The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
આથમતો સુરજ અને વરસતી કાળી વાદલડી લતાઓ પરના પીળા ફુલોને જોઈ ઠરે આંખલડી
दिल की व्यथा को शब्दों में कह दूँ मैं आज, शायद उन्हें फिर हमारी याद आ जाए आज।" "भावों की खुशबू से महके हर एक पन्ना, उनका ही नाम मेरी गाथा बना जाए आज।" "मन की पुकार सुन वो आकर मुस्कुरा दें, मेरे हृदय का प्रेम असर दिखा जाए आज।"
સુંદરતા શોધવી હોય તો… સુંદરતા ચહેરામાં નહીં, નયનમાં ઝળહળતા રૂપમાં નહીં, સાચું સૌંદર્ય તો છુપાયેલું છે માનવતાના સ્વરૂપમાં. જે હાથ બીજાના દુઃખમાં આંસુ પોસે છે, જે હૃદય પરાયાની પીડામાં સાથે રડે છે, એજ સૌંદર્ય છે, જે દુનિયાને પ્રકાશિત કરે છે. સુંદરતા તો એમાં નથી કે કોણ કેટલો ચમકે છે, સુંદરતા તો એમાં છે કે કોણ બીજાનું જીવન રંગે છે. ગુલાબની પાંખડી જેવી નાજુક દયા, શીતળ પવન જેવી કરુણા, એ જ છે દુનિયાનું સાચું શણગાર, એ જ છે હૃદયનું ખરેખરનું આભૂષણ. જો શોધવું જ હોય, તો એ વ્યક્તિને શોધો, જેના સ્મિતમાં સંવેદના હોય, જેના શબ્દોમાં સ્નેહનો રસ હોય. કારણ કે દુનિયાને સુંદર બનાવે છે ચહેરાની છબી નહીં, પણ હૃદયની નિર્મળ દૃષ્ટિ અને આત્માની શુદ્ધતા.
आज मेरे घर आए प्रभु बनके नन्हे कन्हैया आज मेरे घर आए प्रभु बनके नन्हे कन्हैया, मुरली की मधुर तान सुनाए, भर दें मन में मैया। नटखट मुस्कान लिए अधरों पर, मोहन प्यारे नैनन के भीतर। संग लाए आनंद अपार, हर ले दुख-संताप हमारे। आज मेरे घर आए प्रभु बनके नन्हे कन्हैया, मुरली की मधुर तान सुनाए, भर दें मन में मैया। पीतांबर में सजे ललन गोकुल, सिर पर शोभे मोर मुकुट सुंदर। संग राधा रस रचाए, भक्तों के मन को हरषाए। आज मेरे घर आए प्रभु बनके नन्हे कन्हैया, मुरली की मधुर तान सुनाए, भर दें मन में मैया।
तुमसे मिलने की चाहत तो हर रोज़ रहती है, पर तक़दीर से हमारी कोई साज़िश चलती है। नज़रों से तलाशते हैं तुझे हर भीड़ में, पर मुलाक़ात बस ख्वाबों में होती है।
पहली बार जब देखा था तुझको, दिल ने जैसे कोई नई धड़कन पाई थी। तेरी हँसी में कुछ ऐसा जादू था, कि सारी दुनिया उस पल ठहर सी गई थी। वो मासूमियत, वो अनकहा एहसास, शब्दों से पहले आँखों ने कह दिया था। पहला प्यार… बस एक बार होता है, और उम्र भर दिल में रह जाता है।
श्याम रंग में रँगा है वृंदावन का संसार, माखन-चोरी में छुपा है उसका प्यार। बंसी की धुन पे नाचें मन मोहन, कान्हा बिना सूना है हर एक जीवन।
ભીની માટીની ખુશ્બુ ભરી મોતીડા જડીત કુંપળ થી સુશોભિત ધરતી પર ઇન્દ્રધનુષી રંગ ભરી શુભ સવાર ⛈️ - Naranji Jadeja
तू बरसे... तो धरती की प्यास बुझती है... पेड़ हरे हो जाते हैं... ज़मीन मुस्कुराने लगती है। हर बूँद, जैसे नई उम्मीद लाती है... हर कोना फिर से जी उठता है। लेकिन एक जगह ऐसी भी है… जहाँ न ज़मीन है, न पेड़… बस एक दिल है… जो कब से सूखा पड़ा है। जहाँ मुस्कान बस नक़ाब बन गई है… और बातें... सिर्फ़ ज़रूरत की हैं… वहाँ तू कब बरसेगा? कभी उन दिलों को भी भिगो दे... जो सालों से पत्थर बने बैठे हैं। जहाँ प्यार की बूँदें बरसे... और दिल भी मुस्कुराना सीखें। तू बारिश बन... पर सिर्फ़ धरती के लिए नहीं… उन दिलों के लिए भी जो बरसना भूल गए हैं। प्रेम भी एक बारिश है — जहाँ बरसे, वहाँ जीवन महके। नर
जय हनुमंत वीर बलवाना, राम दूत अतुलित निधाना। शंकर सुत संकट के नाशक, भक्त वत्सल कृपाल प्रकाशक। शनि की पीड़ा तुम ही हरौ, दुखियों के दिन तू उजियारौ। लाल लंगोट गदा कर धारी, दुष्ट दलन महा बल भारी। लंका जारि सीता सुधि लाई, राम काज में तन-मन लाई। भूत प्रेत सब भागे जाई, जहाँ नाम हनुमंत सुनाई। चौकी बैठो जो मन लावे, भक्त का हर संकट मिट जावे। घाट घाट में नाम तुम्हारा, करे उजाला जीवन सारा। राम लखन सीता के प्यारे, दानव दल पर हो तुम भारी। जो पढ़े हर शनिवार प्रेमा, उतर जाए भवसागर सीमा।
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser