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वो लड़की के पास बैठा उसका सर सहला रहा था । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे ।
" मैंने कहा था ना तुमसे कि ये सब अभी ठीक नहीं ! तौ क्यो नही मानी तुम ? "
" जानती हूं मेरी गलती है ! और मैं इस गलती को सुधार भी लुंगी ! " लड़की ने खोए हुए स्वर में कहा
" कैसे ? " लड़के ने आंखें सिकोड़ कर कहा
" मैं अबोर्शन करवा लुंगी !!! " लड़की ने लड़के कि आंखों में देखते हुए कहा
" क्या !!! " लड़का हैरानी से चीखा
तभी एक नर्स अंदर आई और वो दोनों लोगों को शांत रहने का बोल कर चली गई ।
" इस में इतना हैरान होने वाली कौन सी बात है । दुनिया कराती है अबोर्शन और हम तो ये बच्चा चाहते भी नहीं ना ! " लड़की ने कहा
" मगर ! "
" मगर क्या ? क्या तुम चाहते हो कि मैं इस बच्चे को जन्म दूं ! अगर ऐसा है तो मैं ऐसा नहीं करने वाली । "
" और वो क्यो ? " लड़के ने जहर बुझी आवाज में लड़की से पुछा
" क्यो ? क्योंकि हम इसे पालेंगे कैसे ! अभी मेरे इक्जाम रहते हैं और तुम्हारी तो बस अभी अभी जॉब लगी है । हम एक बच्चे कि जिम्मेदारी कैसे उठाएंगे ? " लड़की ने परेशानी से कहा
देखा जाए तो लड़की बात सही भी थी मगर इन सब के बारे में तो उन्हें करीब आने से पहले सोचना था ना । अब जब उन्होंने गलती करी है तो फल को भोगने से पीछे हट रहे हैं । यही है आजकल का युवा । पहले तो जवानी के जोश में हदें पार करते हैं फिर जब परिणाम सामने आता है तो भागने लगते हैं ।
दोनो अब इस बारे में कोई बात नहीं करते और हॉस्पिटल से निकल जाते हैं । कार में पुरे वक्त शांती छाई रही थी ।
लड़के ने लड़की को उसके फ्लैट पर छोड़ा फिर वो अपने फ्लैट कि तरफ बढ़ गया । उसके दिमाग में लड़की कि बाते घूम रही थी ।
वो परेशान हो गया था । अब उसे खुद पर ही गुस्सा आने लगा था । उसने सड़क से जरा हटकर एक साईड पर गाड़ी रोकी और जल्दी से बाहर निकला।
बाहर निकलते ही वो काफी जोर से चीखा । इतना कि सड़क पर जाने वाली गाड़ियों के लोग अब रूक कर उसे अजीब नज़रों से देख रहे थे ।
लड़के परेशानी से अपना सर पकड़ लिया ।
" क्या करूं मैं ? " वो खुद से ही बोला ।
" पहले तो शांत हो जाओ ! "
पीछे से ऐक स्वर उभरा । लड़का पलटा तो एक छोटा सा लड़का जो लगभग पांच साल का होगा वो खडा था । उसने अपने हाथ में एक सॉफ्ट टॉय पकड रखा था । सर पर एक पिंक कलर कि कैंप लगा रखी थी और पिंक कलर कि शर्ट और पैंट पहनी थी ।
बच्चा चलते हुए उसके पास आया और उसकी उंगली पकड़ के खड़ा हो गया ।
लड़के ने पहले बच्चे को देखा फिर अपनी उंगली को । एक अलग से एहसास ने उसे घेर लिया था । उसने अपनी आंखे बंद कर ली और उसे याद आया कि डॉ ने कहा था कि आप बाप बनने वाले हैं !
तभी उसने अपनी आंखे खोल दी ।
" तुम परेशान क्यो हो ? " बच्चे ने अपनी टिमटिमाती आंखों से उसकी तरफ देखते हुए पुछा
" कुछ नहीं ! "
" तो तुम चीखें क्यो ? "
" बच्चे ...तुम यहां अकेले क्या कर रहे हो ? मम्मी पापा कहा है तुम्हारे ? " लड़के ने सख्ती से बच्चे से पुछा ।
ये बात सुनकर बच्चे का चेहरा मुरझा गया । लड़के ने जब ये देखा तो उसे लगा कि उसने जरा सख्ती से बात करी है । आखिर ये है तो एक छोटा सा बच्चा ही । वो बच्चे के सामने घुटनों के बल बैठ गया ।
उसने बच्चे के सर पर हाथ रखा और प्यार से पुछा " तुम यहां अकेले क्या कर रहे हो ? "
लड़के नै जैसे ही बच्चे के पर पर हाथ रखा बच्चे का चेहरा खिल उठा मगर उसके सवाल से बच्चा मायूस हो गया
।
" मेरे मम्मी पापा मुझे से प्यार नहीं करते ! वो मुझे मारना चाहते हैं ! " बच्चे ने ने मुंह लटका कर बोला।
बच्चे की बात सुनते ही लड़के के जबड़े कस गए और वो गुस्से से उठ बैठा ।
" कौन है वो लोग ? और कहा है ? " लड़का लगभग दहाड़ा ।
" तुम क्यो गुस्सा कर रहे...तुम भी तो अपने बच्चे से प्यार नहीं करते ! " बच्चे ने लड़के को घूरते हुए कहा
लड़का हैरानी हो गया कि इस बच्चे को कैसे पता कि वो बाप बनने वाले हैं । और वो बच्चा नहीं चाहता ।
वो एकदम शांत पड़ गया था । और किसी सोच में गुम हो गया ।
वो बच्चा ! वो मेरा है । मैं उसका बाप हूं । तो इस नाते वो और उसी मां मेरी जिम्मेदारी है ! मैं ऐसे कैसे अपने बच्चे को जाने दे सकता हूं । क्या अबोर्शन करवा कर मैं इस बच्चे के बाप जैसा नहीं हो जाउंगी!!! नहीं ! कोई अबोर्शन नही होगा ।
लड़के ने मन ही मन खान लिया था कि वो बच्चे को पालेगा । आखिर वो उसकी औलाद है ।
तभी उसे उस बच्चे का ख्याल आया वो पलटा तो उसे दूर दूर तक सड़क पर कोई नहीं दिखा । लड़का हैरानी हो गया । मतलब अभी तो यही था वो बच्चा...इतनी जल्दी कहां गया ।
हवा सांए सांए कर गुजर रही थी और अब रात हो चुकी थी तो अंधेरा भी हो गया था। वो अपनी कार कि तरफ बढ़ा और बैठकर उसने कार अपनी प्रेमिका के फ्लैट कि तरफ मोड़ दी ।
क्रमशः
इस भाग में इतना ही मिलते हैं अगले भाग के साथ । कहानी थोड़ी अलग है । देखते है आगे क्या होता है ।