भीड अब साँस रोके खडी थी. झूमर की रोशनी कांप रही थी, मानो दीवारें भी इस टकराव की गवाह बनना चाहती हों.
जारिन ने तल्ख अंदाज में कहा,
कबीर! तुम्हारे पास सूट है, शोहरत है, लेकिन ताकत. वो मेरे पास है. भूल मत जाना।
कबीर ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया,
ताकत. असली ताकत दिलों की होती है, जारिन. और वो दिल अब तेरे हाथ से फिसल चुके हैं।
भीड में सरगोशियाँ तेज हो गईं.
जियाना ने आगे बढकर धीमी आवाज में कहा,
कबीर, ये सब खतरा है. अगर तुमने आज ज्यादा बोल दिया तो.
कबीर ने उसकी ओर नजरें टिकाईं,
जियाना, डर वहीं करता है जिसके पास सच नहीं होता. और मेरे पास—सच है।
इतने में जेरेफ की गहरी आवाज गूँजी,
कबीर सही कह रहा है. लेकिन जारिन जैसा आदमी कभी सीधे हार नहीं मानता. हमें तैयार रहना होगा।
जारिन ने ठहाका लगाया,
वाह! तो अब तुम तीनों मिलकर मुझे गिराओगे? जेरेफ, याद रखो—मैंने तुम्हें यहाँ तक पहुँचाया था. और सैरिन. तुम भी मेरी महफिल की चमक थी।
सैरिन ने आगे बढते हुए कहा,
नहीं, जारिन. मैं कभी तुम्हारी नहीं थी. मैं सिर्फ सच की हूँ. और आज, सच कबीर के साथ खडा है।
भीड में अचानक तालियाँ गूँज उठीं. माहौल और तनावपूर्ण हो गया.
जारिन ने दाँत पीसते हुए कहा,
ठीक है. खेल तो अब शुरू होगा. और याद रखना. इस खेल में जीत मेरी होगी. चाहे इसके लिए पूरे महल को खून से रंगना पडे।
कबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए धीमे स्वर में कहा,
तो देखेंगे, जारिन. कौन सा रंग ज्यादा गहरा है—तेरे धोखे का या मेरे सच का।
और तभी—झूमर हिलने लगा, बिजली की रोशनी झपक- झपक कर बुझ गई. महफिल अचानक अंधेरे में डूब गई. एक चीख गूँजी.
भीड में अफरा- तफरी मच गई.
जियाना चिल्लाई,
कबीर! कहाँ हो तुम?
सैरिन ने उसका हाथ थाम लिया,
शांत रहो, वो यहीं कहीं है.
अंधेरे में जेरेफ की आवाज आई,
सावधान रहो! जारिन की चाल शुरू हो चुकी है।
अब सवाल है—क्या इस अंधेरे में जारिन ने अपनी चाल चल दी है? या कोई और राज बाहर आने वाला है?
अंधेरे में सिर्फ चीख की गूँज थी. भीड इधर- उधर भाग रही थी. हर कोई डरा हुआ था, लेकिन अचानक झूमर दोबारा जल उठा. रोशनी लौटी तो सबकी नजरें कबीर पर जमीं.
वो वहीं खडा था—तीन पीस ब्लैक सूट में, ऊँचा कद, चौडे कंधे और सुनहरी आँखों में आग की लौ. उसके होंठों पर वही आत्मविश्वास भरी मुस्कान थी.
जारिन ने गुस्से से कहा,
तुम बच गए. लेकिन अब तुम बचोगे नहीं. असली खेल तो अब शुरू होगा, कबीर!
कबीर ने हाथ उठाया और भीड की ओर देखते हुए कहा,
आज तुम सबको एक सच बताना है. एक ऐसा सच, जो सालों से छुपाया गया।
भीड फिर शांत हो गई. सबकी साँसें थमी थीं.
कबीर ने धीमे स्वर में कहा,
मैं कबीर मल्होत्रा हूँ. मल्होत्रा साम्राज्य का असली वारिस. हाँ, वही मल्होत्रा, जिसकी पहचान तुम सब भूल चुके थे. लेकिन मैंने भिखारी का चोला क्यों पहना? क्योंकि मुझे ये देखना था—कौन मेरे साथ है मेरे बिना ताज के. और कौन सिर्फ सोने की चमक का भूखा है।
भीड से एक लडकी की आवाज आई,
ओह माय गॉड! कबीर मल्होत्रा. वही जिसके बारे में कहा जाता था कि वो मर चुका है?
दूसरी लडकी ने फुसफुसाया,
नहीं. वो जिंदा है. और देखो, कितना हैंडसम, कितना चार्मिंग है. उसकी आँखें. भगवान, मैं तो खो गई।
तीसरी ने हँसते हुए कहा,
काश वो मुझे देख ले, मेरी जिंदगी तो बन जाएगी।
लडकियों की भीड अब सचमुच कबीर पर फिदा हो चुकी थी. सब उसे देखते नहीं थक रही थीं.
जियाना ने गहरी नजर से उसकी ओर देखा. उसके दिल में अजीब- सी कसक थी. वो खुद को रोक नहीं पाई और बोली,
तो ये है वो शख्स. जिसे दुनिया भिखारी समझती रही और असल में वो बादशाह है।
सैरिन, जो अब तक चुप थी, आगे बढकर बोली,
लेकिन कबीर. अगर तुम मल्होत्रा साम्राज्य के असली वारिस थे, तो भिखारी बनकर क्यों घूमते रहे? तुम सामने आ सकते थे।
कबीर ने सैरिन की आँखों में गहराई से देखा,
सैरिन, कभी- कभी इंसान को खुद को मिटाना पडता है ताकि असली चेहरों का पता चल सके. मुझे ये जानना था कि मेरी गैरमौजूदगी में कौन मेरी विरासत को संभालेगा और कौन उसे लूटेगा. और सच ये है. जारिन ने सब कुछ अपने कब्जे में ले लिया।
जारिन ने दाँत पीसते हुए कहा,
हाँ! क्योंकि तुम्हारी जगह खाली थी, कबीर. और खाली जगह पर हमेशा कोई न कोई हक जमाता है. मैंने जमाया।
जेरेफ ने तेज आवाज में कहा,
लेकिन अब वो जगह खाली नहीं है, जारिन. असली मालिक वापस आ चुका है।
भीड ने जोरदार तालियाँ बजाईं.
जारिन का चेहरा और तमतमा उठा.
तुम सब भूल रहे हो, मैं ही ताकत हूँ. मेरी दौलत, मेरे हथियार, मेरे लोग—सब मेरे साथ हैं. कबीर, तुम सिर्फ नाम हो, और नाम से कोई साम्राज्य नहीं चलता।
कबीर शांत स्वर में बोला,
नाम से नहीं चलता. लेकिन नाम के साथ जुडी इज्जत, भरोसा और दुआएँ—वो सब कुछ चला देती हैं. यही मेरी असली ताकत है।
सैरिन उसकी बातों में खो सी गई. उसकी आँखों में चमक थी, मानो वो पहली बार किसी पर भरोसा कर रही हो.
उसने धीमे से कहा,
कबीर, तुम्हारे अंदर कुछ ऐसा है. जो मैंने पहले कभी महसूस नहीं किया।
जियाना ये सुनकर चौंकी. उसके दिल में जलन की लपट उठी. उसने तीखे स्वर में कहा,
सैरिन! मत भूलो, कबीर कोई साधारण शख्स नहीं है. वो ऐसा आदमी है, जिसके आसपास रहना आसान नहीं।
सैरिन ने पलटकर जवाब दिया,
और शायद मैं वही हूँ, जो इस मुश्किल को आसान बना सकती हूँ।
भीड में खामोशी छा गई. दोनों लडकियों की टकराती नजरें माहौल को और भारी बना रही थीं.
जेरेफ ने बीच में बात काटते हुए कहा,
काफी हो गया. असली सवाल ये है—अब आगे क्या होगा? कबीर, क्या तुम अपनी विरासत वापस लेने के लिए तैयार हो?
कबीर ने ठंडी साँस ली और कहा,
तैयार हूँ, जेरेफ. लेकिन ये सिर्फ ताज का सवाल नहीं है. ये इंसाफ का सवाल है. जारिन ने मेरे परिवार से धोखा किया, मेरे लोगों से झूठ बोला, और साम्राज्य को खंडहर बना दिया. अब उसे उसका हिसाब देना होगा।
जारिन ने ठहाका लगाते हुए कहा,
तो आओ कबीर. आज यहीं खेल खत्म कर देते हैं. देखते हैं किसकी जीत होती है—तेरे सच की या मेरे धोखे की।
कबीर मुस्कुराया,
खेल तो मैं खेलूँगा, जारिन. और याद रखना. इस बार जीत सिर्फ मेरी होगी।
भीड ने एक साथ तालियाँ बजाईं. लडकियाँ चीख पडीं, मानो किसी फिल्मी हीरो का जलवा देख रही हों.
सैरिन ने धीरे से कहा,
कबीर मल्होत्रा. शायद तुम्हारी कहानी अब मेरी भी कहानी बनने जा रही है।
जियाना का दिल फिर से कसक उठा. उसने मन ही मन कहा,
नहीं. कबीर सिर्फ मेरा है. मैं किसी और को उसे छीनने नहीं दूँगी।
जेरेफ ने माहौल को देखते हुए गंभीर आवाज में कहा,
आज की रात इतिहास लिखेगी. या तो कबीर का नाम अमर होगा. या जारिन का राज।
भीड ने फिर सरगोशी की. माहौल आग की तरह तपने लगा.
और तभी—बाहर से ढोल- नगाडों की आवाज आई. महफिल का दरवाजा जोर से खुला. नकाबपोश सिपाही भीतर घुसे. उनके पीछे खडा था जारिन का सबसे खतरनाक आदमी.
भीड चिल्ला उठी.
कबीर ने सीना तानकर कहा,
तो अब शुरू होगा असली खेल.
अब सवाल यह है
क्या कबीर मल्होत्रा अपनी असली ताकत दिखा पाएगा?
जियाना और सैरिन में से कौन उसका दिल जीत पाएगी?
जेरेफ किसका साथ देगा?
और क्या जारिन की साजिश आज खत्म होगी. या नई चाल चलेगी?
नकाबपोश सिपाही हॉल में दाखिल हुए तो भीड चीखती- भागती इधर- उधर फैल गई. माहौल में डर और हैरत दोनों भर चुके थे.
जारिन ने ठंडी हँसी के साथ कहा,
देखा कबीर? ये है मेरी ताकत. जब मैं चाहता हूँ, पूरा शहर मेरे इशारे पर नाचता है. ये सिपाही. ये लोग. सब मेरे वफादार हैं।
कबीर ने गहरी साँस ली, सुनहरी आँखों में अडिग आत्मविश्वास झलक रहा था.
वफादारी डर से नहीं होती, जारिन. वफादारी दिल से होती है. और तुमने जो साम्राज्य बनाया है. वो डर के सहारे है. सच मानो—ये इमारत रेत पर खडी है।
भीड में कानाफूसी शुरू हुई.
सच कह रहा है कबीर.
हाँ, जारिन ने सबको जबरदस्ती दबाया है.
जारिन गुस्से से चिल्लाया,
चुप! सब चुप रहो!
सैरिन धीरे- धीरे आगे बढी. उसकी आँखें सीधे कबीर पर टिकीं थीं.
कबीर, मैं तुम्हारी बातें सुन रही हूँ. और अजीब बात ये है कि मुझे उनमें सच्चाई महसूस होती है. पर मुझे ये भी समझना होगा कि आखिर तुम इतने सालों तक गायब क्यों रहे?
कबीर ने एक पल आँखें झुका लीं. उसकी आवाज भारी हो गई.
क्योंकि मैं चाहता था कि साजिश का पूरा नक्शा सामने आए. मेरे ही घर के लोगों ने. मेरे अपने खून ने. मेरे खिलाफ चाल चली थी. और जब मुझे लगा कि मेरा नाम मिट चुका है, तभी मैंने भिखारी का चोला पहन लिया. ताकि हर वो चेहरा सामने आ सके जो सिर्फ ताकत के लिए जी रहा था।
जियाना ने तुरंत बीच में आकर कहा,
और तुम समझते हो कि इस खेल में तुम अकेले सही हो? कबीर, अगर तुम असली वारिस थे, तो हमें भरोसे में क्यों नहीं लिया? हम सब तुम्हारे साथ खडे हो सकते थे।
कबीर ने गहरी नजर से जियाना की ओर देखा.
जियाना, कुछ सच्चाइयाँ इतनी कडवी होती हैं कि उन्हें अकेले ही सहना पडता है. मैं जानता था कि अगर मैंने तुम सबको शामिल किया, तो तुम्हारी जान खतरे में पड जाती।
जियाना का चेहरा नरम पड गया, लेकिन उसके दिल की कसक और गहरी हो गई.
जेरेफ अचानक आगे बढा. उसकी मुस्कान में रहस्य था.
दिलचस्प. बहुत दिलचस्प. कबीर मल्होत्रा जिंदा है, असली वारिस है. पर सवाल ये है—क्या वो वाकई इस साम्राज्य को संभालने लायक है? या फिर ये सब एक और कहानी है लोगों को लुभाने की?
जारिन ने तुरंत हामी भरी.
सही कहा! कबीर सिर्फ बातें करता है. असली ताकत मेरे पास है. मैं हुक्म देता हूँ—और सारा शहर झुक जाता है।
कबीर ने ठंडी मुस्कान दी.
झुकता है क्योंकि डरता है. लेकिन आज. ये भीड झुकेगी नहीं. आज ये भीड सच के साथ खडी होगी।
भीड से आवाज आई,
हाँ! हम कबीर मल्होत्रा के साथ हैं!
दूसरी आवाज—
अब और डर नहीं! जारिन का राज खत्म होगा।
जारिन का चेहरा गुस्से से लाल हो गया. उसने सिपाहियों की ओर देखा और गरजते हुए बोला,
सबको खामोश कर दो! अभी के अभी!
सिपाही आगे बढे ही थे कि सैरिन जोर से चिल्लाई,
रुको! कोई भी हाथ नहीं उठाएगा. ये महफिल अब डर की नहीं, सच की गवाही बनेगी।
भीड एकदम सन्न रह गई. सबकी नजरें सैरिन पर टिक गईं. उसकी आवाज में अजीब- सी ताकत थी.
जियाना ने गुस्से में कहा,
तुम्हें किसने हक दिया बीच में बोलने का, सैरिन? ये हमारी लडाई है।
सैरिन ने शांत स्वर में जवाब दिया,
सच की लडाई किसी एक की नहीं होती, जियाना. और अगर कबीर सचमुच वही है जो कह रहा है, तो मैं उसके साथ खडी हूँ।
जियाना की आँखों में जलन और बढ गई.
तो तुम समझती हो कि तुम्हारे साथ खडे होने से कबीर की दुनिया बदल जाएगी?
सैरिन ने मुस्कुराकर कहा,
शायद हाँ. कभी- कभी एक सही इंसान का साथ पूरी कहानी बदल देता है।
कबीर ने दोनों की ओर देखा. उसके चेहरे पर हल्की मुस्कान थी लेकिन आँखों में गहराई.
तुम दोनों ही मेरी कहानी का हिस्सा हो. लेकिन मेरी मंजिल सिर्फ ये साम्राज्य नहीं. बल्कि इंसाफ है. और मैं किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूँगा।
जेरेफ ने ताली बजाई.
वाह! इंसाफ. सच. भरोसा. कितने बडे- बडे शब्द हैं. लेकिन कबीर, सच मानो—ये दुनिया इन शब्दों से नहीं, ताकत से चलती है।
कबीर ने गहरी आवाज में कहा,
और मैं ये दुनिया बदलने आया हूँ. ताकत डराने से नहीं, बचाने से आती है. यही फर्क है मेरे और जारिन में।
भीड ने जोरदार तालियाँ बजाईं.
जारिन ने तमतमाते हुए कहा,
तुम्हें लगता है ये लोग तुम्हें हमेशा चाहेंगे? इनकी वफादारी हवा की तरह है. कबीर, एक झोंका आएगा और सब तुम्हें छोड देंगे।
कबीर ने सुनहरी आँखों से सीधा उसकी ओर देखा.
और अगर ऐसा हुआ. तो भी मैं अकेला खडा रहूँगा. क्योंकि सच को भीड की जरूरत नहीं होती. सच अपने आप में पूरा होता है।
भीड में गूँज उठी—
कबीर! कबीर! कबीर!
लडकियाँ फिर से एक- दूसरे से कानाफूसी करने लगीं.
काश वो मेरी ओर देख ले.
उसकी आवाज दिल को छू जाती है।
इतना चार्मिंग कोई कैसे हो सकता है?
सैरिन मुस्कुराई. उसकी आँखों में अजीब- सी चमक थी.
कबीर, तुम्हें अंदाजा नहीं. तुम्हारे सच ने मेरे दिल को छू लिया है।
जियाना ने गुस्से से होंठ भींच लिए.
ये सब मेरी आँखों के सामने नहीं होगा.
जारिन ने आखिरी दाँव खेला.
ठीक है कबीर! अगर तुम सचमुच असली वारिस हो, तो साबित करो. सामने खडे होकर कसम खाओ कि तुम मल्होत्रा साम्राज्य के बेटे हो।
कबीर ने अपनी आवाज ऊँची की.
मैं. कबीर मल्होत्रा! इस धरती, इस साम्राज्य, और हर उस इंसान का वारिस हूँ जिसने कभी मेरे परिवार पर भरोसा किया. आज मैं कसम खाता हूँ—धोखे की हर दीवार तोड दूँगा।
भीड तालियों से गूंज उठी.
सैरिन की आँखें भर आईं.
जियाना के चेहरे पर गुस्से और दर्द का मिश्रण था.
जेरेफ की मुस्कान और भी रहस्यमयी हो गई.
और जारिन. उसके चेहरे पर पहली बार डर झलकने लगा.
अब सवाल यह है
क्या सचमुच भीड का भरोसा कबीर को जीत दिला पाएगा?
सैरिन का कबीर के लिए बढता लगाव क्या जियाना से जंग छेडेगा?
जेरेफ का असली इरादा क्या है?
और जारिन का अगला दाँव कितना खतरनाक होगा?
अगला हिस्सा: जारिन की नई चाल
भीड अब कुछ- कुछ थम गई थी. झूमर की रोशनी हॉल में चमक रही थी, लेकिन माहौल अब भी भारी और तनावपूर्ण था. सबकी नजरें जारिन, कबीर, सैरिन और जियाना पर टिकी थीं.
जारिन ने अचानक धीमी लेकिन धारदार आवाज में कहा,
तो तुम सचमुच वापस आ गए हो, कबीर मल्होत्रा. और सोच रहे हो कि तुम सबको हिला दोगे?
कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा,
मैं सब कुछ हिला दूँगा, जारिन. पर सिर्फ सच की ताकत से. डर और धमक मेरे लिए मायने नहीं रखते।
जेरेफ ने हल्की मुस्कान दी,
वाह, कबीर. ये लडाई अब दिलों और दिमाग की है. जो असली है, वही जीतेगा।
सैरिन ने कदम बढाया और कहा,
कबीर, अब तुम अकेले नहीं हो. तुम सच के साथ खडे हो, और मैं तुम्हारे साथ खडी हूँ।
जियाना ने चिल्लाकर कहा,
सैरिन! तुम सोचती हो तुम्हारा साथ उसे बदल देगा? मैं भी यहाँ हूँ, और कबीर मेरा है!
भीड में हाहाकार मच गया. लडकियों की टकराती नजरें, कबीर की आत्मविश्वास भरी मुस्कान, और जारिन की बढती घृणा—सारा हॉल तनाव से भर गया.
जारिन ने ठहाका लगाया और धीमे कदमों से हॉल में घूमते हुए कहा,
तो ये है तुम सबका ‘हीरो’. भिखारी का नकाब उतारकर दिखाया. लेकिन आज मैं तुम्हारे लिए कुछ अलग लेकर आया हूँ।
कबीर ने नजरें झुकाईं और पूछा,
और वो क्या है, जारिन? ये सारी चालें, ये धमक. मुझे क्या साबित करना है?
जारिन ने अचानक सिपाहियों के एक छोटे समूह की ओर इशारा किया.
ये लोग सिर्फ मेरी शर्तों पर हिलेंगे. और मैं चाहता हूँ कि सब सामने देखें—कबीर मल्होत्रा की ताकत सिर्फ दिखावे की है, असलियत कुछ और है।
जेरेफ ने गंभीर स्वर में कहा,
जारिन. अगर तुम सच में खेल बदलना चाहते हो, तो ये तरीका गलत है. लोग डर से कभी असली वफादारी नहीं देते।
सैरिन ने झटके से कहा,
और कबीर. तुम्हें अपने आप पर भरोसा रखना होगा. आज तुम अकेले नहीं हो।
जियाना ने ठंडी हँसी के साथ कहा,
अकेले? वो कभी अकेला नहीं रहा. और अगर वो तुम्हारे साथ है, सैरिन. तो मुझे लगता है ये लडाई अभी शुरू भी नहीं हुई।
जारिन ने जोर से हँसा और कहा,
अच्छा, तो अब सबको पता चल जाएगा कि खेल सिर्फ दो लोगों के बीच नहीं है. आज मैं वो सच दिखाऊँगा, जिसे देखकर तुम सब काँप उठोगे।
कबीर ने धीमे लेकिन तेज लहजे में कहा,
जारिन, याद रखो. सच हमेशा सामने आता है. और जो लोग झूठ और चालाकी पर भरोसा करते हैं, उनका नकाब भी गिरता है।
भीड में सरगोशियाँ बढ गईं. हर कोई जानना चाहता था कि जारिन क्या करने वाला है.
जेरेफ ने धीमे से कबीर से कहा,
तैयार रहो. जारिन कुछ ऐसा करने वाला है, जो सबकी सोच से बाहर होगा. ये केवल ताकत या धन की जंग नहीं है. ये दिमाग और रणनीति की लडाई है।
कबीर ने हल्की मुस्कान दी,
मैं तैयार हूँ. और आज सच्चाई की जीत होगी।
जारिन ने अपने सिपाहियों को इशारा किया.
हॉल के सभी दरवाजों को बंद कर दो. कोई भी बाहर नहीं जाएगा. और सबको पता चलेगा कि मैं ही असली शासक हूँ।
भीड में हल्की चीखें उठीं. लोग डर के मारे अपने आप को रोकने लगे.
सैरिन ने जेरेफ की ओर देखा और कहा,
क्या हम इसे रोक सकते हैं?
जेरेफ ने गंभीर होकर कहा,
हम रोक सकते हैं, लेकिन हमें सोच- समझकर कदम उठाना होगा. जारिन केवल ताकत दिखा रहा है, असली चाल उसकी आँखों के पीछे है।
जियाना ने गहरी सांस ली और कहा,
मैं किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटूंगी. कबीर मेरा है, और मैं उसे किसी के भी हाथ नहीं जाने दूँगी।
कबीर ने दोनों लडकियों की ओर देखा. उसकी मुस्कान में हल्की गर्मी थी, लेकिन आँखों में ठंडक और मजबूती.
आज कोई नहीं हारेगा. पर सच्चाई सामने आएगी. और हर नकाब गिर जाएगा।
जारिन ने ठहाका लगाया,
तो फिर खेल शुरू! देखें कौन जीतता है—कबीर का दिखावा या मेरी असली चाल।
भीड सन्न थी. हर किसी की धडकन तेज थी. लडकियाँ अब और फिदा हो चुकी थीं.
जेरेफ ने धीमी आवाज में कहा,
सावधान रहो, कबीर. आज जारिन एक नया राज खोलने वाला है. और ये राज सबको हिला देगा।
सैरिन ने झुककर कहा,
मैं तुम्हारे साथ हूँ. चाहे जो भी हो।
जियाना ने चिल्लाकर कहा,
और मैं भी. किसी को उसे छीनने नहीं दूँगी।
कबीर ने अपनी सुनहरी आँखों से सभी को देखा. उसकी आवाज में थम गया समय, जैसे हवा भी सुन रही हो.
तैयार रहो. क्योंकि अब पर्दा गिरने वाला है. और जो छुपा हुआ है, वो सबके सामने आएगा।
भीड में सरगोशियाँ तेज हो गईं. जारिन के चेहरे पर पहली बार हल्का डर दिखा.
अब सवाल यह है:
जारिन का अगला दांव क्या होगा?
क्या कबीर और उसकी टीम जारिन की चाल को रोक पाएंगे?
जियाना और सैरिन का कबीर के लिए बढता लगाव Kiss तरह कहानी को मोडेगा?
और जेरेफ का असली इरादा—क्या वो कबीर के साथ खडा रहेगा या जारिन की तरफ झुकेगा?
अगला हिस्सा: कबीर की असली ताकत और शानो- शौकत
हॉल में जारिन के इशारों से हल्की हलचल थी, लेकिन कबीर का शांत और आत्मविश्वासी व्यक्तित्व सबकी नजरें अपनी ओर खींच रहा था. तीन पीस काले सूट में वह खडा था, कंधे चौडे, कद लंबा, सुनहरी आँखों में हौसले और समझदारी झलक रही थी.
कबीर ने धीरे से मुस्कुराया और हाथ उठाकर हल्का सा जाम उठाया.
चलो, इस शाम को जी भरकर जियो, उसने कहा, और उसकी आवाज में गहराई और गर्मजोशी दोनों थे.
भीड में कुछ लोग फुसफुसाने लगे,
कबीर मल्होत्रा. उसकी मौजूदगी ही अलग है. ये शांति और सम्मान कैसे है इस आदमी में?
और ये मुस्कान. जैसे सब कुछ उसका है, पर फिर भी सबके लिए खुला है।
जियाना ने अपनी आँखों को चौडा किया. उसकी सांस तेज हो गई.
वो. वो कैसे इतना शांत और खुशमिजाज रह सकता है? और फिर भी उसकी मौजूदगी इतनी ताकतवर क्यों लग रही है?
सैरिन ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी आंखों में चमक थी.
कबीर. सच में तुम अलग हो. सिर्फ दिखावा नहीं, हर कदम, हर लहजा, हर मुस्कान. सब कुछ एक कहानी कहता है।
कबीर ने धीरे से सैरिन की ओर देखा, उसकी मुस्कान में हल्की गर्मी और मित्रता थी.
सैरिन. जो महसूस कर रही हो, वही सच है. और सच की ताकत, दिखावे या धमक से नहीं, इंसानियत से आती है।
जेरेफ ने हल्की हँसी के साथ कहा,
वाह, कबीर. तुम सिर्फ लडाई का हीरो नहीं, बल्कि शान और शौकत के प्रतीक भी हो. लोग तुम्हें देखकर. बस थम जाते हैं।
कबीर ने जाम उठाते हुए कहा,
थोडा जश्न मनाओ. यह शाम सिर्फ लडाई की नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो सच के साथ खडे हैं।
भीड में जाम चहकते हुए उठाए गए. चश्मे टकराए और हल्की- हल्की हँसी गूँज उठी. माहौल में रोमांच और उत्साह फैल गया.
जारिन ने झुंझलाते हुए कहा,
तो ये है तुम्हारा जलवा, कबीर. देखो लोग कैसे मुग्ध हैं. पर ये सब दिखावा है, याद रखो।
कबीर ने शांति से मुस्कुराते हुए कहा,
जारिन. दिखावा वही है जो डर और धमक के सहारे बनाया गया हो. और जो डर से जीता हो, वह असली नहीं होता।
जियाना ने अपने आप को रोकते हुए कहा,
कबीर. तुम्हारे सामने खडा होना भी. दिल थाम लेने जैसा है. ऐसा लगता है जैसे सब कुछ तुम्हारे इर्द- गिर्द घूम रहा है।
सैरिन ने झटके से जाम उठाया. उसकी आँखों में हल्की नजरें थीं, जैसे वो कबीर के चार्म से प्रभावित हो चुकी हो.
सच. तुम्हारे सामने खडे रहना. मुश्किल है. तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारी शांति. सब कुछ अलग है।
कबीर ने हल्का सा सिर हिलाया, उसकी मुस्कान में गर्मजोशी और समझदारी दोनों झलक रही थी.
सैरिन, जो महसूस कर रही हो, वही सच्चाई है. और सच्चाई हमेशा सामने आती है. आज मैं सिर्फ सच दिखाने आया हूँ।
जेरेफ ने हल्की मुस्कान के साथ कहा,
तो अब असली खेल शुरू होगा. लोग सिर्फ तुम्हारे चेहरे और चार्म से नहीं, तुम्हारी ताकत और फैसलों से प्रभावित होंगे।
जारिन ने अपने दाँत भींचते हुए कहा,
कबीर. आज मैं तुम्हें सबके सामने चुनौती दूँगा. और देखना, तुम्हारी खुशमिजाजी और मुस्कान कितनी देर टिकती है।
कबीर ने हल्की हँसी में कहा,
जारिन, मुस्कान टिकती है जब दिल शांत और आत्मविश्वासी हो. और आज मेरा दिल शांत है।
भीड में हल्की सरगोशियाँ हुईं. लडकियाँ अपने दिल को थामे हुए बस कबीर को देख रही थीं.
जियाना ने धीरे से कहा,
वो. वो कितना प्रभावशाली है. उसके सामने खडे होना. दिल थाम लेने जैसा है।
सैरिन ने हल्की हँसी के साथ कहा,
और ये जाम. हर घूँट में उसकी ताकत और शानो- शौकत झलकती है. ये आदमी सिर्फ दिखावा नहीं. असली है।
कबीर ने धीरे से जाम उठाया और हल्की मुस्कान दी.
आज सब कुछ साफ होगा. और जो लोग केवल दिखावे पर भरोसा करते हैं, उनके नकाब भी गिरेंगे।
जारिन ने गुस्से में कहा,
ठीक है. अगर तुम्हारे पास ताकत है, दिखाओ. इस महफिल को सबके सामने हिला दो. लेकिन याद रखना, मैं पीछे नहीं हटूँगा।
कबीर ने मुस्कान के साथ कहा,
और मैं पीछे नहीं हटूँगा, जारिन. लेकिन मेरी ताकत. डर या धमक से नहीं, समझदारी और इंसाफ से आती है. यही फर्क है।
भीड तालियों से गूंज उठी. लडकियों के दिल धडक रहे थे.
जियाना ने चुपचाप कहा,
कबीर. तुम्हारी मुस्कान. और तुम्हारा आत्मविश्वास. ये सब दिल थाम देने वाला है।
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी,
मैं समझ गई. ये वही है. वही आदमी जिसके बारे में मैंने सिर्फ सुना था।
जेरेफ ने धीमी आवाज में कहा,
कबीर, आज तुम्हारी असली ताकत और शानो- शौकत सबके सामने आएगी. और जो लोग तुम्हें नहीं पहचान पाए, वो अब थम जाएंगे।
कबीर ने जाम उठाते हुए कहा,
तो चलो. इस शाम का जश्न मनाएँ. और सबका सच सामने आए. क्योंकि आज जो कुछ भी होगा, वही इतिहास बनेगा।
भीड में फिर से जाम चहकते हुए टकराए. चश्मों में रोशनी की चमक, लडकियों की नजरें बस कबीर पर, और जारिन का बढता तनाव—सब कुछ अब महफिल को रोमांच और सस्पेंस से भर दिया था.
अगला हिस्सा: जारिन की पहली चाल और महफिल में हडकंप
हॉल अब पूरी तरह थम चुका था. चहकते जाम, हल्की- हल्की हँसी और चमकती झूमरों के बीच, कबीर का आत्मविश्वास और शानो- शौकत सबकी निगाहों का केंद्र बन चुकी थी.
जारिन ने ठहाका लगाया और धीमी आवाज में कहा,
तो ये है तुम्हारा राज, कबीर मल्होत्रा. शांत, खुशमिजाज और सबको अपने चार्म में फँसाने वाला. लेकिन देखना, मैं भी पीछे नहीं हूँ।
कबीर ने हल्की मुस्कान दी, जैसे उसे जारिन की धमकी से कोई फर्क ही नहीं पड रहा हो.
जारिन, डर और धमक पर जो टिकता है, उसकी ताकत असली नहीं होती. असली ताकत. समझदारी और इंसानियत से आती है।
जेरेफ ने कदम बढाया और धीमी आवाज में कहा,
जारिन, तुम्हारा तरीका पुराना है. लोग अब डर से नहीं, दिल से देखते हैं. और इस महफिल में दिलों की जीत. कबीर के साथ होगी।
सैरिन ने झुकते हुए कहा,
कबीर, ये लोग शायद तुम्हारी असली ताकत नहीं समझ पाए. लेकिन मैं समझती हूँ. तुम्हारा हर कदम, हर मुस्कान, सब कुछ कहानी कहता है।
जियाना ने गुस्से और इरादों के साथ कहा,
सैरिन! तुम सोचती हो कि तुम्हारा साथ उसे बदल देगा? मैं यहाँ हूँ, और किसी को भी उसे छीनने नहीं दूँगी!
जारिन ने दाँत भींचते हुए कहा,
इतना ड्रामा. और फिर भी लोग सिर्फ तुम्हें देख रहे हैं. पर याद रखना, कबीर, मैं सब कुछ पलट दूँगा।
कबीर ने मुस्कान के साथ कहा,
जारिन, तुम पलट सकते हो नकाब, खेल. पर सच को तुम नहीं बदल सकते।
भीड में हल्की सरगोशियाँ हुईं. लडकियों के दिल बस कबीर के लिए धडक रहे थे.
जेरेफ ने धीमे स्वर में कहा,
आज तुम्हारी असली ताकत सामने आएगी, कबीर. और जो लोग तुम्हें नहीं पहचान पाए, वो थम जाएंगे।
सैरिन ने जाम उठाते हुए कहा,
मैं तुम्हारे साथ हूँ, कबीर. चाहे जो भी हो।
जियाना ने कडा स्वर लिया,
और मैं भी! किसी को तुम्हें छीनने नहीं दूँगी।
कबीर ने जाम उठाया और हल्की मुस्कान दी,
तो चलो. इस शाम का जश्न मनाएँ. और जो कुछ भी होगा, वही इतिहास बनेगा।
भीड में तालियाँ गूँज उठीं. चश्मों में रोशनी की चमक, लडकियों की धडकती नजरें—सब कुछ अब महफिल को रोमांच और सस्पेंस से भर दिया.
तभी जारिन ने तेज स्वर में कहा,
सब लोग ध्यान दो! ये पार्टी अब मेरे नियमों के अनुसार चलेगी. कोई बाहर नहीं जाएगा, और हर चाल मेरे अनुसार।
कबीर ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा,
जारिन. आज हर चाल सामने आएगी. और जो छुपा है, सबको पता चलेगा।
जेरेफ ने गंभीर होकर कहा,
कबीर, अब तुम्हें अपनी रणनीति और शांति दिखानी होगी. जारिन केवल दिखावे में माहिर है, असली चाल उसकी आँखों के पीछे छिपी है।
सैरिन ने हल्की हँसी में कहा,
और मैं तुम्हारे साथ हूँ. डर नहीं, सिर्फ ताकत और समझदारी।
जियाना ने आँखें चमकाते हुए कहा,
और मैं भी. किसी को तुम्हें छीनने नहीं दूँगी. आज महफिल में तुम्हारी असली पहचान सामने आएगी।
कबीर ने धीरे से मुस्कान दी,
तैयार रहो. क्योंकि अब नकाब गिरने वाले हैं. और जो झूठ के पीछे छुपा है, उसे सबके सामने आना होगा।
भीड में हल्की सरगोशियाँ और तालियाँ गूँज उठीं. हर कोई जानना चाहता था कि जारिन की पहली चाल क्या होगी और कबीर कैसे अपने शानदार अंदाज और शांति भरे व्यक्तित्व से माहफिल को मोड देगा.
जेरेफ ने धीमे स्वर में कहा,
सबकुछ अब बदलने वाला है. और जो लोग डर या दिखावे पर भरोसा करते हैं, उन्हें अब समझ आएगी कि असली ताकत. कबीर के साथ है।
सैरिन ने झुककर कहा,
कबीर, आज सब कुछ सामने आएगा. और मैं जानती हूँ, तुम्हारा अंदाज, मुस्कान और आत्मविश्वास. सबको घायल कर देगा।
जियाना ने हल्की हँसी के साथ कहा,
और मैं भी. किसी को तुम्हें छीनने नहीं दूँगी. अब देखना, ये महफिल किसका कब्जा लेती है।
कबीर ने धीरे से जाम उठाया और मुस्कुराते हुए कहा,
तो चलो. आज का खेल शुरू हो. और जो छुपा हुआ है, सबके सामने आएगा।
भीड में हल्की सरगोशियाँ और तालियों की आवाजें गूँज उठीं. जारिन का चेहरा लाल हो गया, लडकियों की धडकनें तेज, और महफिल में रोमांच और सस्पेंस का माहौल फैल गया.
लडकियों—जियाना और सैरिन—का दिल थाम गया.
हॉल में रोशनी झूमरों से टकरा रही थी, और चहकते जामों की खनक माहौल में रोमांच भर रही थी. भीड अब पूरी तरह कबीर मल्होत्रा पर केंद्रित थी. उसकी सुनहरी आँखें, लंबा कद और डैशिंग अंदाज—सब कुछ लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहा था.
जियाना की नजरें बस कबीर पर टिक गई थीं. उसका दिल तेज धडक रहा था.
वो. वो सच में कबीर मल्होत्रा है. इस शांति और आत्मविश्वास को देखो. उसने धीरे से कहा.
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी, उसकी आँखों में चमक थी.
कबीर. तुम्हारे सामने खडे रहना. दिल थाम लेने जैसा है. और ये मुस्कान. जैसे सब कुछ उसके अधीन है।
कबीर ने शांत स्वर में कहा,
आज मैं सिर्फ सच दिखाने आया हूँ. डर या धमक से नहीं, बल्कि अपने अंदाज, अपनी शांति और अपनी समझदारी से।
जारिन ने दाँत भींचते हुए कहा,
ठीक है. तुम्हारी ये मुस्कान, ये चार्म, सब मुझे नहीं डराता. आज मैं दिखा दूँगा कि असली ताकत क्या होती है।
भीड में हल्की सरगोशियाँ बढ गईं. लडकियों के दिल बस कबीर के लिए धडक रहे थे.
जियाना ने धीरे से कहा,
उसके सामने खडे होना. दिल थामने जैसा है. और ये जाम. हर घूँट में उसकी शानो- शौकत झलकती है।
सैरिन ने हल्की हँसी के साथ कहा,
और ये मुस्कान. लगता है जैसे सब कुछ उसके अधीन है. ये आदमी सिर्फ दिखावा नहीं है, असली है।
तभी जारिन ने तेज स्वर में कहा,
सब लोग ध्यान दो! अब से हर चाल मेरी शर्तों पर चलेगी. कोई बाहर नहीं जाएगा, और जो भी छुपा है. उसका नकाब गिरने वाला है।
कबीर ने शांति और मुस्कान के साथ कहा,
जारिन, आज हर नकाब गिर जाएगा. और जो दिखावा करता है, उसकी असली शक्ल सबके सामने आएगी।
जेरेफ ने गंभीर स्वर में कहा,
तैयार रहो, कबीर. ये महफिल अब केवल खेल का मैदान नहीं, बल्कि असली चालों और इरादों की जंग बन चुकी है।
सैरिन ने धीरे से कहा,
और मैं तुम्हारे साथ हूँ, कबीर. डर नहीं, सिर्फ ताकत और समझदारी।
जियाना ने आँखें चमकाते हुए कहा,
और मैं भी. किसी को तुम्हें छीनने नहीं दूँगी. आज हर नकाब सामने आएगा।
भीड में हल्की सरगोशियाँ और तालियाँ गूँज उठीं. माहौल में रोमांच और सस्पेंस भर गया.
और तभी, अचानक हॉल के पीछे से एक हल्की आवाज गूँजी—किसी ने कहा,
तुम सोच रहे हो कि सब नियंत्रण में है. पर जारिन ने एक ऐसा राज छुपा रखा है, जिसे देखने के बाद सबके होश उड जाएंगे. क्या कबीर और उसकी टीम इस चाल को पहचान पाएंगे?
भीड में सन्नाटा छा गया.
कबीर ने धीरे से जाम उठाया और मुस्कराते हुए कहा,
अब सबको पता चल जाएगा कि असली ताकत, शांति और समझदारी में है. और जो छुपा हुआ है.
जारिन का छुपा राज क्या है?
कबीर और उसकी टीम इस चाल को कैसे संभालेंगे?
जियाना और सैरिन का कबीर के लिए पागलपन कैसे कहानी को मोड देगा?
और क्या महफिल में सच्चाई सबके सामने आएगी?
जारी