Tere Mere Darmiyaan - 37 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 37

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तेरे मेरे दरमियान - 37

आदित्य: - जानवी ऐसी बात नही है , हमारी शादी हो चुकी है तो इसमे अब मोनिका का कोई रोल नही है । और हां मैं तुम्हारे साथ यहां पर वो सब करने के लिए नही आया था । आज हमारी सुहागरात है तो तुम्हें कही बुरा ना लगे इसलिए मैं यहां पर आया था ।


जानवी :- ओहो । इतनी केयर करने के लिए सुक्रिया । पर अब तुम जाओ , मेरा मुड खराब मत करो ।



आदित्य: - कैसी बात कर रही हो जानवी , बाहर सब बैठे है अगर मैं निकल गया तो सभी क्या समझेगें । 


जानवी :- मैं सब समझती हूँ , तुम यहां इसिलिए रहोगे ना ताकी तुम मेरे साथ वो सब कर सको । दैखो अगर जबरदस्ती करोगे तो तुम्हें मेरा सिर्फ शरिर मिलेगी पर मेरी आत्मा नही ।



आदित्य: - अच्छा ठिक है , तो अब तुम क्या चाहती हो ?



जानवी :- तुम मेरे साथ इस रुम मे नही रहोगे और मेरे परमिशन के बिना इस रुम मे एंटर नही करोगे । और हां Important बात मुझे तुमसे डिवोर्स चाहिए ।




डिवोर्स वाली बात सुनकर आदित्य हैरान था , आदित्य हल्की मुस्कान देता है और कहता है ----



आदित्य: - बस इतनी सी बात , इसको लिए तुम इतना सोच रही हो । तुम चितां मत करो , मै ऐसा कुछ भी नही करुगां । जो तुम कहोगी वही होगा । बस आज की रात मुझे यहां सोने दो । मैं यहां निचे सो जाता हूँ और तुम उपर मे सो जाओ।


आदित्य के इतना नार्मल रहने पर जानवी हैरान थी , उसे लगा के आदित्य चिल्लाएगा , हंगामा करेगा पर ऐसा कुछ नही हूआ । 


आदित्य एक तकिया और एक रजाई लेता है और निचे बिछाकर सौ जाता है , जानवी भी बेड पर आदित्य को दैखकर सो जाती है ।



सुबह हो चुका था , आदित्य उठकर नहा धोकर रेडी हो गया था , जानवी अभी भी रुम मे सो रही थी , विद्युत , अनय पूनम सभी उठ चुके थे और कृतिका सबको चाय पीला रही थी । आदित्य को दैखकर कृतिका उसे चाय देती है और हसती बूई कहती है ----


कृतिका :- बड़ी देर लगा दी उठने मे जनाब आपने , रात भर सोये नही थे क्या ।


कृतिका की बात आदित्य हसते हूए कहता है ---



आदित्य :- धत्त पगली ।
कृतिका :- मेडम को चाय देकर आती हूँ , मैं भी तो देखु कमरे का क्या हाल है ।


कृतिका को रोकते हूए आदित्य कहता है ---


आदित्य :- रुको , इसे ( कॉफी ) मुझे दो , मैं उसे देकर आता हूँ ।


पुनम सभी कृतिका के मजाक से हस रहेे थे । आदित्य कृतिका से कॉफी ले लेता है और कमरे की और चला जाता है । आदित्य कल की तरह ही जानवी को उठाता है , जानवी की निंद खुल जाती है , आदित्य कहता है ---


आदित्य :- ये कॉफी , लो पी लो और फ्रेस होकर निचे आ जाओ । वो तुम्हें अपनी कंपनी के लिए बात करनी है ना , मैं निचे इतजार कर रहा हूँ , जल्दी आना ।


कल रात को जानवी ने जो बरताउ आदित्य के साथ किया था , उससे उसे ( जानवी ) लगा था के आदित्य उससे ( जानवी ) से नाराज होगा , पर आदित्य को इतना नॉर्मल दैखकर जानवी हैरान थी । जानवी कॉफी पीती है और जल्दी से तैयार होके निचे आ जाती है जहां पर सभी उसका टेबल पर इंतजार कर रहा था ।


पूनम :- आओ बेटा , बेठो , हमलोग तुम्हारा ही इंतजार कर रहे थे ।


पुनम से इतना सुनकर जानवी हैरान थी के इतने बड़े आदमी उसके लिए इंतजार कर रही थी और फिर जानवी कहती है --



जानवी :- I am so sorry आंटी । वो मैं रात को दैर से सोई थी ।


पूनम :- हां हां बेटा कोई बात नही, तुम क्यों टेंशन ले रही हो । और वेसे भी कल रात को तो दैर होना ही था , इसमे तुम परेशान मत हो ।


पूनम से इतना सुनकर सभी हल्की मुस्कान देने लगता है , जानवी आदित्य की और दैखती है तो आदित्य भी हल्की मुस्कान दे रहा था , कैसे उन दोनो के बिच कल रात को सच मे कुछ हूआ था ।


पूनम :- बेटी तुम्हारी कंपनी कैसी चल रही है , सब ठिक तो है ना ।
पूनम से इतना सुनकर जानवी के आंखो मे चमक आ जाती है वो कब से यही तो चाहती थी के एक बार तिवारी फैमिली से अपने कंपनी के बारे मे बात करे । पर आज वो मौका जानवी के पास थी । जानवी कुछ दैर तो शॉक्ड होके वही पर खड़ी रही , तो पूनम फिर से पूछती है ---


पूनम :- क्या बात है जानवी बेटा । सब ठिक तो है ?


जानवी कहती है ---


जानवी :- हां आंटी सब बढ़िया है ।


पूनम :- तो तुम किस ख्यालो मे खोयी थी ।


जानवी :- वो क्या है ना आंटी , मैंने बहोत बार कोशिश किया के कभी तो अनय सर और अकल मिल पाऊ ताकि अपना बिजनेस की वेल्यू और बड़ा सकु । पर कभी मिल नही पाई , आज आप सब मेरी शादी मे आए , मेरे आए तो ऐसा लग रहा है जैसे मैं कोई सपना दैख रही हूँ ।


विद्युत :- I am sorry बेटा , वो मुझे पचा नही था के तुम हमसे मिलने के लिए इतनी कोशिश की थी । पर अब मैं वादा करता हूँ के तुम्हे कभी भी किसी भी चिज की जरुरत होगी बस एक फोन कर देना, उसे पुरा होने मे बस कुछ ही मिनट लेगेेगें ।


जानवी इतना सुनकर बहोत हैरान और खुश भी थी क्योकी जो वो चाहती थी वो उसे होते हूए दिखाई दे रहा था ।


सभी ब्रेकफास्ट करके उठता है और अनय आदित्य के गले लगता है और फिर सभी तिवारी फेमिली वहां से अपनी कार लेकर चला जाता है । इधर जानवी मन ही मन बहोत खुश थी , जानवी अपना फोन निकालती है और अपने पापा अशोक को कॉल करती है ----


 अशोक :- हां बेटा , क्या कर रही हो ?


जानवी :- पापा , आप जानते हो मैने आपको क्यो कॉल किया ?


अशोक :- क्यों बेटा ।


जानवी :- पापा आप believe नही करोगे , कल रात को पूरी तिवारी फैमिली मेरे घर पर रुके थे ।


अशोक :- अच्छा, ये तो बहोत अच्छी बात है ।


जानवी :- पापा , जानते हो उन्होने क्या कहा । उन्होने कहा के तुम्हें किसी भी चीज की जरुरत हो तो तुम मेरे पास कभी भी आ सकती हो , या कॉल कर सकती हो ।

अशोक :- ये तो बहोत अच्छी खबर है बेटा ।



जानवी :- वो मेरे शादी मे आए , मेरे घर पर आए और तो और मेरे कंपनी मे हेल्प करने के लिए भी agree भी हो गए । पापा लगता है हमारी कंपनी का नाम उन लोगो तक पहूँच गया है ,उन्हें ये शायद realise हो गया है के हमारे कंपनी का फ्युचर बहोत ब्राईट है ।


अशोक :- और ऐसा तुम्हें क्यों लगता है बेटी ।


जानवी :- क्योंकी वो मेरे शादी और फिर आज मेरे घर ?


अशोक :- और ये सब कब से हो रहा है तुम्हारे साथ ।

जानवी :- यही कुछ दिनो से , पर आप ऐसा क्यो पूछ रहा हो पापा।


अशोक :- बेटी तिवारी फैमिली से हमलोग कितने बार ही मिलने को गए पर आज तक मिल नही पाए । उसके बाद आदित्य हमारे लाईफ मे आया और तब से लेकर आज तक वो हमे पार्टी मे इंवाईट कर रहे है शादी मे आए और अब घर ।


जानवी :- आप कहना क्या चाहते हो पापा ?




To be continue......229