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NR Omprakash Saini

NR Omprakash Saini

@nromprakash220721
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तेरी दृष्टि दिशा दिखलाती, पथ कितना भी कठिन,
तेरे संग में मन को मिलता, हृदय सुधा रस घन।
संघर्षों की आँधी छूकर, दीपक जगमग होता,
प्रेम मिले जब जीवन पथ में, दुख भी सुख-सा होता।

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"रातों रात उजड़ गया सपना"

चाँदनी रात थी, चुप थे सितारे,
400 एकड़ सपने कटे एक इशारे।
कराह उठी मिट्टी, बिलख उठे पेड़,
किसने सुनी उनकी टूटी पुकारें?

चुपचाप आए थे, मशीनों का शोर था,
हर तने की चीख में दबा कोई ज़ोर था।
कटते रहे बृक्ष जैसे साँसें टूटतीं,
धरती की छाती पे नमी सी छूटती।

किसके लिए ये उजाड़ा गया घर?
किसके सपनों ने छीना ये सफर?
भूल गए हम कि जड़ें ही आधार थीं,
जिन्होंने सँभाली थी सदियों की धार थीं।

अब धूल उड़ती है उन पगडंडियों में,
जहाँ कल तक हरियाली मुस्कुराती थी।
अब सन्नाटा है, एक सिसकती सी हवा,
जहाँ कल तक कोयल मीठा गीत गाती थी।

ओ इंसान!
तेरी तरक्की की ये कैसी कीमत है?
किसी की धड़कनों की राख पे तेरा महल है।
जो जड़ें कट गईं, वो साया भी छूटेगा,
कल जब जल बुझेगा, तू किसे रोएगा?

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"रात जब जंगल रोया"

चुप थी रात, पर भीतर से टूटी थी,
धरती की कोख जैसे कराहती थी।
400 एकड़ सपनों की लाशें बिछीं,
इंसानों के लालच ने हरियाली छीनी।

पेड़ों के दिल से लहू टपकता रहा,
हर टहनी का दर्द हवाओं में घुलता रहा।
जड़ें तड़पती रहीं मिट्टी के भीतर,
जैसे माँ की कोख उजड़ी हो भीतर।

हिरण भागते रहे आँखों में डर लिए,
चिड़ियाँ उड़ गईं अपनी तिनकों की दुनिया लिए।
नदी किनारे बैठा एक बूढ़ा बरगद रोया,
"कहाँ जाएँ अब वे परिंदे?" — ये उसने भी पूछा।

नदी ने भी धीमे-धीमे बुदबुदाया,
"जिन पेड़ों ने मेरा आँचल सँवारा था,
आज वे सब कटे पड़े हैं,
कल मैं भी सूख जाऊँगी,
किसे प्यास बुझाऊँगी?"

हवा ने चीख कर सवाल किया,
"जब मेरे झूले बिन पत्तों के हो जाएँगे,
तब क्या मैं भी ज़हर बन जाऊँगी?"
कोई जवाब नहीं था, बस मशीनों की गुर्राहट थी,
और इंसानों की ठंडी मुस्कानें थीं।

एक जंगल मरा नहीं उस रात,
मर गईं उम्मीदें, सपने, साँसें,
और मर गया वो भरोसा,
कि इंसान अब भी प्रकृति का बेटा है।

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लम्बेसमयकेबादवापसी_नयेसिरेसे_एकनईशुरूआतसे_नयेलहजेसे_नईबातसे

खामोशियां बहुत कुछ कहती है
मुस्कुराते चहरे गमों में है
कभी गौर करना महफिल में हंसती आंखों पर
वो रातों के आंसुओ कि गवाई देती हैं।

Athak Saini

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सत्यम् शिवम् सुंदरम
आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं🙏