The journey of life..... in Hindi Motivational Stories by suhail ansari books and stories PDF | जिंदगी का सफर.....

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जिंदगी का सफर.....

             **ज़िंदगी का सफर:

      हिमाचल प्रदेश के शिमला से थोड़ा दूर, एक छोटा-सा गाँव, कुफरी  ......

     ***कहानी की शुरुआत**  कुफरी की ठंडी हवाओं में सेब के बागों की खुशबू बिखरी हुई थी। विक्रम सुबह-सुबह अपने बाग में मज़दूरों को सेब तोड़ने के निर्देश दे रहा था। उसका सपना था कि इस साल उसकी फसल शिमला के बाज़ार में सबसे अच्छी कीमत पर बिके। लेकिन उसकी ज़िद्दी और सख्त स्वभाव की वजह से मज़दूरों में नाराज़गी थी।

   सुमन, जो गाँव के स्कूल में टीचर थी, बच्चों को पढ़ाने के बाद घर लौटी और विक्रम से कहा, "तुम मज़दूरों से थोड़ा नरमी से पेश आया करो। सब तुम्हें सख्त समझते हैं।" विक्रम ने जवाब दिया, "सुमन, मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता। मुझे अपने बाग को बचाना है।"

   आरव, जो हाल ही में बारहवीं पास करके दिल्ली के कॉलेज में दाखिला लेने की सोच रहा था, अपने कमरे में गिटार बजा रहा था। उसे गाँव की एकरस ज़िंदगी से नफरत थी। उसने सुमन से कहा, "मम्मी, मैं दिल्ली जाकर म्यूज़िक में करियर बनाना चाहता हूँ। पापा मुझे बाग में काम करने को कहते हैं, लेकिन मुझे ये सब नहीं करना।" सुमन ने उसे समझाया, "आरव, पापा की अपनी चिंताएँ हैं। उनके साथ बैठकर बात करो।"

    काव्या स्कूल की छुट्टियों में अपने दोस्तों के साथ सेब के बाग में खेल रही थी। उसे गाँव की खूबसूरती पसंद थी, लेकिन वो बाहर की दुनिया देखना चाहती थी। उसने दादी माँ से पूछा, "दादी, आपने कभी गाँव छोड़कर कहीं और जाने की सोची?" दादी माँ ने मुस्कुराकर जवाब दिया, "बेटी, मेरा सफर इन पहाड़ों में ही पूरा हुआ। लेकिन तुम्हारे लिए दुनिया बहुत बड़ी है।"**

   राहुल और माया का आगमन**  राहुल, जो कुफरी में ट्रैकिंग गाइड का काम करता था, अपने भाई विक्रम से मिलने आया। वो अपनी ज़िंदगी से हारा हुआ था—पर्यटकों की भीड़ और कमाई की चिंता ने उसे थका दिया था। उसके साथ थी माया, जो हिमाचल की एक मशहूर लोक गायिका थी। माया की आवाज़ में पहाड़ों की सादगी और दर्द झलकता था। उसने राहुल से कहा, "राहुल, तुम्हें अपनी ज़िंदगी को फिर से जीना सीखना होगा। मेरे गीतों ने मुझे दर्द से बाहर निकाला, तुम भी कुछ नया करो।"

   माया की बातों ने राहुल को सोचने पर मजबूर कर दिया। उसने विक्रम से कहा, "भैया, मैं ट्रैकिंग का काम छोड़ना चाहता हूँ। मैं माया के साथ मिलकर एक म्यूज़िक और ट्रैकिंग टूर शुरू करना चाहता हूँ।" विक्रम को ये बात पसंद नहीं आई। उसने कहा, "रध्ये, ये सब सपने हैं। असली ज़िंदगी मेहनत मांगती है, गीत गाने से कुछ नहीं होगा।"**

   ज़िंदगी के टकराव और गहराई**  एक दिन, सुमन ने देखा कि आरव चुपके से गाँव के एक पुराने मंदिर में माया से गायन सीख रहा था। सुमन को गुस्सा आया, और उसने विक्रम को बताया। विक्रम ने आरव को डांटते हुए कहा, "ये सब बेकार की चीज़ें छोड़ दो। बाग में मेरे साथ काम करो, या दिल्ली जाकर इंजीनियरिंग करो।" आरव ने जवाब दिया, "पापा, आपने कभी मेरे सपनों की कद्र नहीं की। मैं गायन में ही करियर बनाऊँगा।" बात इतनी बढ़ गई कि आरव ने घर छोड़ने की धमकी दे दी।काव्या, जो अपने भाई को बहुत प्यार करती थी, ने उसे रोकने की कोशिश की। उसने कहा, "भैया, पापा को समझने का मौका दो। वो तुमसे बहुत प्यार करते हैं।" लेकिन आरव गुस्से में बाग की ओर निकल गया।

   इधर, राहुल और माया ने मिलकर एक छोटा-सा म्यूज़िक इवेंट गाँव में आयोजित किया, जिसमें माया ने हिमाचली लोक गीत गाए। गाँव वाले मंत्रमुग्ध हो गए। दादी माँ ने माया की तारीफ की और कहा, "बेटी, तुम्हारी आवाज़ में पहाड़ों की आत्मा बसती है।" लेकिन विक्रम को ये सब बेकार लगा। उसने राहुल से कहा, "तुम मेरे बच्चों को गलत रास्ते पर ले जा रहे हो।"**

   अनपेक्षित ट्विस्ट: तूफान और तबाही**  एक रात, कुफरी में अचानक तेज़ तूफान आया। बारिश और हवाओं ने सेब के बाग को तहस-नहस कर दिया। विक्रम का सारा बाग तबाह हो गया। मज़दूरों ने काम छोड़ दिया, और विक्रम टूट गया। वो रात भर बाग में बैठकर रोता रहा। सुमन ने उसे सांत्वना दी, "विक्रम, ये तूफान हमारी मेहनत को ले गया, लेकिन हमारा परिवार अभी बचा है।"इस तूफान ने सबके जीवन को बदल दिया। आरव, जो गुस्से में घर से निकला था, तूफान में फँस गया। राहुल और माया ने मिलकर उसे ढूंढा और सुरक्षित घर लाए। इस घटना ने विक्रम को झकझोर दिया। उसने आरव को गले लगाकर कहा, "बेटा, मैंने तुम्हें खोने की गलती कर दी। अब तुम जो चाहते हो, वही करो।"*

   *नया मोड़ और एकजुटता**  तूफान के बाद, माया ने गाँव वालों को एकजुट किया। उसने अपने गीतों के ज़रिए एक चैरिटी कॉन्सर्ट आयोजित किया, जिसमें शिमला से लोग आए। इस कॉन्सर्ट से जुटाए गए पैसों से विक्रम के बाग को फिर से खड़ा करने में मदद मिली। राहुल ने माया के साथ मिलकर म्यूज़िक और ट्रैकिंग टूर शुरू किया, जो पर्यटकों में मशहूर हो गया।

   आरव ने दिल्ली जाकर म्यूज़िक की पढ़ाई शुरू की, लेकिन उसने वादा किया कि वो गाँव की संस्कृति को अपने गीतों में ज़िंदा रखेगा। काव्या ने अपने स्कूल में एक नाटक आयोजित किया, जिसमें उसने हिमाचल की खूबसूरती और तूफान से उबरने की कहानी दिखाई। दादी माँ ने सबको आशीर्वाद दिया और कहा, "ज़िंदगी का सफर तूफानों से भरा है, लेकिन प्यार और हिम्मत से हर मंज़िल पाई जा सकतीहै

   लेखक! सुहेल अंसारी। सनम

   @9899602770

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