🔥 दीवारें तोड़ती मोहब्बत - भाग 12
शीर्षक: 65 डिग्री सेल्सियस पर गर्म होती नज़दीकी
'फ़ैमिली होम' प्रोजेक्ट की प्रगति तेज़ी से हो रही थी, लेकिन साइट पर मौजूद ठेकेदारों और इंजीनियरों को डिज़ाइन के कुछ जटिल पहलुओं को समझने में मुश्किल हो रही थी। वीर ने तय किया कि एक दिन के लिए साइट पर जाकर हर चीज़ की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करना ज़रूरी है।
"हम कल सुबह साइट पर जा रहे हैं," वीर ने अनायरा से कहा। "डिज़ाइन का हर पहलू तुम्हारी उंगलियों पर है, इसलिए तुम्हारी उपस्थिति अनिवार्य है। एक दिन का काम है, हम शाम तक वापस आ जाएंगे।"
अगली सुबह, वीर अपनी ब्लैक एसयूवी लेकर अनायरा को लेने पहुँचा। अनायरा ने पहली बार वीर को एक सख्त सीईओ के बजाय, एक शांत और चिंतनशील व्यक्ति के रूप में देखा।
🌄 दूर की यात्रा
गाड़ी में चुप्पी छाई रही। यह चुप्पी अब पहले की तरह बोझिल नहीं थी; यह सम्मान और नई समझ से भरी हुई थी।
करीब एक घंटे बाद, वीर ने अनायरा की ओर बिना देखे कहा, "क्या तुम ठीक हो? मुझे पता है, साइट का काम थकाऊ होता है।"
"मैं ठीक हूँ, वीर," अनायरा ने पहली बार उसका नाम लिया, और फिर तुरंत खुद को संभाला। "मेरा मतलब, मिस्टर वीर।"
वीर ने हल्का-सा सिर हिलाया। "अब से, ऑफ़िस से बाहर तुम मुझे सिर्फ़ वीर कह सकती हो। जब तक हम वापस न आ जाएं।"
अनायरा के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आई। यह भी एक दीवार का गिरना था—पद की दीवार।
"ठीक है, वीर," उसने कहा। "और मैं थकती नहीं हूँ। यह मेरा सपना भी है।"
वीर ने गाड़ी की स्पीड कम की और अनायरा को देखा। "मैंने महसूस किया है कि तुम्हारे डिज़ाइनों में एक बात हमेशा रहती है—वे हर चीज़ को खुला रखते हैं। कोई बंद कमरा नहीं, कोई संकरी जगह नहीं। क्या इसके पीछे कोई ख़ास वजह है?"
अनायरा ने खिड़की से बाहर देखा और धीरे से जवाब दिया, "बंद जगहें अच्छी नहीं होतीं। वे हमें दम घोटने लगती हैं। मुझे लगता है, दीवारों को सिर्फ़ सहारा देने के लिए होना चाहिए, रिश्ते तोड़ने के लिए नहीं।"
वीर ने कुछ देर सोचा, फिर सिर हिलाया। "तुम्हारी बात सही है।"
🛠️ दोपहर का विराम और खुली रसोई
साइट पर काम उम्मीद से ज़्यादा जटिल था। वीर ठेकेदारों को समझा रहा था कि संगीत कक्ष के साउंडप्रूफिंग की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं होगा, जबकि अनायरा खुली रसोई के लेआउट पर इंजीनियरों को बारीकियाँ समझा रही थी।
दोपहर में, जब काम कुछ देर के लिए रुका, तो अनायरा ने टिफिन निकाला। वीर ने देखा कि वह दो लोगों का खाना लाई थी।
"मुझे पता था कि बाहर खाना अच्छा नहीं मिलेगा," अनायरा ने टिफिन वीर की ओर बढ़ाते हुए कहा। "यह 65 डिग्री सेल्सियस पर गर्म नहीं है, लेकिन... यह मेरा हाथ का बना है।"
वीर ने पहली बार किसी के हाथ का बना खाना खाया। उस साधारण दाल-चावल में एक गर्माहट थी जो उसके भीतर तक महसूस हुई।
"यह अद्भुत है, अनायरा," वीर ने सचमुच तारीफ की। "शुक्रिया।"
"और यह," अनायरा ने एक खाली जगह की ओर इशारा किया, "यहीं होगी वह खुली रसोई। हर दीवार पर, मैंने कांच का एक बड़ा सा पैनल जोड़ा है, ताकि यहाँ खड़े होकर बाहर के बगीचे को देखा जा सके। खाना पकाना, प्यार की तरह होना चाहिए—छुपा हुआ नहीं, बल्कि सबके सामने।"
वीर ने अपने दिमाग में उस दृश्य की कल्पना की। खुली जगह, कांच के पैनल, और रिया का हंसता हुआ चेहरा। अचानक, उसके चेहरे पर एक पुरानी, भूली हुई उदासी आ गई।
"रिया हमेशा से चाहती थी कि हमारी रसोई में एक बार भी दरवाज़ा न हो," वीर ने धीमी आवाज़ में कहा। "वह कहती थी कि मेरे चाय के मग का रंग बाहर से दिखना चाहिए।"
वीर ने एक पल के लिए अनायरा की ओर देखा। उस पल में, उन्हें लगा जैसे वे एक ही जगह पर खड़े हैं, एक ही स्मृति को साझा कर रहे हैं।
🌙 अनचाही नज़दीकी
शाम ढल चुकी थी। काम ख़त्म हो गया था, लेकिन अंधेरा होने के कारण इंजीनियरों ने लाइटें जला दी थीं। वीर और अनायरा अंतिम लेआउट स्केच की समीक्षा कर रहे थे।
अनायरा झुकी हुई थी, पेंसिल से किसी माप को ठीक कर रही थी। वीर उसके कंधे के ऊपर से देख रहा था। अचानक, वीर का हाथ अनायरा के हाथ को छू गया।
यह एक छोटी सी स्पर्श था, लेकिन दोनों के शरीर में बिजली का संचार कर गया। अनायरा का दिल ज़ोर से धड़कने लगा। उसने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया।
तभी, साइट पर चल रही लाइटें अचानक चली गईं। पूरे साइट पर घना अंधेरा छा गया।
अनायरा घबरा गई। वीर ने तुरंत, अंधेरे में ही, अपना हाथ आगे बढ़ाया और अनायरा का हाथ थाम लिया।
"डरना नहीं," वीर की आवाज़ एकदम पास से आई, उसकी गर्माहट अनायरा के कान तक पहुँची। "मैं यहीं हूँ। शायद कोई फ़्यूज़ उड़ गया है।"
वीर का मज़बूत स्पर्श अनायरा के डर को शांत कर गया।
"मिस्टर वीर," दूर से एक इंजीनियर की आवाज़ आई, "हम जनरेटर चेक कर रहे हैं।"
वीर ने अनायरा को छोड़ दिया, लेकिन वह नज़दीकी, वह स्पर्श, अब भी उनके बीच हवा में तैर रहा था।
जब लाइटें वापस आईं, तो वीर और अनायरा के बीच की दूरी बढ़ चुकी थी, लेकिन उनके दिलों के बीच की दूरी बहुत कम हो गई थी।
तभी, साइट के मुंशी फकीरचंद ने दूर से दोनों को देखा। उसने अपने पुराने अनुभवों से भांप लिया कि 'बॉस और असिस्टेंट' के बीच कुछ ऐसा है जो पेशेवर नहीं है। उसने मन ही मन सोचा: "साहब ने आखिर रिया मैम के बाद, अपनी नई कहानी शुरू कर दी।"
वह अनचाहा आकर्षण, जो वीर और अनायरा दोनों ने महसूस किया, अब किसी तीसरे व्यक्ति की नज़रों में आ चुका था।
अगला कदम (Next Step):
भाग 13 में हम देखेंगे,वीर और अनायरा को फकीरचंद की नज़रों का एहसास होता है। वीर अनायरा को डिनर पर ले जाता है, जहाँ वे खुलकर रिया के बारे में बात करते हैं और वीर अपनी एक निजी दीवार को तोड़ता है। क्या वीर अपनी भावनाओं को स्वीकार कर पाएगा, या वह अनायरा से दूर भागना चाहेगा?