Life - 3 in Hindi Short Stories by Jay Khavada books and stories PDF | जिंदगी - 3

Featured Books
  • ગંગા સ્નાન

    ગંગા સ્નાન "गङ्गा पापं शशी तापं, दैन्यं कल्पतरुस्तथा । पापं...

  • પરંપરા કે પ્રગતિ? - 6

    પોલીસ મેડમ કહે છે: "તું જેના તરફથી માફી માંગી રહી છે શું તે...

  • આઈ કેન સી યુ!! - 3

    અવધિ ને તે પ્રેત હમણાં એ સત્ય સારંગ ના સામે કહેવા માટે કહી ર...

  • મમ્મી એટલે?

    હેપ્પી મધર્સ ડે... પર(સ્કૂલ માં વકૃત સ્પર્ધા હતી)મમ્મી નું મ...

  • ભાગવત રહસ્ય - 278

    ભાગવત રહસ્ય -૨૭૮   પરીક્ષિત કહે છે કે-આ કૃષ્ણકથા સાંભળવાથી ત...

Categories
Share

जिंदगी - 3

ऐ कहानी में मेरे जीवन की सारी गटना है जो मे टूंक मा बताई गई है। कहानी को समझिए।

मेरा नाम जगदीश है। और मुझे परिवार वाले प्यार से जय के नाम से बुलाते है। मेरा जन्म मध्यम परिवार में हुआ

जब मैं 5 साल का हुआ तब मुझे मेरे गांव में पढ़ने के लिए बिठाया। पड़ते- पड़ते करीब 12-13 साल का था। तब करीब 2011 2012 मैं लगभग छे या सातवीं क्लास में पढ़ता था।

तब मेरे पापा ने मेरी सगाई मुझे बिना पूछे कर ली। मैं पढ़ते-पढ़ते 9 मां धोरण के आग्या। तब में 16-17 सालका था। 2014-2015 में मेरे पापा ने मेरे दो बहनों और एक भाई की शादी नक्की की । तब मेरा 9 मा धोर का वेकेसन चल रहा था।

तभी सादी का माहौल करीब 3 से 4 दिन तक चला था और उस शादी के बीच में मेरे ससुराल से फोन आया की वह उनकी बड़ी बेटी की शादी कर रहे हैं उसके साथ वह छोटी बेटी की भी शादी करना चाहते हैं।

ऐसा मेरे ससुराल वालों ने मेरे पापा से कहा फिर मेरे पापा ने वही बात मेरी मम्मी को कई और मेरे भैया और बहनों की शादी के 3 दिन बाद मेरी शादी करने का कहा मेरे परिवार वालों ने मेरी शादी की तैयारी करना शुरू कर दी और मुझे दूल्हा बनाया गया पाठ की रसम पूरी करके मेरी जान लेकिन मेरे ससुराल में गई तब करीब रात के 9:00 बजे थे और हम वह मेरे ससुराल में पहुंचे ससुराल में शादी का मुहूर्त सुबह 4:00 बजे था और सुबह 4:00 बजे तक हम लोगों ने वही रात निकाली फिर 4:00 बजे तोरण की रस्म पूरी करके मुझे मंडप में ले गया ले गई फिर वहां हमें बिठाया और पंडित मंत्र पढ़ रहा था और पंडित ने कहा कि कन्या पदरा वो सावधान वह घर में से रोती हुई बहार आई फिर वह मेरे पास बैठी पंडित ने दोनों के हाथ एक दूसरों के हाथ में देने को कहा हमने एक दूसरे का हाथ थामा फिर शादी के 4 फेरे फरे के बाद हमें अलग से रहने के लिए जगह दी वहां सो गए सुबह करीब 4:30 बजे थे और दूसरे सुबह उठकर हम लोगों ने चाय पिया फिर हमें उनके देवों के दर्शन के लिए ले गए फिर हम शाम को 6:00 बजे हमारे घर लौटे घर लौटने की रस पूरी करके हम घर पर लाया गया फिर दूसरे दिन मेरे ससुराल वाले आए और मेरे वाइफ को ले गई फिर वेकेशन पूरा होने के बाद मैं पढ़ने के लिए गया मुझे दोस्त चिढ़ाते थे कि तूने शादी कर ली।

मैंने पढ़ाई 10 धोरण तक आधेमे छोड़ दी फिर मैं पढ़ने नहीं जाता था तो पापा ने बड़े भाई के साथ खेती के काम में लगा दिया बाद में एक ऑफर आई की 7 पास को आंगरवाड़ी की नौकरी मिलती है। तभी मेरे भैया ने मेरे भाभी का फॉर्म भरा दिया और उनकी नौकरी लग गई फिर भैया ने खेती का काम करना छोड़ दिया और भाभी की नौकरी संभालने में लग गई फिर खेती का सारा काम मुझ पर आ गया था कुछ टाइम ऐसे ही बीत गया फिर 2019 में मेरे पापा ने सोचा कि अब लड़का बड़ा हो गया है उसकी लुगाई ला देते हैं फिर मेरे पापा ने मेरी वाइफ को हमारे घर लेकर आए।

मेरी सुहागरात के दिन जब में उसके पास गया तब हम दोनो ऐक अजनबी की तरह थे। साइलेंस मोड में करीब दो घंटे तक बेटा राया थोड़ी सी हिम्मत जुटाकर मैंने उसको बुलाया तब उसने कुछ भी रिप्लाई नहीं दिया फिर थोड़ी देर के बाद उसको बुलाया लेकिन तब भी उसने मुझको रिप्लाई नादिया उसको बुलाने की बहुत कोशिश की फिर भी मुझको कुछ भी ना बुली मैंने उसको उसका चेहरा दिखाने के लिए कहा लेकिन वह उसका चेहरा नहीं दिखाती थी फिर मैंने जबरजस्ती के साथ उसका चेहरा देखा उसका चेहरा देखकर मुझे लगा कि मुझे इसके साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए थी मैंने उसको कहा की तुमको मेरे साथ इस रिलेशनशिप में रहना है तो मुझे बताओ फिर भी उसने मुझको कुछ भी नहीं कहा फिर मैं साइलेंट मोड में बैठ गया जब मैंने उसके सामने देखा तो उसने हाथों से कुछ इशारे किए पर मैं समझ नहीं पा रहा था फिर मेरे को समझ में आया कि वह इशारे मुंह दिखाई के रसम के पैसों के लिए कर रही थी मैंने उसको कहा कि तुम बताओगी तभी तो हमको बताओगी तभी मालूम पड़ेगा उसने उसने कहा कि मुंह दिखाई के पैसे दो मैंने उसको कहा कि मैं पैसे नहीं दूंगा फिर उसने कहा की मेरा चेहरा मेरी मर्जी के बिना क्यों देखा तब मैंने उसको कहा कि तुम कुछ भी नहीं बोल रहे थे इसलिए मैंने तुम्हारा चेहरा तुम्हारी मर्जी के बिना ही देख लिया फिर उसने मुझको कहां की मैं आपको जानती नहीं हूं मैं आपको जानने के बाद ही बताऊंगी तुमने कहा कि ठीक है पहले हमें जान लीजिए फिर हमें पता नहीं बताइएगा रात को करीब 2:00 बजे थे फिर मैं सो गया

दूसरे दिन

हम दोनों एक अजनबी की तरह रहते थे कुछ कछ बातें तो होती थी लेकिन वह बातें नहीं जो एक पति पत्नी के साथ होती है ऐसे ही बहुत दिन बीते फिर वह अपने मायके चली गई मेरा तो वही काम था खेती का जो मैं करता था जब कहो क्यों लड़ने की सीजन तब मेरे पापा मेरी वाइफ को लेने के लिए मेरे ससुराल गई वहां से मेरी वाइफ को लेकर हमारे घर पर आए तब भी उसने मुझको कुछ भी नहीं कहा वैसे ही अजनबी यों की तरह हम रहते थे जब हम खेत में काम करने के लिए करें तब खेती का काम करके शाम को लौट कर घर आए ऐसा करीब खेती का काम 15 दिन तक चला उसके बाद उसने मुझको बताया कि वह मेरे साथ नहीं रहना चाहती थी यह सुनकर मुझे बहुत ही दुख हुआ फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं तो उसने बताया कि यह बात तुम तुम्हारे घरवालों को बता देना और मेरा नहीं कहना की मेरे रहना नहीं चाहती मैंने उसको कहा की तुम क्यों मेरे साथ नहीं रहना चाहती तब उसने बताया कि तुम खेती का काम करते हो इसलिए मुझे खेती का काम नहीं करना तो मैंने कहा ठीक है मैं बता दूंगा मेरे घर वालों को करीब तीन-चार दिन मैं यही सोचता रहा कि मैं बताऊं तो बताऊं कैसे और क्या बताऊं फिर मैंने मेरी मम्मी को बुलाकर अकेले में जाकर कहां की मैं उसके साथ नहीं रहना चाहता यह सुनकर मेरी मम्मी शौक होगी और कहा कि क्यों नहीं रहना चाहती तब मैंने बहना बनाया की वह मुझे अच्छी नहीं लगती फिर में है वहां से निकल गया और खेत पर आकर सो गया दूसरे दिन में घर पर गया तब मेरे पापा मेरे चाचा सारे लोग वहां घर पर ही थे और मुझे कहने लगे क्या हुआ है तुम उसे अपने साथ नहीं रखना चाहती मैंने कुछ भी ना बोला उन लोगों की बात सुनता रहा फिर मेरे पापा ने मेरे ससुराल वालो को बुलाया मेरे ससुराल वालों ने मुझसे पूछा कि क्यों तुम हमारी बेटी के साथ नहीं रहना चाहते मैंने उनको बोल दिया कि आपकी बेटी मुझे पसंद नहीं है इसलिए मैं नहीं रहना चाहता आप आपकी बेटी को लेकर मेरे ससुराल वाले कुछ बोले भी नहीं उसे लेकर गय। मैं मेरे पापा की नजर में गिर चुका था लेकिन मेरे पापा को यह नहीं पता था कि मेरी वाइफ मेरे साथ नहीं रहना चाहती थी

- jay khavda