main bikhra nahi , Bas badal gaya -4 in Hindi Love Stories by vikram kori books and stories PDF | मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 4

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मैं बिखरा नहीं......बस बदल गया - 4

‎💔✨ PART — 4 : 


‎उस रात सूरज जब घर पहुँचा…
‎उसकी चाल शांत थी, पर दिल में एक नई आग जल चुकी थी।🔥
‎वो अब टूट चुका प्रेमी नहीं था—
‎वो खुद को वापस बनाने वाला इंसान था।
‎कमरे में जाते ही उसने आईने में खुद को देखा।
‎आँखों में दर्द कम… और इरादा ज़्यादा था।
‎“अब time है… खुद को साबित करने का।”
‎🌍 बदलाव की शुरुआत
‎अगले ही दिन सूरज ने अपनी ज़िंदगी के लिए 3 फैसले लिए—
‎✔ पहला: वह अब पीछे नहीं देखेगा।
‎✔ दूसरा: वह खुद को और अपनी skills को grow करेगा।
‎✔ तीसरा: वह कभी भी किसी के प्यार में इतना नहीं गिरेगा कि खुद को खो दे।
‎अब उसकी लाइफ में न excuses थे, न regrets—
‎बस हौसला  था।💪
‎वह सुबह gym जाता,
‎दिन में काम करता,
‎और रात में पढ़ाई।
‎धीरे-धीरे उसका शरीर बदलने लगा।
‎चेहरा पहले से confident लगने लगा।
‎आँखों में चमक थी—
‎वो चमक जो हारने वालों में नहीं होती।
‎📚 College में नई शुरुआत
‎कुछ हफ्ते बीत गए।
‎कॉलेज में लोग उसे पहचानने लगे—
‎कई कहते,
‎“ये वही सूरज है? इतना बदल कैसे गया?"
‎कुछ लड़कियाँ उसे नोटिस करने लगीं।
‎लेकिन सूरज मुस्कुराकर आगे बढ़ जाता।
‎अब उसकी priority प्यार नहीं… future था।
‎इसी दौरान कॉलेज में एक नया चेहरा आया—
‎“आद्या।”
‎शांत, बुद्धिमान, और बेहद खूबसूरत।
‎लेकिन उसकी खूबसूरती सिर्फ चेहरे में नहीं…
‎उसकी बातों में, उसके सोच में… और उसकी आँखों में सच्चाई थी।✨
‎एक दिन कॉलेज प्रेजेंटेशन के दौरान projector खराब हो गया।
‎सारे स्टूडेंट्स परेशान हो रहे थे।
‎सूरज tech में अच्छा था, इसलिए उसे बुलाया गया।
‎वहीं पहली बार आद्या ने उसे गौर से देखा।
‎जब सूरज projector ठीक कर रहा था,
‎आद्या ने कहा—
‎"Wow…
‎और तुम चीजें सुधारते हो।”
‎सूरज ने हल्की मुस्कान दी।
‎"शायद… क्योंकि मैं खुद टूटा हूँ,
‎इसलिए टूटे हुए लोग और चीजें जल्दी समझ आ जाती हैं।”🙂
‎यह सुनकर पहली बार—
‎किसी लड़की की आँखों में सम्मान दिखा, दया नहीं।
‎🌸 धीरे-धीरे बढ़ती बात
‎दिन बीतते गए और आद्या और सूरज की बात बढ़ने लगी।
‎वो दोनों library में साथ पढ़ते।
‎कभी canteen में बैठते।
‎कभी बस walk करते हुए बात करते।
‎पर एक फर्क था…
‎🛑 सूरज अब दिल से नहीं गिर रहा था—
‎वो समझ रहा था।
‎आद्या ने उससे पूछा—
‎"तुम लड़कियों से दूर क्यों रहते हो?"
‎सूरज ने हल्की हँसी के साथ जवाब दिया—
‎“क्योंकि feelings अब luxury हैं…
‎और अभी मैं सिर्फ उम्मीद afford कर सकता हूँ।”
‎आद्या ने मुस्कुराकर कहा—
‎"हम्म… मतलब दिल अभी under construction है?"
‎सूरज बोला—
‎"नहीं… अब वही अंदर आने देगा जिसे चोट नहीं पहुंचानी आती।”
‎💞 कहीं न कहीं दिल फिर धड़कने लगा…
‎जितना वो आद्या से बात करता,
‎उतना उसे लगता—
‎ये लड़की अलग है।
‎वो पूछती नहीं थी,
‎वो समझती थी।
‎वो claim नहीं करती थी,
‎वो trust देती थी।
‎कभी-कभी सूरज खुद सोचने लगा—
‎💭 “क्या मैं फिर से प्यार कर सकता हूँ?”
‎💭 “या फिर यह डर हमेशा मेरे अंदर रहेगा?”
‎🥀 लेकिन किस्मत को और कुछ मंज़ूर था…
‎एक दिन अचानक कैंटीन में सूरज आया,
‎तो देखा—
‎माहीं वहीं बैठी थी।
‎लेकिन वो पहले जैसी नहीं थी।
‎ना makeup,
‎ना मुस्कुराहट,
‎ना attitude…
‎बस खालीपन।
‎उसने सूरज को देखा—
‎और उसकी आंखों में यह साफ दिख रहा था—
‎“अब उसे एहसास हो चुका है…
‎कि उसने क्या खो दिया।”
‎लेकिन इस बार सूरज ने न नज़रें झुकाईं…
‎न चेहरा पलटा।
‎वो आद्या के साथ बैठा।
‎माहीं की आंखों में जलन थी…
‎और आद्या ने वो महसूस कर लिया।
‎कुछ पल बाद माहीं उठकर उनके पास आई।
‎"सूरज… बात कर सकते हैं?"
‎आद्या उठने लगी, पर सूरज ने कहा—
‎"नहीं… तुम यहीं बैठो।
‎जिसका अतीत बोल रहा है,
‎उसका present क्यों उठ जाए?"
‎ये सुनकर माहीं का चेहरा लाल हो गया।
‎पर फिर उसने धीरे से कहा—
‎“सूरज… क्या तुम सच में move on कर चुके हो?”
‎सूरज कुछ पल चुप रहा…
‎फिर मुस्कुराकर बोला—
‎“हाँ… क्योंकि अब मैंने उसी इंसान को चुना है
‎जो मुझे अच्छे से समझता  है,
‎ना कि मौका मिलने पर छोड़ देता है।”
‎माहीं की आंखों में आँसू आ गए।
‎"तो… अब हमारी कहानी… खत्म?"
‎सूरज ने गहरी सांस ली—
‎“हमारी कहानी उस दिन खत्म हो गई थी माहीं…
‎जब तुमने किसी और में future देख लिया था।”
‎माहीं चुप थी…
‎और आद्या दूर खड़ी मुस्कुराकर सूरज को देख रही थी—
‎जैसे वो जानती हो—
‎❤️ उसने एक broken hearted लड़के को
‎फिर से जीना सिखाया है।
‎लेकिन कहानी यहाँ खत्म नहीं होती…
‎To Be continue.......
‎क्योंकि अब सामने आने वाला है—
‎🔥 सबसे बड़ा twist।
‎क्या सचिन वापस आएगा?
‎क्या माहीं शांत बैठेगी?
‎क्या आद्या सिर्फ एक प्यार है… या उसकी जिंदगी का miracle?
‎👇👇
‎ wait for next part...............!
‎  Writer:- .................
‎                          ..................Vikram kori .