स्त्री का श्राप by Vedant Kana in Hindi Novels
गाँव धनौरा अपनी शांति और सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जाना जाता था। हर साल वहाँ एक मेला लगता था, जिसमें दूर-दूर से लोग आते...
स्त्री का श्राप by Vedant Kana in Hindi Novels
5 साल बाद…गाँव अब भी वैसा ही था — चुपचाप, रहस्यमय, और डर से भरा हुआ। लोग अब वहाँ बसते नहीं थे, सिर्फ पुराने लोग ही बचे थ...
स्त्री का श्राप by Vedant Kana in Hindi Novels
(बरगद के ताबीज़ पर पड़ी दरार के तीन महीने बाद)गाँव में सावन उतर चुका था, लेकिन बादलों की गड़गड़ाहट के पीछे एक अनसुनी दहश...