The Author Anju Kumari Follow Current Read मुलाकात - 8 By Anju Kumari Hindi Short Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books HEIRS OF HEART - 37 But Amrit's plan to keep Vikram away from Meenakshi'... HAPPINESS - 118 The fun of the journey Keep enjoying the journey. Keep enjoy... The Tracks of Desire It was past midnight at a silent, fog-laced railway station... The Early Years - 8 Part 8: The Daughter That Chose Me“Where Time Waits for No M... Disturbed - 33 Disturbed (An investigative, romantic and psychological thri... 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अभी मेरा फोकस मेरे भविष्य पर है शादी सगाई के बारे मे सोच भी नही सकता,जया रोते रोते बोली पापा को एक बार मिल लो, उन्हे और मुझे तसल्ली हो जाऐगी, शादी जब तुम चाहो कर लेना मै पापा के मना लूंगी, आनन्द पापा मेरे लिए रिश्ता देख रहे है ।और मै तुम्हारे मे उन्हे बता दूं वो आकर तुम्हारे घर वालो से बात कर लेंगे। आनन्द ने जया को जलती हुई नजरो से देखा, तुम क्या चाहती हो तुम्हारे लिए मै अपने भविष्य मे आग लगा लूं,जया ने आनन्द को बहुत समझाना चाहा ।जया ने कहा एक बार मिल लो नही तो पापा मेरे शादी कहीं और कर देगे, आनन्द की आंखो मे भविष्य उज्जवल सपना तैर रहे थे और जया को ऐसे ही रोता हुआ छोड़कर चला गया, " और अब मिला तो वो जया को सब याद आ गया ये सोचते सोचते जया कब सो गई उसकी आँख खुली तो सुबह के छ: बज चुके थे। देवेन्द्र अभी सो रहे थे वो फटाफट उठी और घर के कामो मे लग गई, सब काम खत्म करते करते सुबह के 11 बज गये थे वो अब चाय नाश्ता लेकर बैठी थी की सासू मां की एक सहेली आ गई। उनको चाय पानी देकर जया ने अपना फोन देखा । तो उसमे उसकी बहन और आनन्द और पल्लवी तीनो की मिस काॅल थी ।उसने सबसे पहले अपनी बहन से बात की,फिर उसने सोचा आज इतने दिनो बाद पल्लवी का फोन क्यो आया होगा उसने पल्लवी को भी फोन लगाया पर फोन पल्लवी ने रिसीव नही किया , शायद कहीं बिजी होगी रही सोच कर उसने दोबारा फोन नही किया ।कुछ देर बाद पल्लवी का कॉल आया पल्लवी ने कहा क्या कुछ देर के लिए मिल सकती है । कहे तो मै आ जाती हूं , जया ने कुछ सोच कर पल्लवी को घर बुला लिया वो जानती थी अपने पति का स्वभाव, पल्लवी अगले दिन शाम को आ गई, दोनो एक ही शहर मे रहते थी पर मिलना तो देर बात तक नही हो पाती थी , पल्लवी और जया एक दूसरे को मिल कर खुश तो हुई पर वो दोनो बात नही कर पा रही थी,घर मे सब लोग थे तो कुछ देर रूकने के बाद पल्लवी उसे अपने घर बुलाकर चली गई, तीन दिन बाद जया दिन मे पल्लवी के घर पहुंची। पल्लवी के घर पल्लवी के अलावा कोई नही था , पल्लवी के पति कहीं बाहर गये थे पल्लवी जया को बैठा कर पानी लायी और किसी को फोन किया ।बाहर से ही खाना भी ऑर्डर कर दिया तीन लोगो के लिए , जया को लगा पल्लवी के पति भी अनेक वाले होंगे, दोनो सहेलियां थोड़ी दूर यहां वहां घर गृहस्थी की बाते करते रही थोड़ी देर मे डोरबेल बजी पल्लवी कुछ कर रही थी तो उसने जया को बोला देख कौन आया है और दरवाजा तभी खोलना जब किसी जानती हो, जया दरवाजे पर गई और बिन दरवाजे को खोली ही आ गयी , पल्लवी ने पूछा कौन था , जया ने कहा मै नही जानती ,तो पल्लवी गई और जया को बोला आनन्द है तू कह रही है मै नही जानती हद है, जया ने कहा चल अब मै चलती हूं मुझे देर हो रही है, पल्लवी ने उसको डांटा देख मेरा दिमाग खराब मत कर । और जया को रोने आ गया ,जया ने कहा मुझे आनन्द से कोई बात नही करनी ,आनन्द ने उसे अपने पास बैठाना चाहता है उसके गले लग कर उसे बहुत कुछ बताना चाहता था , पल्लवी ने कहा तुम दोनो बाते करो मै चाय लाती हूं, पल्लवी गई तो आनन्द ने जया से कहा क्या हो गया है तुम्हे ऐसा बिहेव क्यों कर रही हो जैसे मुझे जानती तक नही,जया ने कहा मै जिस आनन्द को जानती थी , वो कब का मुझे छोड़कर चला गया है, जो मेरे सामने खड़ा है वो एक अमीर आदमी है , पल्लवी चाय ले आयी पल्लवी ने जया से कहा मै भी जानना चाहती हूं तुम ने अचानक से शादी क्यों कि और किसी को बताया तक नही, यहां तक की मुझे भी अपनी शादी की खबर तक नही दी, जया ने कहा पूछो आनन्द से कितनी बार और कैसे कैसे इसे मनाने की कोशिश की पर उस समय सिर्फ इसे अपना भविष्य ही दिखा मै तो कहीं थी ही नही इसकी लाइफ मे , तुम ने अपने जाने की तारीख तक गलत बताई थी ,तुम से बात करने के लिए कितनी परेशान थी एक बार मिलने तक का मौका नही दिया ,आज आनन्द को सब कुछ वापस चाहिए, पागलो की तरह गिड़गिड़ाई थी , अपना आत्मसम्मान ताक पर रख कर तुमसे मिलने तुम्हारे घर भी आई थी , आनन्द क्या तुम्हे तुम्हारी मम्मी ने बताया नही , कितनी बेइज्जती की थी उन्होने मेरी क्या क्या नही कहा मुझे , आवारा, तुम्हे फंसाने का आरोप तक मुझ पर लगा दिया , अब कोई फीलिंग्स नही है मुझ मे तुम्हारे लिए, आनन्द ने उसे गले लगाना चाहा , जया ने झिड़क दिया आनन्द को पर पल्लवी से मिलकर रोना आ ही गया । पल्लवी ने कहा तुम मुझे भी तो बता सकती थी ना ये सब । जया ने कहा जब आनन्द के घर गयी थी तो आंटी भी आनन्द के घर पर ही मिली थी , उन्होने तुम्हे बताने को मना किया था बोली पल्लवी की भी शादी होने वाली है उसे इस सब मे घसीटो । आनन्द ने कहा पर मम्मी या बुआ जी ने तो आज तक नही बताया तुम आयी थी मुझ से मिलने , बोला था तुम उनको कहीं मिली थी और शादी करने अपने घर जा रही थी , अब आनन्द को बहुत गुस्सा आ रहा था अपनी मां पर , बहुत देर बात करने के बाद भी आनन्द को ना जाने क्या बेचैनी थी उसने जया से कहा की तुम ठीक तो हो ना खुश तो होना क्या तुम मुझे माफ कर सकती हो, एक बात पूछूं तुमसे क्या तुम मुझ से कुछ छुपा रही हो , जया ने ना मे सिर हिलाया और पल्लवी से चलने को बोला अब चलती हूं फिर कभी मिलूंगी ये कह कर जया अपने घर के लिए निकल गई शाम के पांच बज चुके थे, धन्यवाद आप सबका इस कहानी का अगला और अन्तिम भाग जानने पढने के लिए बने रहे है ....... ‹ Previous Chapterमुलाकात - 7 Download Our App