Ishq da Mara - 48 in Hindi Love Stories by shama parveen books and stories PDF | इश्क दा मारा - 48

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इश्क दा मारा - 48

तब यूवी बोलता है, "तू न ज्यादा मत सोच समझा "।

तब बंटी बोलता है, "अगर तुझे गीतिका की इतनी ही फिक्र हो रही है तो तू मीरा से क्यों नहीं पूछ लेता उसके बारे में"।

तब यूवी बोलता है, "वो घर गई है हॉस्पिटल नहीं, उसे क्या पता होगा उसके बारे में "।

तब बंटी बोलता है, "बहन तो उसी की है, उसे जरूर पता होगा, तू एक बार पूछ तो "।

तभी यूवी मीरा को कॉल करता है और गीतिका के बारे में पूछता है"।

तब मीरा बोलती है, "भाई मुझे तो अभी गीतिका के बारे में कुछ भी नहीं पता है , और मैं कितना कॉल कर रही हूं, मगर कोई कॉल भी नहीं उठा रहा है "।

तब यूवी बोलता है, "अच्छा ठीक है अगर कुछ भी पता चले तो मुझे भी बता देना "।

तब मीरा बोलती है, "अच्छा ठीक है भाई "।

उसके बाद वो फोन रख देती है।

तब बंटी बोलता है, "देख यूवी तू मुझ से कुछ भी नहीं छुपाता है, और अपनी सारी बाते मुझे बताता है, तो बता न आखिर हुआ क्या था "।

तब यूवी बोलता है, "मैं क्या बताऊं...... मैने उन गुंडों को देख लिया था और मुझे बहुत ही गुस्सा आया, और मैं गीतिका के पास गया और उस पर चिल्लाने लगा और बहुत उल्टा सीधा बोला, उसके बाद वो रोने लगी, और पता नहीं क्यों उसके रोते ही मेरा गुस्सा ठंडा हो गया और मुझे उसकी फिक्र होने लगी कि वो क्यों रो रही है, मैने उससे इतना पूछा कि क्यों रो रही हो, मगर उसने कुछ भी नहीं बताया और वहां से चली गई "।

तब बंटी बोलता है, "तू पागल है क्या, अगर तू किसी लड़की पर इतना चिल्लाएगा, तो वो रोएगी नहीं तो फिर क्या करेगी "।

तब यूवी बोलता है, "तो तू क्या बोलना चाहता है कि वो मेरी वजह से रो रही थी "।

तब बंटी बोलता है, "हा भाई हा... वो तेरी वजह से ही रो रही थी, और मुझे ये समझ में नहीं आ रहा है कि उसके रोने से तुझे कब से फर्क पड़ने लगा, इधर रानी तेरे लिए इतना परेशान रहती है, तो तू उसकी तरफ तो मूड कर भी नहीं देखता है "।

तब यूवी बोलता है, "देख मैं अभी मजाक के मूड में नहीं हूं, और पता वो बोल रही थी कि, मेरी वजह से उसके मां बाप ने उसे गांव भेजा है "।

तब बंटी बोलता है, "तेरी वजह से कैसे.... तू तो उसको जानता तक नहीं था "।

तब यूवी बोलता है, "वो जो मैने उसकी हेल्प की थी उस दिन, उस गुंडे से बचा कर "।

तभी बंटी हंसने लगता है।

तब यूवी बोलता है, "तू पागल हो गया है इतना हंस क्यों रहा है "।

तब बंटी बोलता है, "एक गुंडा दूसरे गुंडे को गुंडा बोल रहा है, भाई लगता है तेरा दिमाग खराब हो गया है, तू कैसी कैसी बाते कर रहा है "।

तब यूवी बोलता है, "मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा है, मुझे गीतिका से मिलना है और जानना है कि आखिर बात क्या है और वो ऐसा क्यों बोल रही थी कि मेरी वजह से वो गांव आई है "।

उधर गीतिका को होश आ जाता है। तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "क्या हुआ तुम बेहोश क्यों हो गई थी, किसी ने तुम्हे कुछ कहा था क्या ????

गीतिका बस देखती रहती है और कुछ भी नहीं बोलती है।

तब गीतिका के फूफा जी बोलते हैं, "क्या हुआ बेटा बताओ ????

तब गीतिका बोलती है, "मैं कहा पर हू "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "तुम हॉस्पिटल में हो "।

तब गीतिका बोलती है, "मैं यहां पर कैसे आई"।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "वो तुम बेहोश हो गई थी, तो हम तुम्हे यहां पर लाए"।

तभी डॉक्टर वहां पर आता है और बोलता है, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है, वो बस हल्का सा चक्कर आ गया था "।

तब गीतिका की बुआ जी बोलती है, "तो क्या हम इसे घर ले जा सकते हैं "।

तब डॉक्टर बोलता है, "हा..... आप इसे घर ले जा सकते हैं "।

उधर रानी यूवी के पास आती है और बोलती है, "तुम उस लड़की को कैसे जानते हो ????

तब यूवी बोलता है, "किस लड़की को ????

तब रानी बोलती है, "वही जिसे तुम गोद में ले कर जा रहे थे "।

तब यूवी बोलता है, "तुम बस अपने काम से मतलब रखो मुझ से नहीं "।

तब रानी बोलती है, "इन शहर की लड़कियों से दूर ही  रहा करो, ये अच्छी नहीं होती है "।

तभी यूवी रानी को गुस्से से देखने लगता है.........