Bejubaan - 5 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बेजुबान - 5

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बेजुबान - 5

पढ़ लेती,"वह बोला ,"मा का है
"किसी दूसरे के नाम की चिट्ठी नही पढ़नी चाहिए।"उसकी बात सुनकर वह बोली थी
"तुम मुझे दूसरा समझती हो
नही तो
फिर तुम यह क्यो कह रही हो
गलती हो गयी"शबनम कान पकड़कर माफी मांगते हुए बोली थी।
जानती हो मा ने क्या लिखा है
नही
शबनम ने गर्दन हिला कर ना कहा था
मुझे गांव गए काफी दिन हो गए हैं।इसलिए मैं ने बुलाया है"वह पत्र शबनम को देते हुए बोला
लो तुम खुद ही पढ़ लो
शबनम ने पत्र लेकर पढ़ा था।पत्र पढ़कर वह पति की तरफ देखने लगी।
"तुम्हे भी साथ चलना है,"वह बोला,"सास से तो मिलना पड़ेगा।आखिर बिना पूछे शादी कर ली है मैने
और वह गांव जाने की तैयारी में लग गया था।शबनम के लिए कपड़े और उसके पास कोई गहना भी नही था।उसने भाई बहन और । माँ के लिए भी कपडे खरीदे थे।सारी तैयारी हो जाने के बाद वह स्टेशन जाकर आरक्षण करवा आया और उसने ऑफिस में छुट्टी के लिए भी अप्लाई कर दिया था।
शबनम भी पहली बार ससुराल जा रही थी।उसे लेकर उत्साहीत थी।लेकिन मन ही मन मे डर भी रही थी।इस डर के कई कारण थे।सबसे पहला।वह गूंगी थी।सास से पहली बार मिलेगी तो वह तो कुछ कह नही पाएगी।दूसरे वह दूसरे धर्म की थी।उसने अपनी सारी शंकाएं पति को बताई थी।वह उसकी चिंता जानकर बोला
मेरी माँ जरूर नाराज होगी।लेकिन वह बुरी नही है।तुम्हे खूब प्यार करेगी।मैं हूँ तुम चिंता मत करो
उसे पति पर पूरा विश्वास था
और
ट्रेन केवल दूसरे रास्ते से ही नही आई थी।काफी लेट भी आई थी।वह बुरी तरह बोर हो गए थे।ट्रेन से उतारते ही वह पत्नी के साथ वेटिंग रूम में आ गया।जेंट्स वाले में भीड़ थी।जबकि लेडीज खाली पड़ा था।वह शबनम को लेडीज में छोड़ आया और खुद जेंटस में
मर्द जल्दी नहा लेते हैं जबकि औरतों को समय लगता है।वह जल्दी नहाकर तैयार हो गया औरफिर बाहर का नजारा देखने लगा।।वह टहल कर आया तब तक शबनम नहाकर नही आई थी।क्या हुआ?शबनम अभी तक नहाकर आयी क्यो नही।वह े। लेडीज़ वेटिंग रूम में गया।वो अब भी पहले कि तरह ही खाली था।
वेटिंग रूम के बाथरूम का दरवाजा बंद था।उसने दरवाजा पीटा
शबनम शबनम क्या कर रही ह हो
उसकी आवाज सुनकर अंदर से भी दरवाजा पीटने की आवाज आई
खोलो
वह बार बार शबनम को आवाज देकर दरवाजा खोलने को कह रहा था।पर अंदर से दरवाजा पीटा जा रहा था।तभी उसका ध्यान कुंडी पर गया था।कुंडी बाहर से बंद थी।उसने ज्यो ही दरवाजा खोला शबनम उससे लिपट कर रोने लगी
क्या हुआ
और रोते हुए उसने बलात्कार के बारे में बताया था
किसने किया यह सब।वह समझ गया कि जिसने भी किया।बाथरूम की दीवार छोटी थी।जो भी आया होगा बाहर से कुंडी लगाकर दीवार फांदकर कूदा होगा।
कौन होगा
वह बाहर आया।एक लड़का बाहर बैठा था।उसने लड़के से पूछा था।उस लड़के ने रिजर्वेशन दफ्तर की तरफ इशारा किया था।
उसने प्लेटफॉर्म पर दो तीन ट्राली वालों से बात की तो पता चला विमल नाम का क्लर्क ऐसा ही है।आये दिन ऐसी ही हरकत करता रहता है।औऱ उसके बारे में जानकर वह पत्नी को रिजर्वेशन दफ्तर में ले गया।शबनम ने जाते ही विमल को पकड़ लिया था
क्या हुआ?एक स्टाफ बोला था
इसने मेरी पत्नी के साथ।उसने पूरी घटना बताई थी।उसकी बात सुनकर वह के लीग चुप रह गए थे।तभी लेडी इंचार्ज निकल आयी
तुम्हारी बीबी कि सहमति रही होगी
आप मेरी बीबी पर इल्जाम लगा रही हो
सही कह रही हूँ।अंगद औरत कि मर्जी नही होगी तो हल्ला मचाएगी।चिल्लयेगी।तुम्हारी पत्नी क्यो नहीं चीखी
मेरी पत्नी बेजुबान है।वह बोल नही सकती,"वह बोला,"लेकिन तुम कैसी औरत हो।मुझे पता चल गया
और वह पत्नी को लेकर चला गया था