The Author Anju Kumari Follow Current Read मुलाकात - 4 By Anju Kumari Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books HEIRS OF HEART - 37 But Amrit's plan to keep Vikram away from Meenakshi'... HAPPINESS - 118 The fun of the journey Keep enjoying the journey. Keep enjoy... The Tracks of Desire It was past midnight at a silent, fog-laced railway station... The Early Years - 8 Part 8: The Daughter That Chose Me“Where Time Waits for No M... Disturbed - 33 Disturbed (An investigative, romantic and psychological thri... 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काम बताते जया स्वच्छा से कर देती ,उसे मदद करे के खुशी ही हो रही थी, काम और भी बहुत कुछ करते करते शाम हो गई । मामा जी भी तैयार हो गये शादी मे जाने के लिए और जया को भी बोला बेटा तुम भी अब तैयार हो जाओ, अब घर लोगो का आना काफी बढ गया था और मामी जी तैयार भी होना था तो जया ने कहा आप तैयार हो जाईये मै जब तक मेहमान को चाय पानी देती हूं मामी जी थोड़ा चिढी तो पर उन्हे भी तैयार होना था सो मान गई, रात के आठ बजने को थे सब लोग शादी की जगह पहुँच गए थे जया के दोस्त भी पर जया का कुछ पता ही नही था, पल्लवी और साधना को थोड़ी चिन्ता हुई, उन्हे लगा जया उन से पहले आ गई होगी पंडाल मे ,मामी जी से पूछा तो बोली मै तो आ गई थी पड़ोसी और किसी को बोला था घर पर रूकने के लिए और सब को यहां आ जाना चाहिए था ।अब पल्लवी बोली मै फोन करती हूं कहां है जया । पल्लवी ने काॅल किया तो पता चला घर पर कोई आया ही नही तो वो घर कैसे खुला छोड़कर आती। अब पल्लवी को और भी डर सताने लगा उसने मामा जी को देखा पर वह विवाह की देखभाल मे बिजी थे ।अब उसने मामी जी से कहा तो मामी जी बोल ली अब बता क्या करूं उल्टा पल्लवी से बोली घर खाली छोड़कर मत आना शादी का घर है कहीं चोरी लोरी हो गई तो , अब पल्लवी को मामी जी पर बहुत गुस्सा आरहा था ,वो किसी भी तरह जया को शादी मे लाना चाहती थी ,उसे बहुत पछतावा हो रहा था वो और साधना जया को लेने के लिए निकल ही रही थी कि उन्हे आनन्द मिल गया आनन्द ने पूछा कहां जा रही हो तो उसने सब कह दिया ।उसे भी अपनी मम्मी पर बहुत गुस्सा आया जब वो घर से निकाला था तो उसे जया कहीं नही दिखी थी उसकी मम्मी ने बताया सब चले गये है वो भी आ रही है किसी को घर मे छोड़कर, पर उसे नही पता था उसकी मां ने जया को वहीं छोड़कर आयी है उसका दिल हुआ उस बेचारी लड़की को छोड़कर कैसे आ गई, पर अभी इन सब बातो का वक्त नही था उसने साधना को पंडाल मे रूकने को कहा और पल्लवी को साथ लेकर घर की और चल पड़ा। अब इतने बड़े घर मे अकेले जया की जी घबरा रहा था ,न जाने कितनी दहशत हो रही थी उसे , मेन डोर बन्द किये बैठी थी कि अब से कोई आ जाये , चुपके चुपके कई बार रो चुकी थी किसी और के घर मे अकेले अनजान जगह उसकी जान सूख रही थी सब के जाने के बाद उसने एक घूट पानी भी नही गया था , जब वो तैयार हो कर कमरे से बाहर आयी तो घर मे बस दो तीन लोग थे वो जानती नही थी कोई रिश्तेदार थे वो भी अपनी बाइक पर शादी मे आने के लिए निकल गए, अब जया किसको बोलती वो पल्लवी को काॅल कर रही थी तो उसने भी फोन साइलेंट था उसने देखा ही नही ,पल्लवी तब ज्यादा डरी की जया शादी मे नही है और उसके इतने मिस काॅल ,वो भी जब देखा जब उसने जया को फोन करने के लिए फोन निकाला। पल्लवी को देखकर जया फूट-फूटकर रो पड़ी नन्ही मासूम बच्चे की तरह, और गुस्सा भी बहुत हुई पल्लवी पर, पर आनन्द को देखते ही आंसू छुपा लिये,वो नही चाहती थी आनन्द देखे उसे रोता हुआ, आनन्द ने पडोस की आन्टी से कुछ देर ठहरने को कह कर बुला कर लाया और वो दोनो को लेकर शादी की जगह जाने के लिए निकल गया पल्लवी गाड़ी मे आगे बैठी और जया पीछे । आनन्द की निगाह एक बार पीछे बैठी जया पर क्या गयी उसे ना जाने कुछ अजीब सा लगा उसने जया को गाड़ी के शीशे मे ना जाने कितनी बार देखा पल्लवी और आनन्द ने कई बार हसी मजाक किया पर जया ने कोई जवाब नही दिया वो चुपके से अपने आंसू पूछ लेती ये सब आनन्द ने देखा और उसका दिल कट सा गया , वो थोड़ा सा परेशान हो गया पर कुछ बोला नही ,पंडाल आ गये तीनो । पल्लवी ने जया का हाथ पकड़ कर अन्दर ले जाने लगी तो आनन्द ने जया के करीब जा कर धीरे से कहा प्लीज चुप हो जाईये मुझे अच्छा नही लग रहा इतनी खूबसूरत आंखो मे आंसू अच्छे नही लगते , जया को आनन्द का ये सब कहना कुछ अजीब सा लगा ,वो पल्लवी के साथ अन्दर चली गई शादी मे बहुत चहल-पहल थी बहुत शोर था पर जया के अन्दर आनन्द के कहे शब्द ही गुंज रहे थे, जैसे जैसे रात गहराई रौनक और बढ गई, उसने इन सब से ध्यान हटाया और शादी मे थोड़ा सा घुलने मिलने की कोशिश की, पर उसकी नजर उठी तो देखा तो आनन्द उसे ही देखकर रहा था और जैसे ही जया की नजर उस पर पड़ी तो आनन्द ने नजर चुरा ली, और शादी मे मग्न हो गया , बारात आ गई सब तरफ हसी खुशी का माहौल था जया भी अब थोड़ा ठीक हो गई थी जयमाला के जूही जब आई तो उसके साथ उसकी कई सहेलिया और बहन भी साथ थी पर आनन्द की नज़र तो बस जया को ढूँढ रहा था ना जाने क्यो आनन्द का मन बस जया को देखने का रहा था ,और जया ने लाल सूट पहना था वो भी पल्लवी और सब के साथ जूही के पीछे पीछे चल रही थी शरमाई हुई वो कभी ऐसे किसी शादी मे शामिल नही हुई थी ,वो बहुत घबरा रही थी , उसने जब नज़र उठाई तो आनन्द को फिर से उसे देखते पाया,अब आनन्द की चोरी जया ने पकड़ ली ,और उसे एक बार घूरा , सब सहेलियां मस्ती मजाक कर रही थी कोई दुल्हे दुल्हन को तंग कर रही थी, पर जया वहां नही रूकी और दूर आ गई वहां से और पल्लवी की मम्मी के पास आकर बैठ गई, पर अब जया को आनन्द की दो चोर आंखे याद आ गई , वो चाह कर भी भूल नही पा रही थी , सब शादी मे मग्न थे और आनन्द कभी कभी उसे चुपके से यहां वहां से देख लेता था , जया को बराबर लग रहा था कोई उसे चोरी से देख रहा था , वो न जाने क्यों सिमटी जा रही थी, जयमाला हुई घराती बराती सब नाच रहे थे कोई फोटो कोई खाने मे मशगूल, पल्लवी और साधना भी आ गई सबने लहंगे पहने थे ,बस जया ही सूट मे थी वो भी लाल, ना जाने क्यों सब से अलग और खूबसूरत दिख रही थी आनन्द को तो वो लाल परी सी लग रही थी, वो कभी कैसे तो कभी कैसे सेल्फी लेती रही अब उन्होने फोटोग्राफर को आवाज लगाई की कुछ फोटो हमारी भी निकाल दो ,और बहुत सी पिक ले ली अब आनन्द को भी बुला लिया ,आनन्द तो न जाने कब से सोच रहा था कि कोई उसे भी बुला ले , वो भी आया और सब के साथ फोटो लिये कुछ फोटोग्राफर से और कुछ अपने ही फोन से लिए, वो एक फोटो मे जया के पास जाकर खड़ा हो गया मानो जया की जान निकल गई हो वो नीचे देखने लगी तो आनन्द बोला जया प्लीज एक पिक अच्छी सी ले लूं याद रहेगा की आप हमारे यहां आये थे ,जया जैसे पानी पानी हो गयी आनन्द की बात सुनकर सब हस दिये ,मामा जी ने भी सबके साथ फोटो लिये बस मामी जी को ही थोड़ा परहेज था जया के साथ फोटो लेने मे, उन्हे तो अपने बेटे का भी पल्लवी के दोस्तो के साथ फोटो लेने परेशानी थी ,पर मामा जी के सामने कुछ बोल नही सकती थी , आगे जानने के लिए बने रहिये हमारे साथ ,........ ‹ Previous Chapterमुलाकात - 3 › Next Chapter मुलाकात - 5 Download Our App