Jaadu Jaisa Tera Pyar - 7 in Hindi Love Stories by anirudh Singh books and stories PDF | जादू जैसा तेरा प्यार - (भाग 07)

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जादू जैसा तेरा प्यार - (भाग 07)

प्रिया के वह थप्पड़ सम्राट को प्रिया के ही प्यार में पागल बना देगा,यह तो हम सबने कल्पना भी न की थी.....प्रिया और सौम्या दोनो हमारे सामने थी।
मिहिर मायूस होकर प्रिया से बोला "यार चटखनी, जादू वाले थप्पड़ थे क्या......दीवाना हो गया वो तो तेरा......मुबारक हो तुम कम से कम अब सिंगल तो नही रहोगी तुम"

मिहिर की बात सुनकर हम सभी खिलखिला कर हंस पड़े.....और प्रिया हैरानी भरी नजरों से देखते हुए मुंह बना कर गुस्से में बोली।

"दिमाग खराब है क्या उसका.....अब चप्पल से मारूंगी उसे अगर कोई भी ओछी हरकत की तो......सीधी,शरीफ हूँ,इसका मतलब यह नही कि कोई भी मवाली आ कर ओछी हरकत कर के चला जाए......."

भड़क गई थी प्रिया,हमारे काफी समझाने पर वह वेट एन्ड वॉच के लिये तैयार हुई.....हम अब सम्राट की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे।

हमारी सोच से कही ज्यादा बेशर्म था सम्राट.....प्रिया के इर्द गिर्द मंडराने लगा था वह....हम चाहते तो उसकी पुलिस कम्प्लेंट कर सकते थे,पर हमें पता था कि उसके बाद भी वह आसानी से छूट कर वापस आ जायेगा......और दूसरी बात यह थी कि कॉलेज के लास्ट ईयर में हम सब फाइनल एग्जाम पर फोकस करने को जूटे थे.....हम हर हाल में अच्छी परसेंटेज से उत्तीर्ण होना चाहते थे, जिस से हमें एक अच्छा कैम्पस सिलेक्शन पैकेज अथवा पीजी के लिए अच्छा कॉलेज मिल सकें।

पर अब धीरे धीरे सम्राट फ्लर्टिंग की सीमाओं को लांघता जा रहा था, कभी प्रिया के बैग में लंच टाइम के बाद फ्लावर्स रखे हुए मिलते, तो कभी क्लासरूम की डेस्कस,और वॉल्स पर 'आई लव प्रिया' के स्लॉगन्स.......इन सब चीजों से प्रिया और हम लोग काफी डिस्टर्ब होने लगें थे......सम्राट डायरेक्टली तो प्रिया के सामने आने की हिम्मत नही कर पा रहा था....पर इस तरह के बिहैवियर से उसको मेंटली टॉर्चर जरूर कर रहा था.......हद तो तब हो गयी जब एक दिन प्रिया के पापा ने घर आकर प्रिया को कुछ खास बात करने को बुलाया.....
"बेटा मुझे पता है कि अभी वक्त नही है यह सब बात करने का,पर फिर भी सोचा कि एक बार तुमसे बात करूं.......आज मुझसे मिलने कम्पनी में गिरीश देव चक्रवर्ती जी आये थे......He is the owner of Chakravarti's group.....दरअसल वह अपने बेटे सम्राट का रिश्ता लेकर आये थे तुम्हारे लिये......तुम्हारे साथ जो मिसअंडरस्टैंडिंग हुई है सम्राट से,उनके बारे में उन्होंने मुझे बताया भी और उसकी तरफ से तुमको सॉरी भी बोला....उनका कहना था कि सम्राट तुमको पसन्द करता है, शादी का प्रस्ताव रखा है उन्होंने....."

"व्हाट......डैड ...उसने सोचा भी कैसे ऐसा ....एक नम्बर का लोफर और मवाली है सम्राट....उसके साथ शादी.....नेवर.....बात भी नही कर सकती उस से तो मैं......और फिर डैड आपको तो पता ही है,अभी एमबीए कम्प्लीट करने तक तो मुझे कोई बात नही करनी इस टॉपिक पर"
सम्राट द्वारा शादी का प्रस्ताव भेजने के दुस्साहस से शॉक हो गयी थी प्रिया।

उसके डैड ने उसे समझाते हुए कहा।
"कोई बात नही बेटा,तुम्हारी मर्जी के बिना थोड़े कोई बात आगे बढ़ेगी......बट एक बार सोच के देख लो....माना कि सम्राट की आदतें गलत थी,मगर वह सुधरने को भी तो तैयार है.....और इसकी गारन्टी चक्रवर्ती जी स्वंय ले रहे थे.......अच्छी और रपुटेटेड फैमिली है,वेल सेटल्ड बिजिनेस है.....और फिर इस रिश्ते से हमारी कम्पनी 'जय महाराष्ट्र स्टील इंडस्ट्रीज' को भी एक बड़ा सपोर्ट मिलेगा.....हमारे शेयर्स कई गुना बढ़ जाएंगे।"

प्रिया अपने मॉम डैड की इकलौती सन्तान होने के साथ साथ उन दोनों की ही लाड़ली थी उसके के डैड उसकी मर्जी के बिना उसकी लाइफ का कोई भी फ़ैसला नही लेते थे......वो तो सम्राट को एक बेहतर विकल्प मान के प्रिया को कन्वेंश करना चाह रहे थे,क्योंकि प्रिया के इस प्रपोजल के लिए खुशी से हां कर देने से उनके भी बिजिनेस को फायदा था......और एक बड़ा बिजिनेसमैन अपनी फैमिली के साथ साथ अपने बिजिनेस के भी फायदे नुकसान का ध्यान रखता है।

"मगर पापा,ट्राय टू अंडरस्टैंड........अभी जब शादी करनी ही नही है मुझको, तो इस सब बातों का क्या फायदा"

"प्रिया बेटा, तुम जैसे चाहोगी वैसा ही होगा...अगर तुम इस रिश्ते के लिए एग्री हो तो हम शादी तुम्हारे एमबीए कम्प्लीट होने के बाद कर देंगे,मेरे ख़्याल से वो भी तैयार हो जाएंगे इस चीज के लिए....अदरवाइज कोई बात नही.......और हां अगर तुमको कोई और भी पसन्द हो ,तो बेझिझक बता दो.....मुझे बस तुम्हारी खुशी चाहिए।"

उफ्फ ये कहां फंस गई......बेचारी प्रिया इस अचानक से आई परेशानी से झल्ला उठी थी.....अब इस टॉपिक पर लगाम लगाने का उसको बस एक ही तरीका नजर आया......
"यस डैड......मुझे पसंद है कोई....बट प्लीज....अब इससे आगे कुछ भी मत पूंछना.....सही टाइम आने पर मैं खुद ही बता दूंगी"

"ओके माय चाइल्ड...तुम्हारी खुशी से बढ़कर कुछ नही"
तो इस तरह से प्रिया ने एक झूठ बोलकर अचानक आई मुसीबत से खुद का पीछा छुड़ा लिया था।

प्रिया के डैड ने मिस्टर चक्रवर्ती को इस रिश्ते के लिए स्पष्ट रूप से मना कर दिया था......मिस्टर चक्रवर्ती एक प्रतिष्ठित बिजिनेसमैन थे, बेटे के कारण उनकी प्रतिष्ठा को और ठेस न पहुंचे,इस वजह से उन्होंने सम्राट को प्रिया की लाइफ में जरा भी इंटरफेयर न करने की सख्त हिदायत दी थी......परिणाम स्वरूप अब सम्राट के इश्क का भूत भी उतर गया था।
प्
मगर उस एक झूठ की वजह से उसके लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गयी थी.......प्रिया की मॉम को तो इस वाक्या के बारे में कानोंकान कोई खबर नही थी पर हर दूसरे दिन प्रिया के डैड उसके पास आते और बड़े प्यार से पूंछते
"बेटा,अब तो बता दो न अपने डैड को.....कौन है वो लड़का" 😀

..... कहानी जारी रहेगी.....