Adhure ishq ki puri dastan - 3 in Hindi Love Stories by Nirali Ahir books and stories PDF | अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 3

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अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 3

विष्णु को हंसता देख प्रीतम ने कहा विष्णु के बच्चे रुक में तुझे अभी बताता हु।ये सुनकर विष्णु कैम्पस में भागने लगा और प्रीतम उसका पीछा करने लगा। विष्णु नीलिमा के पीछे जाकर छुप गया।प्रीतम ने कहा लड़की के पीछे छुपता है शरम नहीं आती बेशरम?उसको लड़ता देख आकाश ओर नीलिमा हंस पड़े।नीलिमा ने कहा विष्णु ये क्या बच्चों की तरह लड़ रहे हो और क्यू प्रीतम को परेशान कर रहे हो?

विष्णु ने वही मजाकिया अंदाज में कहा प्रीतम की बड़ी फिकर हो रही हैं हमारी तो आज तक किसी ने इतनी फिकर नहीं की क्यू आकाश सही कहा ना?आकाश ने भी हंसते हुए हा भाई ये तो है कह के चला गया।विष्णु ने प्रीतम को इशारा किया नीलिमा से बात करने का पर प्रीतम ने ना में सिर हिलाया।विष्णु ने दोबारा कहा तो प्रीतम नीलीमा से इधर उधर की बाते करने लगा।विष्णु मुंह बनाकर वहां से चला गया।प्रीतम नीलिमा को बाय बोलकर विष्णु के पीछे पीछे चला गया, विष्णु कैम्पस के एक कोने में लगी छोटी बेंच पर जाके बैठ गया।प्रीतम ने पास जाकर कहा ये क्या विष्णु तू मुंह बनाकर इधर क्यू चला आया?

विष्णु ने कहा तो ओर क्या करता तुम्हारी तरह टाइमपास?प्रीतम ने कहा टाइमपास?कब ?विष्णु बोला इतना इतना भी भोला मत बन मैने नीलिमा से बात करने को बोला था क्यू नहीं कि?प्रीतम ने बोला अरे ऐसे कैसे में सीधे बोलदु ?बात हाई हेलो से आगे बढ़े, उसे में पसंद हु या नहीं,वो क्या चाहती हैं ये सब पता तो होना चाहिए ना, फिर में उससे बात करूंगा।

विष्णु ने कहा अरे बापरे तू इतना ज्यादा सोचता है?मुझे तो पता ही नहीं था!प्रीतम ने कहा तू अपनी नौटंकी बंद कर ओर चल यहां से कैंटीन में जाके कुछ खाते हैं बड़ी तेज भूख लगी है।कैंटीन में नीलिमा भी बैठी हुई थी,विष्णु उस टेबल पे जाके बैठ गया ओर बोला हाई मिस नीलिमा वर्मा क्या हम यहां बैठ सकते हैं?नीलिमा बोली जनाब आप पहले ही बैठ चुके हैं!प्रीतम ने डांटकर कहा विष्णु तू यहां भी शुरू हो गया?नीलिमा ने कहा इट्स ओके प्रीतम मुझे अच्छा लगता हैं विष्णु के हंसी मजाक करने पर।

प्रीतम भी नीलिमा के सामने विष्णु के पास बैठ गया तीनों ने नाश्ता करना स्टार्ट किया तभी आकाश आया ओर बोला सोरी नीलिमा में लेट हो गया,ये कहके नीलिमा के बगल वाली सीट पे बैठ गया।विष्णु प्रीतम की ओर मुंह कर के धीरे से बोला देखा भाई तू सब जानने में रहेंगा तब तक ये गधा बात बन लेंगा देख कैसे चिपक रहा हैं। प्रीतम कुछ नहीं बोला वो चुपचाप नाश्ता करता रहा।नाश्ता खतम कर के सब क्लासरूम में चले गए।

दूसरे दिन नीलिमा लाइब्रेरी में बैठके कुछ पढ़ रही थी,तभी विष्णु ने प्रीतम से कहा तू लाइब्रेरी में जा नीलिमा वहां है और आज कुछ बात आगे बढ़ाकर ही आना ऐसे ही आया तो मुंह तोड़ दूंगा और में ही जाकर बोल दूंगा।प्रीतम ने कहा वो आकाश अभी वहां टपक पड़ेगा नीलिमा के छाए की तरह आगे पीछे घूमता रहता है,विष्णु ने बोला उसे में देख लूंगा आज कुछ भी हो जाए में उसे नीलिमा के आसपास भी नहीं आने दूंगा बस तू कुछ बात आगे बढ़ा।प्रीतम ने कहा ठीक हैं में जा रहा हूं तू आकाश को सम्भाल लेना,ऐसा कह के प्रीतम लाइब्रेरी के अंदर चला गया ओर किताब लेकर नीलिमा के करीब जाकर बैठ गया।सामने तो किताब थी पर उसका पूरा ध्यान नीलिमा के ऊपर था,उसके खुले बाल,झुकी हुई पलके,गुलाबी होठ और देखते ही प्यारा लगे वैसा मासूम चेहरा फिर से एक बार प्रीतम दूसरी दुनिया में खो गया।ओ मिस्टर प्रीतम ये क्या हरकत हैं?किताब टेबल पर हैं और ध्यान कही और! नीलिमा की आवाज से इस दुनिया मैं अचानक से वापस आ गया।प्रीतम शर्म से लाल हो गया उसकी ये हालत देखकर नीलिमा हसने से खुद को रोक ना सकी और जोर से हंस पड़ी।

हंसते हुए नीलिमा बोली तुम तो लड़कियों से भी ज्यादा शरमाते हो।ऐसे शर्माना पक्का तुम्हारी मम्मी से सिखा होगा।ये सुनकर प्रीतम का चेहरा उदास हो गया ओर आंखे भर आई ये देख नीलिमा परेशान होते हुए बोली आए एम सोरी प्रीतम मैने अगर कुछ गलत बोल दिया हो तो,मेरा ऐसा कुछ इरादा नहीं था।प्रीतम ने आंखें साफ करते हुए कहा अरे नहीं नहीं बस मुझे मेरी मम्मी की याद आ गई थी वो बचपन में ही इस दुनिया को......कहते कहते प्रीतम चुप हो गया।नीलिमा बोली ओह मुझे पता नहीं था।दोनों काफी देर यू ही गुमसुम बैठे रहे फिर प्रीतम ने खुद को संभाल कर बोला अच्छा नीलिमा ये तो बताओ तुम्हारे परिवार में कौन कौन है।नीलिमा ने कहा मम्मी, पापा,में ओर छोटा भाई।

अच्छा तो तुम बताओ तुम किस के साथ रहते हो प्रीतम ने कहा में पापा ओर विष्णु।नीलिमा ने कहा विष्णु तुम्हारा भाई है मुझे तो लगा था सिर्फ दोस्त हैं!प्रीतम ने मुस्कुराकर कहा हा विष्णु मेरा भाई दोस्त सबकुछ है पापा के बाद वही है जो मेरे इतना करीब है।तुम्हारे करीब कौन है? तुम्हारी सहेली नैना लगती है तुम्हारे करीब!नीलिमा ने कहा वैसे तो नैना मेरी अच्छी दोस्त है मेरी फैमिली मुझ से बहुत ज्यादा प्यार करती हैं पर मेरे इतना करीब कोई नहीं है।