अगले दिन होटल का माहौल फिर से usual था — guests, check-ins, calls… लेकिन कियारा का ध्यान बार-बार भटक रहा था। उसका ध्यान अयान पर ही जा रहा था।
पिछली शाम की यादें अब भी उसके दिल में ठहरी थीं — वो बारिश, वो खामोशी, और वो एक नज़र जो सब कह गई थी।
कॉफी मशीन के पास खड़ी वो सोच रही थी — “क्या मैं ही ज़्यादा सोच रही हूँ? शायद अयान के लिए वो बस एक normal moment रहा होगा…”
पर फिर दिल ने धीरे से कहा, “लेकिन जो महसूस हुआ, वो झूठ तो नहीं था।” इन सब बातों को वो बार बार सोच रही थी।
तभी अयान पास से गुज़रे। उनके हाथ में files थीं, पर उनकी नज़र जैसे कुछ पल के लिए कियारा पर ठहर गई।
“Morning,” उन्होंने कहा, और हल्की मुस्कान दी।
“Good morning, sir,” कियारा ने जवाब दिया,
पर उसकी आवाज़ में वो धीमी सी मिठास थी जो सिर्फ़ वही सुन सकता था।
दिनभर दोनों काम में व्यस्त रहे, पर अयान का ध्यान भी अजीब तरह से भटकता रहा।
हर बार जब कियारा किसी guest से बात करती, उनकी नज़रें अनजाने में उसकी तरफ़ चली जातीं।
वो खुद से खीजे — “Focus, Ayaan… ये feelings distraction नहीं बननी चाहिए।”
शाम को होटल में एक छोटा event था — अयान ने कियारा को arrangements देखने को कहा।
जब सब कुछ सेट हो गया, कियारा balcony के पास खड़ी sunset देख रही थी।
सुनहरी रोशनी उसके बालों में उतर रही थी, और अयान वहीं आ खड़े हुए।
“तुम्हें sunsets पसंद हैं?” उन्होंने पूछा।
वो मुस्कुराई, “हाँ… क्योंकि इसमें एक ending भी है और
एक नई शुरुआत भी।”
अयान ने गहरी साँस ली — “कभी-कभी मैं सोचता हूँ… कुछ लोग ज़िंदगी में ऐसे आते हैं, जैसे sunset — बस कुछ पल के लिए, पर दिल पर असर छोड़ जाते हैं।”
कियारा ने नज़रें झुका लीं, पर उसके होंठों पर हल्की मुस्कान थी।
“शायद कुछ sunsets, नई सुबहें भी लेकर आते हैं…” उसने धीरे से कहा।
दोनों कुछ देर चुप रहे। हवा में सिर्फ़ दिल की धड़कनें और समंदर की गूँज थी।
फिर अयान ने हल्के से कहा, “कियारा, अगर कभी तुम्हें लगे कि तुम कुछ कहना चाहती हो… तो मत रोकना।”
कियारा ने उनकी ओर देखा — “और अगर आपको भी कभी कुछ कहना हो, तो मत छिपाइएगा।”
वो दोनों मुस्कुराए, पर उस मुस्कान के पीछे बहुत कुछ अनकहा था।
वो पल जैसे एक वादा बन गया — बिना बोले, बिना लिखे, बस दिलों में दर्ज़ हो गया।
उस रात कियारा ने अपनी डायरी में लिखा —
“कभी-कभी बातों से ज़्यादा, खामोश नज़रों में सच्चाई होती है।
आज उसकी नज़रों में कुछ था… कोई सवाल, कोई एहसास।
शायद कुछ कहने की कोशिश, या बस एक अधूरी कहानी की शुरुआत।
हर खामोशी कुछ कहती है —
और आज, उसकी खामोशी ने मेरे दिल में हलचल छोड़ दी है।”
उसने धीरे से आँखें बंद कीं और मुस्कुरा दी।
शायद ये वही लम्हा था… जहाँ एक अनकही कहानी ने जन्म लिया था।
To Be Continued…
क्या अयान और कियारा अब अपने दिल के उन सवालों का जवाब ढूँढ पाएँगे,
या ये रिश्ता हमेशा उन अनकहे एहसासों की सरगोशियों में ही सिमट जाएगा?
हर नजर, हर खामोशी, जैसे एक अधूरा सवाल छोड़ती है —
और दिल की हलचल बस उन्हें अपने भीतर की कहानी सुनाती रहती है…