एक कमरा है जहां सलीके से सामान रखा था वहां दो बेड रखे थे उसमें से एक में दो लोग सोए थे एक औरत और एक बच्ची थी। और दूसरे में एक लड़की बैठी थी बेड पूरा बुक्स से भरा था। वो एक नोबेल में पूरा घुस चुकी थी ये ही है हमारी myra मेन कैरेक्टर है एक कॉलेज स्टूडेंट् है इन्हें नोबेल पढ़ना बहुत पसंद है पर इनके पेरेंट्स को ये नहीं पसंद इसलिए ये रात को सब सो जाने के बाद पढ़ते है । ऐसे कुछ देर बाद दूसरी तरफ बेड के पास जो औरत सोई थी वो करवट बदलती है तभी वो मायरा को देखा फिर उन्हें घड़ी देखी जिसमें २ बज रहे थे जिसे देख वो मायरा को गुस्से में बोलते" मायरा जरा टाइम देख अब तक उठी है सुबह कॉलेज नहीं जाना सो जा " मायरा जो अभी तक नोबेल में गुसी थी उनके बातों से बाहर आती और टाइम देखती हैरान से बोलती " सॉरी अम्मा मेरा तो ध्यान ही नहीं था में अभी सोती हु "ऐसे बोल वो नोबेल और बाकी बुक्स बैग में डाल के उसे बाजू में रखती और लाइट्स ऑफ करके सो जाती।
Next morning 7:15
मायरा अपने मामा को बुलाती है "अम्मा जल्दी करो मेरा कॉलेज का टाइम हो गया है बाल बना के दो " उसकी अम्मा झुंझलाकर बोलती है "एक तो तू खुद लेट किया अब मुझे पे चिल्ला रहे हूँ" मायरा "अम्मा मुझे जाने दो टाइम होगा कॉलेज से आने के बाद डॉट लेना अब जाने दो " उसकी मामा ने ना में सिर हिलाते हुए मायरा को बाल बना दिया फिर उसे टिफिन दिया और भेज दिया मायरा अपने मस्ती में बस स्टॉप गई वहां से bus चढ़ी aur college के लिया निकल गई कॉलेज पहुंच कर रोज की तरह रूटीन फॉलो करके फिर ब्रेक अपने दोस्त के साथ मस्ती करना फिर छुटी में अपने दोस्त के साथ बस स्टॉप जा रही थी कि वो और उसकी दोस्त रास्ता क्रॉस कर रहे थे तभी उसे पीछे से आवाज आ रही थी एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वह सड़क के किनारे जा गिरी। चारों ओर चीख-पुकार मच गई और लोगों का हुजूम उसकी ओर दौड़ पड़ा।
दर्द से कराहते हुए मायरा ने एक आखिरी बार अपनी भारी होती पलकें उठाईं। धुंधली नजरों से उसने देखा कि सब लोग घबराए हुए उसे बचाने के लिए उसकी तरफ भागे चले आ रहे थे। उसने शायद कुछ कहना चाहा, लेकिन आवाज साथ नहीं दे रही थी। अपनों और दुनिया को देखने की वह उसकी अंतिम कोशिश थी; और देखते ही देखते उसकी आँखें हमेशा के लिए बंद हो गईं।
उसके हॉस्पिटल लेके गए एडमिट किए उसके पैरेंट भी आए सब रो रहे थे पर मायरा ये दुनिया छोड़ के चली गई थी ।
सड़क पर आँखें बंद होते ही सब कुछ काला पड़ गया था, लेकिन जब मायरा की चेतना वापस आई, तो उसे अपने नीचे सड़क की कठोरता नहीं बल्कि एक बेहद नरम गद्दे का अहसास हुआ। उसने धीरे से अपनी आँखें खोलीं और खुद को एक आलीशान, आधुनिक बेडरूम में पाया। कमरे की सजावट एकदम मॉडर्न और महंगी थी—बड़ी सी कांच की खिड़की, डिजाइनर फर्नीचर और दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स।
वह हैरान रह गई जब उसने देखा कि उसने वही साधारण कॉलेज के कपड़े नहीं, बल्कि एक बहुत ही स्टाइलिश और कीमती मॉडर्न आउटफिट पहन रखा है। उसके शरीर पर चोट का एक निशान तक नहीं था। वह समझ नहीं पा रही थी कि अभी कुछ देर पहले ट्रक की टक्कर से मरने वाली लड़की, अचानक इस अनजान और भव्य कमरे में कैसे सुरक्षित पहुँच गई।