रागिनी से राघवी by Asfal Ashok

रागिनी से राघवी by Asfal Ashok in Hindi Novels
आश्रम में प्रातःकालीन ध्यान-धारणा के बाद जब सूर्य की पहली किरणें जिनालय के श्वेत संगमरमर पर पड़तीं, तब पंच-परमेष्ठी की प...
रागिनी से राघवी by Asfal Ashok in Hindi Novels
उस रात रावी तट के उस गाँव में शिशिर की खुली बयार बह रही थी, और मंजीत और रागिनी अपने घर की छत पर बरसाती में बैठे नदी का स...
रागिनी से राघवी by Asfal Ashok in Hindi Novels
आश्रम में सन्नाटा पसरा था। साध्वी विशुद्धमति, जिनकी उम्र अब पिचासी को पार कर चुकी थी, अपने कक्ष में लकड़ी की चौकी पर बैठी...