hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • पहला ख़त

    पहला ख़त !! तेज़ भागने के बावजूद मेरी क़मीज़ थोड़ी भीग गयी थी । मेस से हॉस्टल का...

  • चाहत.

                 यू तो मंजिल के रस्ते हज़ार मिलेंग...

  • शाकिर उर्फ़...

    शाकिर उर्फ....एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाकर ही वह जनरल-बोगी के अंदर घुस पाया। थोड़ी भी...

झुकी हुई फूलों भरी डाल - 2 By Neelam Kulshreshtha

ये एक ग्रामीण परिवेश की कहानी है। इसमें एक बच्चे को बचपन में अपनी माँ केअनैतिक संबंध के विषय में पता लग जाता है। उस बच्चे की विल पॉवर कमज़ोर हो जाती है। बड़े होकर उसकी बहिन की शादी म...

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पहला ख़त By Ravi Sharma

पहला ख़त !! तेज़ भागने के बावजूद मेरी क़मीज़ थोड़ी भीग गयी थी । मेस से हॉस्टल का रास्ता खुले आसमान से गुज़रता था और अगस्त की बारिश कश्मीर में कोई नयी बात नहीं थी । मुझे हज़रतबल रीज...

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परदा By Shaihla Ansari

दिल्ली की सड़को पर घूमते घूमते मेरे पैर दुख गये थे और मुझे भूख का भी एहसास हो रहा था, ये ही सोचते हुए मैं एक मॉल की तरफ बढ़ गया कि चलो कुछ खा लिया जाए!! "मैं दिल्ली एक काम के सिलसिले...

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और वह मर गयी By Nirpendra Kumar Sharma

नदी किनारे गांव के एक छोर पर एक छोटे से घर में रहती थी गांव की बूढी दादी माँ। घर क्या था ,उसे बस एक झोंपडी कहना ही उचित होगा। गांव की दादी माँ, जी हां पूरा गांव ही यही संबोधन देता...

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चाहत. By p

             यू तो मंजिल के रस्ते हज़ार मिलेंगे              कलियो सैंग कांटे हज़ार मिलेंगे   &nb...

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मेरा आठवां प्यार ... By Ashish Garg Raisahab

वर्ष 2012 , बी.एड. उस वक्त एक वर्ष की होती थी ,ओर प्री एग्जाम में मेरे अच्छे नम्बरों की वजह से मुझे मेरे होम टाउन में ही प्रेस्टीजियस कॉलेज मिल गया था । नए जोश और उमंग के साथ...

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सिगरेट - राख - ज़िन्दगी By Rishi Sachdeva

मैं अपनी बॉल्कनी से तुम्हारी बॉल्कनी की और देखता हूँ, पर नहीं देख पाता तुम्हे, शायद इसलिये की तुम एक शहर दूर हो, शायद मुझसे भी दूर और तुम्हारा शहर बहुत दूर है शायद चाँद से भी दूर,...

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कहानी पुरानी याद हमारी By ARYAN Suvada

हेलो दोस्तो ! एक बार फिरसे आपके सामने हाजिर हूँ एक नई कहानी के साथ । हा दोस्तो आपने सही पढ़ा आज मैं आपके साथ एक कहानी शेयर करने वाला हु पर उससे पहले एक और सवाल आपसे करने वाला हु । आ...

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बिट्टो की मम्मी By Anjulika Chawla

बिट्टो की मम्मी©अंजुलिका चावलाकई वर्षों तक वो  पड़ोस में रहे, उन्हें चाचा जी कहते थे हम।उनके तीन बच्चे हैं। दो बेटे, एक बेटी। बेटी को ईश्वर ने नसीब में उम्र भर का बचपन लिख दिया...

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शाकिर उर्फ़... By Anwar Suhail

शाकिर उर्फ....एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाकर ही वह जनरल-बोगी के अंदर घुस पाया। थोड़ी भी कमी रहती तो बोगी से निकलते यात्री उसे वापस प्लेटफार्म पर ठेल देते। पूरी ईमानदारी से दम लगाने में वह...

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सलाह By Harsh Bhatt

हर्निल_हरि की पहली स्टोरी      कॉलेज से वापसी के वक्त हर दिन की तरह आज भी पूरा ग्रुप साथ था,हरि इस ग्रुप का एंटरटेनर ओर ज्ञानी बाबा बन गया थाज्ञानी इसी लिए क्यो...

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पिछली सदी की पोटली By Prabodh Kumar Govil

सल्तनत तेज़ी से कदम बढ़ाती हुई चल रही थी। उसे पांच बजकर नौ मिनट तक हर हालत में घर पहुंचना था, क्योंकि गजराज ठीक पांच दस पर उसे बधाई देने वाला था। बधाई दे, रोए, फातिहा पढ़े, अलबत्ता...

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मुखौटा By Ajay Amitabh Suman

मार्च २०१६: वैसे आज गाँधी जी के लिए समय इंगित करना कुछ उचित नहीं . पर सुना है मैंने , अभी मार्च २०१६ की घटना है . अपने ये जो गांधीजी जी है , लेटे हुए थे स्वर्ग में , नेहरु जी के...

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क्या तुम वापस आ गयी ? By zeba Praveen

क्या तुम वापस आ गयी ? मुख्य पात्र डॉ साहिल आलिया डॉ विवेक कहानी का आधार -ये कहानी एक डॉक्टर की हैं जिसका दो साल पहले तलाक हो चूका...

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वाह रे तारीफें By Singh Srishti

प्रिया आज भी कॉलेज में झगड़ा करके आयी और घर पर आते ही सारा सामान तोड़ फोड़ करने लगी, आँखों में तो आग बरस रही है और हाथ पैरों में झुलझुलाहट, मानो आज ही पूरी दुनिया तबाह कर देगी। पूरा द...

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तरक्की की कीमत By Ranju Bhatia

बचपन के दिन कैसे फुदक के उड़ जाते हैं , स्कूल की शिक्षा खत्म हुई और आँखो में बड़े बड़े सपने खिलने लगते हैं ,जैसे ही उमंगें जवान होती है कुछ करने का जोश और आगे ऊँचे बढ़ने का सपना आं...

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समय जाल (भाग 1) By Thoughtful Mind

वैसे तो मैं अभी बहुत छोटा हूँ विज्ञान के उन जटिल एवं गणित के सिर घुमाने वाले फार्मूलों को समझने के लिए, जिन्हें मशहूर गड़ितज्ञओं ने कई साल पहले ही लिख दिया था, परंतु इतना तो अवश्य ह...

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उम्र का पड़ाव By Ranju Bhatia

,  फिर से नया साल  आ गया ..कैसे जल्दी से वक़्त बीतता जाता है | साल दरसाल ..उम्र दर उम्र ...वक़्त कहाँ थमता है और उस में उम्र का एक पड़ाव ऐसा आ जाता...

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रंगमहल की खिड़कियां और मैली हवाएं By Prabodh Kumar Govil

जब हम सुबह-सुबह अख़बार के किसी कौने में दुष्कर्म की खबर पढ़ते हैं तब हमारी कुंद पड़ चुकी संवेदना इसे आसानी से सह जाने का हौसला दे देती है। हम सरसरी तौर पर केवल ये जान लेते हैं कि घट...

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नाईटमेयर - सपना या हकीकत - पारस जैन की कहानी By Author Pawan Singh

हेलो , मेरा नाम पारस जैन है और जो मै आपको बताने जा रहा हूं। यह एक सच्ची घटना है। कुछ लोगो को भविष्य की झलकियां उनके सपने में दिख जाती है लेकिन वह ज्यादतर बुरी ही होती है। जिसे...

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वो अजनबी By Bansari Rathod

आज फिर आफ़िस से घर जाने में देरी हो गई, ये कॉलसेन्टर की जोब भी न.पर न चाहते हुए भी उस लैम्पपोस्ट पे जाते जाते नज़र चली ही गई।आज भी वो वही खड़ा एकटक सामने देख कर मुश्कुरा रहा था ,बस र...

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रोचक विज्ञान बालकथाएँ By Omprakash Kshatriya

हम उन्हें उपदेश दे कर सिखाना चाहते हैं. वे उपदेश से नहीं कार्यव्यवहार देख कर सीखते हैं. इस बात को हम भूल जाते हैं. आप सिगरेट पीते हो और बच्चों को इस से बचने की सलाह दो तो वह कोरा उ...

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रौशनी By Richa Modi

रौशनी का मतलब दिवाली ,दिवाली मे हर घर मे रौशनी होना जरुरी है। बेटी के लिए उसके पापा का प्रेम सबसे उपर होता है और वो इस कहानी मे है।

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सुखविंदर By Krunal jariwala

सुखविन्दरप्रतापसिंह एक वीर, ईमानदार योद्धा, बिलकुल उनके जैसा ही उनका पौत्र "सुखविन्दर", मानो अपने दद्दू की कार्बन कॉपी। देशभक्ति जैसे उसे दादाजी से विरासत में मिली हो। बचपन में दाद...

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भूत की पूजा (भाग एक) By Krishna Chaturvedi

कन्हैया रोज की तरह तेज चाल से चला जा रहा था।चारो तरफ गहरा अंधेरा छाया था और बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहा था उस दिन,पर कन्हैया को इससे कहा मतलब ,वो तो मस्त अपनी ही दुनिया में और म...

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एक योगी की मौत By Ajay Amitabh Suman

मैं अपने गाँव गर्मी की छुट्टियों में गया हुआ था. अपने बड़े बाबूजी से उनके बारे में पूछा तो ज्ञात हुआ उनकी मोटर बाईक के दुर्घटना में मौत हो गई है. एक एक करके मेरे मानस पटल पे पुरानी...

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झुक गया आसमान By Ajay Amitabh Suman

मेरे पिताजी अति अनुशासन प्रिय व्यक्ति रहें है। पेशे से शिक्षक है। स्कूल में भी बहुत अनुशासन प्रिय और योग्य शिक्षक के रूप में उनकी प्रसिद्धि थी।अब सेवनिर्वित्त हो चुके है। उनकी अनुश...

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सोशल इंजीनियरिंग By Rajan Dwivedi

जातीय श्रेष्ठता के मिथ्याभिमान से जूझते एक युवा बेरोजगार की कहानी .

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फरार - 2 By Prashant Vyawhare

फरार वो १९८६ का दौर था जब अंडरवर्ल्ड का बड़ा भाई, उस पावरफुल नेताजी सरकार के कहने पर दुबई भाग गया उसके बाद मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गयी. हर छोटा गैंगस्टर भाई की जगह लेना च...

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असली वजह By ओमप्रकाश प्रकाश

लघुकथा. मलाल 'गांव वाले लड़ने आ सकते हैं. लड़की को क्यों मारा ? क्या, तुम्हें मारने का अधिकार है. पिताजी पुलिस में रिपोर्ट कर सकते हैं. शर्म नहीं आती. एक छोटी लड़की का मारते हुए.'...

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प्रकृति का बदला By Monika Verma

सदियो से हम प्रकृति की गोद में जी रहे है। प्रकृति के हम पर इतने अहसान है की हम किसी भी कीमत पर उसे नहीं चूका सकते। लेकिन क्या हमने कभी इसकी क़द्र भी की है? इंसान के मोज शोख वाली जीव...

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फांस - AN EMBARRASSMENT By VIRENDER VEER MEHTA

‘फांस’ - AN EMBARRASSMENT अब्बाजान की दिल से ये आरजू थी कि ख़ुदा का बुलावा आने से पहले एक बार वे अपने पुरखों की सरजमीं हिन्दुस्तान पर सिर टिकाकर वहां की मिट्टी अपने...

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मुक्ति और अन्य लघुकथाएं - मुक्ति By Krishna manu

लघुकथा   ।।मुक्ति।।तलाक की पीटीशन फैमिली कोर्ट में दाखिल कर लौटते हुए वह इस उहापोह से मुक्त हो चुका था कि कहीं शक के बिना पर लिया गया उसका निर्णय जीवन भर के लिए पश्चाताप...

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सहोदर की कहानियां By Anand Gurjar

कहानियां मनोरंजन के साथ साथ हमारा ज्ञानवर्धन भी करती है । इन कहानियों सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोह के साथ मानवीय संवेदना को व्यक्त किया गया ।...

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अपने पराये By Ravi

हम कभी खुदपर दृष्टि नहीं डालते कि हमने बीते दिनों में कोई पाप किया है या मुँह छुपाने जैसा कोई काम। हम केवल सामने की ओर उंगली उठाते हैं। जब कि सच तो ये हैं धूल चेहरे पे है, आईने पे...

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हार्ट ट्राँस्प्लांट By Bhupendra Kumar Dave

The story is about a heart surgeon who determines to save a child with damaged heart. A donor was required followed by difficult heart transplantstion. The story here unfolds the c...

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रोशनी बुझे दिये की By Bhupendra Kumar Dave

The story is about the illuminating heart that leads one and all from darkness to light. It radiates, diffuses, reflects light in all directions and even a person standing under a...

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कहानी - ज़रूरतें By Lovelesh Dutt

“अब फैसला आपको करना है। मेरी बात मानेंगे तो दोनों की ज़रूरतें पूरी हो जाएँगी, वरना...” कहकर स्मृति चली गयी। विवेक अभी तक मुँह नीचे किये बैठा था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था क...

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कहानी - रांग नम्बर By Lovelesh Dutt

“हैलो...हैलो...अंकित बेटा...हम पहुँचने वाले हैं...ट्रेन आउटर पर खड़ी है।” “अच्छा पापा, मैं भी निकलता हूँ ऑफिस से, बस दस मिनट में स्टेशन पहुँच जाऊँगा। आप वेटिंग रूम में बैठ जाइएगा”...

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अलीबाबा - Starup Success Stories By Jahnavi Suman

KFC ने चीन में अपने कदम्म ही रखे थे। 24 उम्मीदवारों ने वहां भगय आजमाया 23 उम्मीदवार नियुक्त हो गए। 24 वां जो उम्मीदवार असफल रहा वो जैक मा थे।

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ट्रेन लेट होगी By Rajan Dwivedi

हमारे लिए ट्रेन का लेट हो जाना कोई असामान्य घटना नहीं है। प्रायः लंबी दूरी की ट्रेन लेट हो ही जाती है। आजकल तो 20-25 घंटों तक। ऐसे में यात्रियों को कई प्रकार की समस्या का सामना करन...

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परी और जादुई फूल By महेश रौतेला

परी और जादुई फूल नैनीताल की ठंडी सड़क पर धीरे-धीरे चल रहा हूँ।सड़क के किनारे बर्फ अभी भी जमी है। इस सड़क पर बहुत बार अकेले और कुछ बार साथियों के साथ आना-जाना हुआ था।इस पर बोलता हूँ ,...

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बबूल के काँटे By Bhupendra Kumar Dave

This is a children s story based on pure imagination of an old grand mother. She is trying to tell the children how the God intended to disign the human being and how a devil tried...

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पापा आ गए... - पापा आ गए.... By Abhijeet Yadav

कभी कभी जब हम इस जिंदगी की भाग दौड़ को पीछे छोड़ एकांत में कुछ पल बिताते है तो बहुत से सुलझे अनसुलझे सवालों से हमारा सामना होता है।जैसे की जब भी हम कभी बीती बातों को गौर करते है, तो...

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Babuk ke kante By Bhupendra kumar Dave

बबूल के काँटे दादी के पान का पसारा देखकर बड़ी खुशी होती --- हम दौड़कर दादी के पास पहुँच जाते। हमें मालूम है कि बच्चों से घिरी दादी बड़े करीने से पान लगायेगी। धीरे धीरे --- चूना लगा...

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ज़ेबा By Ravi

ज़ेबा की कहानी जो एक आम लड़की से बनती है एक स्टार। ज़िन्दगी के कुछ मोड़ो पर खुद से हारती और जीतती ज़ेबा की कहानी। एक सस्पेंस में डूबा लघु उपन्यास।

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गलीज़ ज़िंदगी By Ria Sharma

औघड़ तू भी मेरा भला नहीं कर सका। बेकार रही तेरी भक्ति। जिन्दगी भर न तो तन को नया कपड़ा दिया, न पेट भर खाना। न घर न घरवाली। देख तेरे भक्त की हालात। है कोई इसे सँभालने वाली बनाकर दो र...

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वचनबद्ध By Rajan Dwivedi

स्लेटी पैंट-शर्ट और सफ़ेद शलवार-स्लेटी कुर्ता वाले उस क्लास में सबसे अलग... जैसे सूखे हुए बाग़ में सुर्ख गुलाब का फूल. उसके आने से न सिर्फ चलता हुआ लेक्चर रुका बल्कि कईयों की सांसे भ...

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ड्रेक्युला 10-10 By Mohd Siknandar

This story strated with a small state, Romania in Italy. The ruler of the state, Dracula, was blood thirsty. The country side people was panicked from his terror. He was blessed wi...

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झुकी हुई फूलों भरी डाल - 2 By Neelam Kulshreshtha

ये एक ग्रामीण परिवेश की कहानी है। इसमें एक बच्चे को बचपन में अपनी माँ केअनैतिक संबंध के विषय में पता लग जाता है। उस बच्चे की विल पॉवर कमज़ोर हो जाती है। बड़े होकर उसकी बहिन की शादी म...

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पहला ख़त By Ravi Sharma

पहला ख़त !! तेज़ भागने के बावजूद मेरी क़मीज़ थोड़ी भीग गयी थी । मेस से हॉस्टल का रास्ता खुले आसमान से गुज़रता था और अगस्त की बारिश कश्मीर में कोई नयी बात नहीं थी । मुझे हज़रतबल रीज...

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परदा By Shaihla Ansari

दिल्ली की सड़को पर घूमते घूमते मेरे पैर दुख गये थे और मुझे भूख का भी एहसास हो रहा था, ये ही सोचते हुए मैं एक मॉल की तरफ बढ़ गया कि चलो कुछ खा लिया जाए!! "मैं दिल्ली एक काम के सिलसिले...

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और वह मर गयी By Nirpendra Kumar Sharma

नदी किनारे गांव के एक छोर पर एक छोटे से घर में रहती थी गांव की बूढी दादी माँ। घर क्या था ,उसे बस एक झोंपडी कहना ही उचित होगा। गांव की दादी माँ, जी हां पूरा गांव ही यही संबोधन देता...

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चाहत. By p

             यू तो मंजिल के रस्ते हज़ार मिलेंगे              कलियो सैंग कांटे हज़ार मिलेंगे   &nb...

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मेरा आठवां प्यार ... By Ashish Garg Raisahab

वर्ष 2012 , बी.एड. उस वक्त एक वर्ष की होती थी ,ओर प्री एग्जाम में मेरे अच्छे नम्बरों की वजह से मुझे मेरे होम टाउन में ही प्रेस्टीजियस कॉलेज मिल गया था । नए जोश और उमंग के साथ...

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सिगरेट - राख - ज़िन्दगी By Rishi Sachdeva

मैं अपनी बॉल्कनी से तुम्हारी बॉल्कनी की और देखता हूँ, पर नहीं देख पाता तुम्हे, शायद इसलिये की तुम एक शहर दूर हो, शायद मुझसे भी दूर और तुम्हारा शहर बहुत दूर है शायद चाँद से भी दूर,...

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कहानी पुरानी याद हमारी By ARYAN Suvada

हेलो दोस्तो ! एक बार फिरसे आपके सामने हाजिर हूँ एक नई कहानी के साथ । हा दोस्तो आपने सही पढ़ा आज मैं आपके साथ एक कहानी शेयर करने वाला हु पर उससे पहले एक और सवाल आपसे करने वाला हु । आ...

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बिट्टो की मम्मी By Anjulika Chawla

बिट्टो की मम्मी©अंजुलिका चावलाकई वर्षों तक वो  पड़ोस में रहे, उन्हें चाचा जी कहते थे हम।उनके तीन बच्चे हैं। दो बेटे, एक बेटी। बेटी को ईश्वर ने नसीब में उम्र भर का बचपन लिख दिया...

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शाकिर उर्फ़... By Anwar Suhail

शाकिर उर्फ....एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाकर ही वह जनरल-बोगी के अंदर घुस पाया। थोड़ी भी कमी रहती तो बोगी से निकलते यात्री उसे वापस प्लेटफार्म पर ठेल देते। पूरी ईमानदारी से दम लगाने में वह...

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सलाह By Harsh Bhatt

हर्निल_हरि की पहली स्टोरी      कॉलेज से वापसी के वक्त हर दिन की तरह आज भी पूरा ग्रुप साथ था,हरि इस ग्रुप का एंटरटेनर ओर ज्ञानी बाबा बन गया थाज्ञानी इसी लिए क्यो...

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पिछली सदी की पोटली By Prabodh Kumar Govil

सल्तनत तेज़ी से कदम बढ़ाती हुई चल रही थी। उसे पांच बजकर नौ मिनट तक हर हालत में घर पहुंचना था, क्योंकि गजराज ठीक पांच दस पर उसे बधाई देने वाला था। बधाई दे, रोए, फातिहा पढ़े, अलबत्ता...

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मुखौटा By Ajay Amitabh Suman

मार्च २०१६: वैसे आज गाँधी जी के लिए समय इंगित करना कुछ उचित नहीं . पर सुना है मैंने , अभी मार्च २०१६ की घटना है . अपने ये जो गांधीजी जी है , लेटे हुए थे स्वर्ग में , नेहरु जी के...

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क्या तुम वापस आ गयी ? By zeba Praveen

क्या तुम वापस आ गयी ? मुख्य पात्र डॉ साहिल आलिया डॉ विवेक कहानी का आधार -ये कहानी एक डॉक्टर की हैं जिसका दो साल पहले तलाक हो चूका...

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वाह रे तारीफें By Singh Srishti

प्रिया आज भी कॉलेज में झगड़ा करके आयी और घर पर आते ही सारा सामान तोड़ फोड़ करने लगी, आँखों में तो आग बरस रही है और हाथ पैरों में झुलझुलाहट, मानो आज ही पूरी दुनिया तबाह कर देगी। पूरा द...

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तरक्की की कीमत By Ranju Bhatia

बचपन के दिन कैसे फुदक के उड़ जाते हैं , स्कूल की शिक्षा खत्म हुई और आँखो में बड़े बड़े सपने खिलने लगते हैं ,जैसे ही उमंगें जवान होती है कुछ करने का जोश और आगे ऊँचे बढ़ने का सपना आं...

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समय जाल (भाग 1) By Thoughtful Mind

वैसे तो मैं अभी बहुत छोटा हूँ विज्ञान के उन जटिल एवं गणित के सिर घुमाने वाले फार्मूलों को समझने के लिए, जिन्हें मशहूर गड़ितज्ञओं ने कई साल पहले ही लिख दिया था, परंतु इतना तो अवश्य ह...

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उम्र का पड़ाव By Ranju Bhatia

,  फिर से नया साल  आ गया ..कैसे जल्दी से वक़्त बीतता जाता है | साल दरसाल ..उम्र दर उम्र ...वक़्त कहाँ थमता है और उस में उम्र का एक पड़ाव ऐसा आ जाता...

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रंगमहल की खिड़कियां और मैली हवाएं By Prabodh Kumar Govil

जब हम सुबह-सुबह अख़बार के किसी कौने में दुष्कर्म की खबर पढ़ते हैं तब हमारी कुंद पड़ चुकी संवेदना इसे आसानी से सह जाने का हौसला दे देती है। हम सरसरी तौर पर केवल ये जान लेते हैं कि घट...

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नाईटमेयर - सपना या हकीकत - पारस जैन की कहानी By Author Pawan Singh

हेलो , मेरा नाम पारस जैन है और जो मै आपको बताने जा रहा हूं। यह एक सच्ची घटना है। कुछ लोगो को भविष्य की झलकियां उनके सपने में दिख जाती है लेकिन वह ज्यादतर बुरी ही होती है। जिसे...

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वो अजनबी By Bansari Rathod

आज फिर आफ़िस से घर जाने में देरी हो गई, ये कॉलसेन्टर की जोब भी न.पर न चाहते हुए भी उस लैम्पपोस्ट पे जाते जाते नज़र चली ही गई।आज भी वो वही खड़ा एकटक सामने देख कर मुश्कुरा रहा था ,बस र...

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रोचक विज्ञान बालकथाएँ By Omprakash Kshatriya

हम उन्हें उपदेश दे कर सिखाना चाहते हैं. वे उपदेश से नहीं कार्यव्यवहार देख कर सीखते हैं. इस बात को हम भूल जाते हैं. आप सिगरेट पीते हो और बच्चों को इस से बचने की सलाह दो तो वह कोरा उ...

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रौशनी By Richa Modi

रौशनी का मतलब दिवाली ,दिवाली मे हर घर मे रौशनी होना जरुरी है। बेटी के लिए उसके पापा का प्रेम सबसे उपर होता है और वो इस कहानी मे है।

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सुखविंदर By Krunal jariwala

सुखविन्दरप्रतापसिंह एक वीर, ईमानदार योद्धा, बिलकुल उनके जैसा ही उनका पौत्र "सुखविन्दर", मानो अपने दद्दू की कार्बन कॉपी। देशभक्ति जैसे उसे दादाजी से विरासत में मिली हो। बचपन में दाद...

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भूत की पूजा (भाग एक) By Krishna Chaturvedi

कन्हैया रोज की तरह तेज चाल से चला जा रहा था।चारो तरफ गहरा अंधेरा छाया था और बारिश रुकने का नाम नहीं ले रहा था उस दिन,पर कन्हैया को इससे कहा मतलब ,वो तो मस्त अपनी ही दुनिया में और म...

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एक योगी की मौत By Ajay Amitabh Suman

मैं अपने गाँव गर्मी की छुट्टियों में गया हुआ था. अपने बड़े बाबूजी से उनके बारे में पूछा तो ज्ञात हुआ उनकी मोटर बाईक के दुर्घटना में मौत हो गई है. एक एक करके मेरे मानस पटल पे पुरानी...

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झुक गया आसमान By Ajay Amitabh Suman

मेरे पिताजी अति अनुशासन प्रिय व्यक्ति रहें है। पेशे से शिक्षक है। स्कूल में भी बहुत अनुशासन प्रिय और योग्य शिक्षक के रूप में उनकी प्रसिद्धि थी।अब सेवनिर्वित्त हो चुके है। उनकी अनुश...

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सोशल इंजीनियरिंग By Rajan Dwivedi

जातीय श्रेष्ठता के मिथ्याभिमान से जूझते एक युवा बेरोजगार की कहानी .

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फरार - 2 By Prashant Vyawhare

फरार वो १९८६ का दौर था जब अंडरवर्ल्ड का बड़ा भाई, उस पावरफुल नेताजी सरकार के कहने पर दुबई भाग गया उसके बाद मुंबई के अंडरवर्ल्ड में खलबली मच गयी. हर छोटा गैंगस्टर भाई की जगह लेना च...

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असली वजह By ओमप्रकाश प्रकाश

लघुकथा. मलाल 'गांव वाले लड़ने आ सकते हैं. लड़की को क्यों मारा ? क्या, तुम्हें मारने का अधिकार है. पिताजी पुलिस में रिपोर्ट कर सकते हैं. शर्म नहीं आती. एक छोटी लड़की का मारते हुए.'...

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प्रकृति का बदला By Monika Verma

सदियो से हम प्रकृति की गोद में जी रहे है। प्रकृति के हम पर इतने अहसान है की हम किसी भी कीमत पर उसे नहीं चूका सकते। लेकिन क्या हमने कभी इसकी क़द्र भी की है? इंसान के मोज शोख वाली जीव...

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फांस - AN EMBARRASSMENT By VIRENDER VEER MEHTA

‘फांस’ - AN EMBARRASSMENT अब्बाजान की दिल से ये आरजू थी कि ख़ुदा का बुलावा आने से पहले एक बार वे अपने पुरखों की सरजमीं हिन्दुस्तान पर सिर टिकाकर वहां की मिट्टी अपने...

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मुक्ति और अन्य लघुकथाएं - मुक्ति By Krishna manu

लघुकथा   ।।मुक्ति।।तलाक की पीटीशन फैमिली कोर्ट में दाखिल कर लौटते हुए वह इस उहापोह से मुक्त हो चुका था कि कहीं शक के बिना पर लिया गया उसका निर्णय जीवन भर के लिए पश्चाताप...

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सहोदर की कहानियां By Anand Gurjar

कहानियां मनोरंजन के साथ साथ हमारा ज्ञानवर्धन भी करती है । इन कहानियों सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोह के साथ मानवीय संवेदना को व्यक्त किया गया ।...

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अपने पराये By Ravi

हम कभी खुदपर दृष्टि नहीं डालते कि हमने बीते दिनों में कोई पाप किया है या मुँह छुपाने जैसा कोई काम। हम केवल सामने की ओर उंगली उठाते हैं। जब कि सच तो ये हैं धूल चेहरे पे है, आईने पे...

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हार्ट ट्राँस्प्लांट By Bhupendra Kumar Dave

The story is about a heart surgeon who determines to save a child with damaged heart. A donor was required followed by difficult heart transplantstion. The story here unfolds the c...

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रोशनी बुझे दिये की By Bhupendra Kumar Dave

The story is about the illuminating heart that leads one and all from darkness to light. It radiates, diffuses, reflects light in all directions and even a person standing under a...

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कहानी - ज़रूरतें By Lovelesh Dutt

“अब फैसला आपको करना है। मेरी बात मानेंगे तो दोनों की ज़रूरतें पूरी हो जाएँगी, वरना...” कहकर स्मृति चली गयी। विवेक अभी तक मुँह नीचे किये बैठा था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था क...

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कहानी - रांग नम्बर By Lovelesh Dutt

“हैलो...हैलो...अंकित बेटा...हम पहुँचने वाले हैं...ट्रेन आउटर पर खड़ी है।” “अच्छा पापा, मैं भी निकलता हूँ ऑफिस से, बस दस मिनट में स्टेशन पहुँच जाऊँगा। आप वेटिंग रूम में बैठ जाइएगा”...

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अलीबाबा - Starup Success Stories By Jahnavi Suman

KFC ने चीन में अपने कदम्म ही रखे थे। 24 उम्मीदवारों ने वहां भगय आजमाया 23 उम्मीदवार नियुक्त हो गए। 24 वां जो उम्मीदवार असफल रहा वो जैक मा थे।

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ट्रेन लेट होगी By Rajan Dwivedi

हमारे लिए ट्रेन का लेट हो जाना कोई असामान्य घटना नहीं है। प्रायः लंबी दूरी की ट्रेन लेट हो ही जाती है। आजकल तो 20-25 घंटों तक। ऐसे में यात्रियों को कई प्रकार की समस्या का सामना करन...

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परी और जादुई फूल By महेश रौतेला

परी और जादुई फूल नैनीताल की ठंडी सड़क पर धीरे-धीरे चल रहा हूँ।सड़क के किनारे बर्फ अभी भी जमी है। इस सड़क पर बहुत बार अकेले और कुछ बार साथियों के साथ आना-जाना हुआ था।इस पर बोलता हूँ ,...

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बबूल के काँटे By Bhupendra Kumar Dave

This is a children s story based on pure imagination of an old grand mother. She is trying to tell the children how the God intended to disign the human being and how a devil tried...

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पापा आ गए... - पापा आ गए.... By Abhijeet Yadav

कभी कभी जब हम इस जिंदगी की भाग दौड़ को पीछे छोड़ एकांत में कुछ पल बिताते है तो बहुत से सुलझे अनसुलझे सवालों से हमारा सामना होता है।जैसे की जब भी हम कभी बीती बातों को गौर करते है, तो...

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Babuk ke kante By Bhupendra kumar Dave

बबूल के काँटे दादी के पान का पसारा देखकर बड़ी खुशी होती --- हम दौड़कर दादी के पास पहुँच जाते। हमें मालूम है कि बच्चों से घिरी दादी बड़े करीने से पान लगायेगी। धीरे धीरे --- चूना लगा...

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ज़ेबा By Ravi

ज़ेबा की कहानी जो एक आम लड़की से बनती है एक स्टार। ज़िन्दगी के कुछ मोड़ो पर खुद से हारती और जीतती ज़ेबा की कहानी। एक सस्पेंस में डूबा लघु उपन्यास।

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गलीज़ ज़िंदगी By Ria Sharma

औघड़ तू भी मेरा भला नहीं कर सका। बेकार रही तेरी भक्ति। जिन्दगी भर न तो तन को नया कपड़ा दिया, न पेट भर खाना। न घर न घरवाली। देख तेरे भक्त की हालात। है कोई इसे सँभालने वाली बनाकर दो र...

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वचनबद्ध By Rajan Dwivedi

स्लेटी पैंट-शर्ट और सफ़ेद शलवार-स्लेटी कुर्ता वाले उस क्लास में सबसे अलग... जैसे सूखे हुए बाग़ में सुर्ख गुलाब का फूल. उसके आने से न सिर्फ चलता हुआ लेक्चर रुका बल्कि कईयों की सांसे भ...

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ड्रेक्युला 10-10 By Mohd Siknandar

This story strated with a small state, Romania in Italy. The ruler of the state, Dracula, was blood thirsty. The country side people was panicked from his terror. He was blessed wi...

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