सुबह की पहली किरण hostel की खिड़की से भीतर आई तो Anaya की आँखें धीरे से खुलीं। रात देर तक डायरी लिखने के बाद भी नींद गहरी नहीं थी। उसके मन में अब भी Raj की हर बात, हर नज़र गूँज रही थी — जैसे वो उसके दिल की धड़कनों में उतर गए हों।
Hospital पहुँचते ही Raj पहले से busy थे, लेकिन जैसे ही Anaya ने enter किया, उन्होंने हल्के से सिर उठाकर देखा — बस एक पल के लिए, पर वो पल जैसे ठहर गया।
“Morning, sir,” Anaya ने धीरे कहा।
“Morning,” Raj ने calm आवाज़ में जवाब दिया, पर उनकी आँखों में softness थी जो वो खुद भी शायद छिपाना नहीं चाहते थे।
दिनभर duties के बीच Raj का ध्यान बार-बार Anaya की ओर चला जाता। जब वो किसी patient को comfort देती, reports लिखते हुए ध्यान से झुकती, या फिर हल्के बाल चेहरे पर आते — Raj को कई बार खुद पर control रखना पड़ता।
वो जानते थे, ये boundary dangerous है… पर दिल के भीतर कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा था।
Lunch break में Raj canteen की ओर जा रहे थे कि उन्होंने देखा — Anaya corner table पर अकेली बैठी थी, हाथ में notebook और नज़रें नीचे।
“Not eating?” उन्होंने softly पूछा।
Anaya ने हल्की मुस्कान दी, “थोड़ी देर में, sir… बस notes complete कर रही हूँ।”
Raj ने उसके सामने ट्रे रखते हुए कहा, “Notes बाद में भी बन सकते हैं, energy पहले। You remember yesterday?”
Anaya ने सिर झुका लिया — उस care भरे tone ने फिर दिल को छू लिया।
“Okay sir,” उसने धीरे से कहा और spoon उठाया।
Raj ने casual अंदाज़ में कहा, “तुम अपने patients के लिए बहुत sincere हो। Good habit… but don’t forget yourself.”
Anaya ने उसकी ओर देखा — इस बार बिना किसी hesitation के।
“Sir, शायद किसी का care करना ही मुझे खुद को भूलने से रोकता है।”
Raj पल भर को चुप रह गए — उसकी बात जैसे दिल तक उतर गई थी।
शाम को ward में एक child patient को injection से डर लग रहा था। Raj पास आए तो Anaya ने बच्चे का हाथ थाम लिया — “देखो, कुछ नहीं होगा… बस एक छोटी सी pinch।”
Raj ने उसकी तरफ देखा — उस पल में वो सिर्फ़ doctor नहीं, बल्कि किसी के दिल का सुकून लग रही थी।
उनकी नज़रें मिलीं, कुछ सेकंड के लिए वक्त ठहर गया।
ना किसी ने कुछ कहा, ना ज़रूरत थी।
Day खत्म होने पर Raj ने team को dismiss किया।
“Good work today,” उन्होंने सबसे कहा।
Anaya पीछे मुड़ी तो Raj की आवाज़ फिर आई —
“Anaya… तुम थोड़ा और rest लो। कल early duty मत लेना, understood?”
“Okay sir,” उसने हल्की मुस्कान के साथ कहा, पर अंदर कहीं हल्की warmth फैल गई —
जैसे Raj की हर बात उसके दिल तक पहुँच रही थी, बिना किसी शब्द के।
उस रात Anaya ने diary में सिर्फ़ एक line लिखी —
> “कभी-कभी किसी की खामोश परवाह इतनी गहरी होती है कि दिल उसे धड़कनों के पार महसूस करता है…”
To Be Continued…
(क्या Raj भी वही महसूस कर रहे हैं जो Anaya के दिल में चल रहा है, या ये सिर्फ़ एकतरफ़ा जज़्बात हैं जो अब रूह तक उतरने लगे हैं…?)