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धीरे-धीरे जीवन हमें ये सिखाता है कि लोग आएंगे और चले जाएंगे, कभी बिना वजह, कभी बिना अलविदा कहे शुरुआत में हर बिछडना दिल तोडता है, पर समय के साथ समझ आता है कि हर किसी का आना किसी मकसद से होता है कुछ प्यार सिखाने, कुछ सब्र, और कुछ बस हमें मजबूत बनाने। हर रिश्ता हमेशा के लिए नहीं होता, कुछ बस एक चैप्टर की तरह आते हैं और पूरा होते ही चले जाते हैं। और तब हमें समझ आता है कि हम गलत नहीं थे, बस कहानी वहीं तक थी। जब ये बात दिल से स्वीकार कर लेते हैं, तब एक अजीब सी शांति मिलती है ! कि जो हमारे पास है, वही सही है..!
वो अब वो नहीं रहा सालों बाद जब मैंने देखा उसे मुझे लगा कि अब वो वो नहीं रहा। वो जज़्बात बदल चुके थे उसके भी... और मेरे भी। पर मुझे अभी भी प्रेम था उससे, जो वो कभी था। क्योंकि वो अब नहीं है, फिर भी मेरी स्मृतियों में है, मेरी बातों में है। वो नहीं है उसमें भी... पर वो मुझमें है - बिल्कुल वैसा ही जैसा उस वक़्त था जब हम साथ थे। क्योंकि मैं तो उसे प्रेम करता हूँ, और उससे वो प्रेम हमेशा रहेगा, भले ही अब वो जज़्बात नहीं रहा, भले वो अब वो नहीं रहा।
प्रेम जीवन मैं पीड़ा देता है तो उसका वियोग वैरागी बना देता है, विरह की स्थिति उसे एकांत कर देती है और विवाह उसे मृत बना देता है।
मिल जाते तो !? "सुनो... पता है हमारी कहानी की सबसे खूबसूरत बात क्या है? यही... कि वो पूरी नहीं हुई। क्यूंकि अक्सर जो चीजें मुकम्मल हो जाती हैं न, वो वक़्त के साथ अपनी चमक खो देती हैं। वो 'रूटीन' बन जाती हैं। अगर तुम मिल जाते... तो शायद, बस शायद, तुम भी उन घर के पुराने सामानों की तरह हो जाते, जिन्हें हम रोज़ देखते तो हैं, पर महसूस नहीं करते। तुम्हारा न मिलना ही तो है, जिसने तुम्हें मेरी यादों में आज भी 'नया' रखा है। तुम्हें पा लेता, तो किस्सा ख़त्म हो जाता... तुम्हें खोया है, तभी तो दास्ताँ बन गयी है।"
मुझे खोने का, तुझे भी मलाल होता है क्या, मुझ सा भी कभी, तेरा ये हाल होता है क्या...? आंखों में आंसू और लबों पे नाम मेरा, दिल तेरा भी यूं, कभी बेहाल होता है क्या...? दूर दूर तक कोई राह नहीं, मिलने मिलाने की तस्वीर देख देख मेरी, गुजारा सुबह शाम होता है क्या...? सोचते थे भूल जायेंगे, बीते वक्त की तरह पर इन कोशिशों का, हर नुस्खा नाकाम होता है क्या...? चल रहने दे, तेरे दिल की तेरे ही दिल में, कभी ये तो जान कि मेरी हर सोच में, घडी तू साथ होता है क्या...?
मैं लाख कोशिश कर लूं पर, मेरे अंदर से तू जाएगा नहीं। मैं अच्छे से समझता हूं मगर तुझे समझ आएगा नहीं। और सारी दुनिया की चाहत मिलाकर भी तुझे कोई चाहे, फिर भी मेरे जितना तुझे कोई चाहेगा नहीं।।
ऐसे लोगों से सदैव दूर रहें जो परेशानियों की जड़ होकर, फिर खुद ही पीड़ित होने का नाटक करते हैं।..
Meri Zindagi : थोडा थक सा जाता हू अब मैं.. इसलिए, दूर निकलना छोड. दिया, पर ऐसा भी नहीं कि अब.. मैंने चलना ही छोड. दिया। फासले अक्सर रिश्तों में.. अजीब सी दूरियां बढा देते हैं, पर ऐसा भी नहीं कि अब मैंने.. अपनों से मिलना ही छोड दिया । हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ.. खुद को अपनों की ही भीड. में, पर ऐसा भी नहीं कि अब मैंने.. अपनापन ही छोड दिया। याद तो करता हूँ मैं सभी को.. और परवाह भी करता हूँ सबकी, पर कितनी करता हूँ.. बस बताना छोड. दिया ।।
ख़ामुशीयों में गूँजता, ख़ामोशी का एक शोर हो गया हूँ मैं, तुझसे पहले कुछ और था, तेरे बाद कुछ और हो गया हूँ मैं।
लौट कर फिर से आए हो? तुम तो चले गए थे ना! हाल फिर से पूछा है? पर हम तो बिछड़ गए थे ना! ये सांवली रंगत हुई है कैसे? तुम तो निखर गए थे ना! "मेरे हो" ये कहते हो!? पर तुम तो मुकर गए थे ना! क्या फायदा पछतावे का? हम तो बिखर गए थे ना !
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