Kaajal ek Daayan - 2 in Hindi Horror Stories by Katha kunal books and stories PDF | काजल एक डायन - 2

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काजल एक डायन - 2

तीन साल तक सब लोग काजल को भूल चुके थे। उसके बारे में अब गाँव में कोई बात भी नहीं करता था। लेकिन कहते हैं ना, डर एक ऐसी हवा है जो जब चलती है तो खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है। जिस जगह काजल को ज़िंदा जलाया गया था, वहाँ अब सिर्फ एक खंडहरनुमा झोपड़ी बची थी।


गाँव के कुछ बच्चे उस खंडहर के पास खेला करते थे। एक दिन रमन नाम का लड़का, जो उस झोपड़ी के बारे में जानता था, उसने अपने दोस्तों के मन में भी डर भर दिया कि इसी जगह काली किस्मत वाली काजल को जलाया गया था।


उसका एक दोस्त हर्ष, जो हर समय मज़ाक करता था और रोमांच के मूड में रहता था, खेलते-खेलते जानबूझकर फुटबॉल उस झोपड़ी के आगे गिरा देता है। रमन और हर्ष दोनों वहाँ जाते हैं, और हर्ष रमन को धक्का देकर झोपड़ी में गिरा देता है। सब बच्चे हँसने लगते हैं। लेकिन जैसे ही रमन उठता है, वह सामने एक अधजली लाश देखता है। वह ज़ोर से चिल्लाता है और भाग जाता है।


उसकी चीख सुनकर बाकी सब बच्चे भी डरकर वहाँ से भाग जाते हैं। गाँव के सारे माता-पिता अपने बच्चों को घर ले आते हैं और कहते हैं कि अब उस जगह कोई नहीं जाएगा। उस दिन पहली बार गाँव में फिर से "काजल" का नाम लेकर डर फैल गया।


तभी खबर आई कि पंडित जी मारे गए हैं। उनकी अधजली लाश कुएँ में मिली। पूरा गाँव समझ गया कि काजल अब वापस आ चुकी है और अब सब मारे जाएँगे।


अगले ही दिन गाँव का आधा हिस्सा अपना सामान लेकर गाँव छोड़कर चला गया। कुछ लोग वहीं रुके। सरपंच की पत्नी, जो कभी काजल को रोज़ खाना देती थी, अचानक बीमार पड़ गई। उसकी बीमारी का कारण किसी को समझ नहीं आया। सरपंच को एहसास हो गया कि अब काजल उसे मार कर ही मानेगी। वह अपनी पत्नी को नहीं बचा सका। वह पागल हो गई और आखिरकार उसने आत्महत्या कर ली।

ये सब चल क्या रहा था इसके बारे में कोई कुछ नहीं जान पा रहा था। सरपंच जी ने फिर पास के गांव से बाबा को बुलाया और बाबा ने उस गांव में आते ही बोला : यहां एक जवान लड़की की आत्मा का कहर है। या फिर एक डायन। ये सुन कर सभी ने बाबा को वो कहानी बताई जो तीन साल पहले हुई थी। बाबा समझ गए कि अब इस गांव का अंत आ चुका है शायद। बाबा ने सरपंच से कुछ पैसे लिए और एक झूठा हवन का नाटक करके बोला अब सब ठीक होगा। फिर क्या था फिर उस गयो के बच्चों की लाशें मिलने लगी और फिर धीरे धीरे सारा गांव खाली होने लगा। वो बाबा चालक था जो पैसे ले गया और खुद बचाव भी कर गया। और वहां सभी लोग चले गए और गांव एक सुनसान बन गया वहां काजल की चीखों की आवाज थी बस बाकी सारा गांव खाली ही था।


अब वह गाँव एक खंडहर बन चुका है। वहाँ अब सिर्फ काजल का डर ही बचा है—और कुछ नहीं।



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