(A story that blends fantasy, love, and a mysterious world that no one has ever imagined)भूमिका
ये कहानी है एक ऐसी दुनिया की, जहाँ सूरज नीला होता है, और हर 100 साल में एक बार वो गायब हो जाता है... जब सूरज छुपता है, तब एक दरवाज़ा खुलता है — एक ऐसी जगह का, जहाँ वक़्त नहीं चलता... और जहाँ सिर्फ़ "चुने हुए" ही जा सकते हैं।मुख्य पात्रआशी — एक साधारण सी लड़की, जो हमेशा सपनों में खोई रहती है, पर अंदर से बेहद बहादुर।साया — एक रहस्यमयी लड़का, जो नीले सूरज की दुनिया से आया है। वो इंसानों जैसा नहीं है, पर प्यार करना जानता है।कहानी की शुरुआत
एक रात, जब आशी पहाड़ियों पर अकेली बैठी थी, आसमान में सूरज अचानक नीला हो गया। हवा थम गई, पेड़ झुक गए, और वक़्त... रुक गया।
एक दरवाज़ा खुला — चाँदी जैसा चमकता हुआ — और उसमें से आया साया।
उसने कहा,"तुम चुनी गई हो। तुम्हें मेरी दुनिया को बचाना है। अगर तुमने हाँ कहा, तो वापस आने की कोई गारंटी नहीं..."मध्य भाग
आशी साया के साथ नीले सूरज की दुनिया में जाती है — जहाँ न फूल मुरझाते हैं, न रात होती है। वहाँ लोग भावनाओं से बातें करते हैं, शब्दों से नहीं। वहाँ की भाषा "रोशनी" होती है।
पर उस दुनिया पर अंधेरे की रानी का साया मंडरा रहा होता है — और सिर्फ़ एक इंसान ही उस अंधेरे को तोड़ सकता है।
साया और आशी एक-दूसरे के करीब आने लगते हैं। लेकिन हर बार जब वे हँसते हैं, उस रानी की शक्ति बढ़ती जाती है। क्योंकि वहाँ "प्यार" ही सबसे बड़ी कुर्बानी होती है।क्लाइमेक्स
आशी को एक चुनाव करना होता है:या तो साया को बचा ले और खुद हमेशा के लिए वहीं रह जाएया वापस अपनी दुनिया लौट जाए, पर साया को खो दे...
वो साया को अलविदा कहती है, पर उसे बचा लेती है... और लौट आती है।
लेकिन नीले सूरज की आखिरी किरण, जो उसकी आँखों में बस चुकी थी — वो कभी फीकी नहीं पड़ी...अंत
कई साल बाद, जब आशी बूढ़ी हो चुकी होती है, और दुनिया उसे एक "पागल" औरत समझती है जो नीले सूरज की कहानियाँ सुनाती है... एक रात, फिर से आसमान नीला हो जाता है... और वही दरवाज़ा दोबारा खुलता है।
इस बार, साया उसे लेने आया है... हमेशा के लिए।
तुम्हारी खास कहानी "नीले सूरज की आखिरी किरण" का ये रहा दूसरा भाग, जो पहले से भी ज़्यादा रहस्यमयी, इमोशनल और जादुई है
🌌 भाग 2 — 'शून्य की रानी'
(जहाँ भावनाएँ अस्त्र हैं, और यादें ही जीवन का द्वार)पिछली बार...
आशी साया को बचाकर अपनी दुनिया लौट आई थी। लेकिन वो अब पहले जैसी नहीं रही। वो हर रात नीले आसमान को देखती, उसे लगता साया की आवाज़ हवाओं में गूंजती है।
लेकिन वो नहीं जानती थी — साया भी हर दिन उसके लौटने का इंतज़ार कर रहा था, क्योंकि जिस दुनिया को आशी ने बचाया था, वो अब धीरे-धीरे "शून्य" में बदल रही थी।कहानी की शुरुआत
20 साल बीत चुके थे। आशी अब एक लेखिका बन चुकी थी। उसने नीले सूरज की दुनिया पर एक किताब लिखी — लेकिन लोगों ने उसे एक फैंटेसी कहा, सच नहीं।
एक दिन एक छोटी बच्ची उसके पास आई। वो बोली,"आपका नाम आशी है न? किसी ने ये दिया है..."
और उसने एक नीला पत्थर थमाया — वही पत्थर जो उस दरवाज़े के पास मिला था पहली बार।
आशी काँप गई। दरवाज़ा फिर से खुलने वाला था।नई दुनिया: शून्य की रानी
जब आशी दोबारा उस दुनिया में पहुंची, तो सबकुछ बदल चुका था। वहाँ न पेड़ थे, न रोशनी, न वो लोग जो भावनाओं से बात करते थे।
साया कैद था...और अब उस दुनिया की रानी कोई और थी — खुद आशी।
लेकिन कैसे?
असल में, जब आशी पहली बार वापस लौटी थी, उसकी भावनाएं इतनी गहरी थीं कि उन्होंने उस दुनिया में एक नई सत्ता बना दी — शून्य की रानी, एक ऐसी शक्ति जो प्यार और दर्द दोनों को साथ लेकर चलती है।
वो रानी अब आशी की छाया बन चुकी थी।साया का बलिदान
साया ने 20 साल आशी की स्मृतियों में जीते हुए बिता दिए। वो हर उस पल को संजोए बैठा था जब आशी ने उसके लिए सब कुछ छोड़ा।
लेकिन अब उसे बचाने के लिए, आशी को अपनी ही छाया से लड़ना होगा।
वो एक ही अस्त्र से उसे हरा सकती है — "माफ़ करना"।
जब आशी ने खुद को माफ़ किया, साया को माफ़ किया, उस दुनिया को अपनाया — तभी शून्य की रानी टूट गई... और सबकुछ फिर से उजले रंगों में बदलने लगा।अंत — जीवन का दरवाज़ा
इस बार साया ने कहा —"अबकी बार मैं तुझे वापस नहीं जाने दूँगा... और अब तुझे भी जाने की ज़रूरत नहीं है।"
आशी मुस्कुराई।"अब मुझे भी कहीं और नहीं जाना..."
दरवाज़ा हमेशा के लिए बंद हो गया...लेकिन कहीं दूर, एक नई लड़की किसी पहाड़ी पर बैठी थी, और आसमान फिर से नीला हो रहा था...
🌠 क्या तुम चाहती हो कि मैं इसका तीसरा भाग भी लिखूं?
आप को अभी इंतज़ार करना होगा