coffee for her.”
कियारा ने चौंककर देखा — उसने तो बताया भी नहीं कि उसे coffee चाहिए।

अयान ने बस हल्की नज़र से कहा, “Guess कर लिया।”
उसकी मुस्कान में जो सादगी थी, उसमें एक अजीब-सी गहराई थी — जैसे उनके बीच अब शब्दों की ज़रूरत ही नहीं रह गई हो।

दिन भर दोनों फिर से काम में व्यस्त रहे, लेकिन हर बार जब उनकी नज़रें मिलीं, एक ख़ामोश लहर दोनों के बीच दौड़ जाती।

एक बार presentation के दौरान, laptop glitch हुआ। कियारा थोड़ा घबरा गई, पर अयान ने बिना कुछ कहे उसका हाथ हल्के से छुआ, “It’s fine, just take a breath.”
उस एक स्पर्श ने जैसे कियारा के अंदर सब कुछ थम सा गया हो— डर, घबराहट, और वो अनकहा एहसास जो अब धीरे-धीरे ज़्यादा गहराता जा रहा था।

शाम को होटल लौटते वक्त, दोनों साथ ही लिफ्ट में थे।
कियारा फाइल्स संभाल रही थी, तभी अयान बोले, “You did well today.”

वो मुस्कुराई, “Thanks, sir.”
थोड़ा रुककर अयान ने कहा, “And… don’t call me sir all the time.”

कियारा ने चौंककर देखा, “तो क्या कहूँ?”
अयान ने नज़रों से जवाब दिया — मुस्कुराए नहीं, पर उनकी आँखों में एक softness थी जो बहुत कुछ कह रही थी।

लिफ्ट की ‘ding’ आवाज़ ने जैसे उस पल को तोड़ दिया।
कियारा अपने कमरे की तरफ चली गई, पर दिल अब भी उसी पल में अटका था।
वो अपने दरवाज़े पर रुकी, और पहली बार उसके होंठों से बिना सोचे निकल गया —

> “Good night… Ayaan.”


पीछे से धीमी आवाज़ आई —

> “Good night, Kiara.”


उसने धीरे से आँखें बंद कीं — और मुस्कुरा दी।
दिल में जैसे कोई अनकही लहर उठी थी, जो शांत होकर भी बहुत कुछ कह रही थी।
कभी-कभी कुछ बातें लफ़्ज़ों में नहीं ढलतीं, बस निगाहों के बीच ठहर जाती हैं —
जैसे हवा में घुली कोई अधूरी दुआ, या बारिश की वो पहली बूंद जो ज़मीन को छूते ही सब कुछ बदल देती है।
और आज… शायद दोनों ने वही महसूस किया था —
वो एहसास, जो न पूरी तरह समझा जा सकता है, न नज़रअंदाज़ किया जा सकता है।


To Be Continued…

क्या ये बस एक शुरुआत थी, या कोई ऐसा एहसास जो दोनों की ज़िंदगी को उन राहों पर ले जाएगा जहाँ दिल बोलेंगे और लफ़्ज़ ख़ामोश रह जाएँगे?
क्या ये मुलाक़ात एक संयोग थी, या किसी कहानी की वो पहली पंक्ति… जो अब खुद लिखी जाने लगी थी?