उलझे रिश्ते by Akash in Hindi Novels
बस में बहुत भीड थी, लोगों को खड़े खड़े सफर कर रहे थे। बैठने वाले भी दांत को कसके जा रहे थे। लेकिन उन्हीं बीच एक युवक जो...
उलझे रिश्ते by Akash in Hindi Novels
शाम होने को थी, ऋषि अभी तक घर नहीं आया। रूपा बेहोशी हालत में थी।फुल्की ने रूपा के सर पर मरहम लगाकर पट्टी बांध दिया था। र...
उलझे रिश्ते by Akash in Hindi Novels
रात के ग्यारह बजे थे। आकाश चमकीले तारों से भरा हुआ था। चाँद इस तरह चमक रहा था मानो पूर्णिमा की रात में दूसरा सूरज ही निक...