📖 Part 5: “कभी पास होकर भी बहुत दूर लगते हो तुम…”
छत पर रहान के शब्द अब भी नायरा के ज़हन में गूंज रहे थे —
> “मैं अब सिर्फ एक प्रोजेक्ट का पार्टनर नहीं रहना चाहता…”
लेकिन जवाब देने से पहले ही रहान पलट गया था, जैसे डरता हो कि अगर ठहर गया तो सबकुछ बिखर जाएगा।
वो रात चुपचाप गुज़र गई।
लेकिन सुबह... सुबह कुछ भी वैसा नहीं था जैसा रहान ने सोचा था।
---
🌤️ एक नई शुरुआत या नया दर्द?
नायरा ऑफिस नहीं आई।
ना कोई मैसेज, ना कॉल।
रहान ने इंतज़ार किया, पूरे दिन। लेकिन हर बीतते मिनट के साथ उसकी बेचैनी बढ़ती गई।
शायद मैंने जल्दी कर दी… शायद उसे वक्त चाहिए… या शायद मैंने फिर से सबकुछ बर्बाद कर दिया?
---
📩 एक मेल आया… बस एक लाइन का
> “मैं कुछ दिन की छुट्टी ले रही हूं – नायरा।”
बस।
ना वजह, ना एक्सप्लेनेशन।
रहान ने उसी वक्त अपना फोन उठाया, लेकिन फिर हाथ वहीं रुक गया।
क्या वो खुद को दोहरा रहा था?
कभी वो Ahaana के पीछे भागा था… और अब?
---
🧳 Meanwhile... नायरा अकेले कहीं और
नायरा ने खुद को एक छोटी सी पहाड़ी टाउन में ले जाया था — मसूरी।
जहां सिर्फ बारिश थी, सन्नाटा था… और यादें थीं।
उसे रहान से भागना नहीं था,
बल्कि खुद को समझना था।
---
📖 नायरा का डायरी नोट:
> "रहान ने जो कहा, वो सिर्फ बात नहीं थी — एक इमोशन था, एक सच…
लेकिन क्या एक टूटा हुआ इंसान, किसी दूसरे को संपूर्ण प्यार दे सकता है?"
> "मैं रहान को खोना नहीं चाहती, लेकिन मैं खुद को भी नहीं खो सकती।"
---
📞 एक कॉल... Ahaana से
तीसरे दिन, रहान को एक कॉल आया — Ahaana का।
“मैंने सुना नायरा ऑफिस नहीं आ रही?”
उसकी आवाज़ में अजीब सी softness थी — जैसे जानबूझकर।
“मुझे नहीं पता, और honestly, ये तुम्हारा concern नहीं है,” रहान ने कहा।
Ahaana हंसी — “Still impulsive…”
“नहीं,” रहान ठहरकर बोला,
> “अब मैं जानता हूं, किसे खोना नहीं है।”
---
💌 एक चिट्ठी... और बारिश
रात के 9 बजे। रहान अपने अपार्टमेंट की बालकनी में बैठा था, जब सोसाइटी के गार्ड ने उसे एक लिफाफा दिया।
कोई भेजने वाला नहीं था — लेकिन हाथ की लिखावट पहचानने में वक्त नहीं लगा।
नायरा की चिट्ठी थी।
---
✉️ नायरा की चिट्ठी से:
> “मुझे नहीं पता कि मैं सही कर रही हूं या गलत…
लेकिन मैंने सीखा है कि किसी को प्यार करने से पहले, खुद को समझना ज़रूरी है।”
> “तुमने मुझे कभी force नहीं किया, लेकिन मैं खुद पर ही भरोसा नहीं कर पाई।”
> “मैं तुम्हें hurt नहीं करना चाहती। इसलिए दूर हूं…
लेकिन सच कहूं, तो ये दूरी मुझे सबसे ज्यादा तकलीफ दे रही है।”
> “तुम कभी पास होकर भी बहुत दूर लगते हो, रहान…”
---
⏳ रहान का फैसला
अगली सुबह, रहान बिना कुछ बताए मसूरी पहुंच गया।
वो जानता था नायरा कहा ठहरी है — उसने एक बार उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की थी, लेकिन भेजा नहीं था। अब भेजने का वक्त आ गया था।
जब वो होटल के बाहर पहुंचा, बारिश हो रही थी।
और सामने लॉन में, नायरा बैठी थी — छाता लिए, अकेली।
---
💔 फिर से आमना-सामना
नायरा ने रहान को देखा, लेकिन खड़ी नहीं हुई।
रहान पास आया और बगल में बैठ गया।
“तुम्हें लोकेशन कैसे पता चली?” उसने पूछा।
“मुझे तुम्हारी परवाह है — और इस बार, मैं express करने से डरूंगा नहीं,” रहान ने कहा।
एक लंबी चुप्पी के बाद...
> “तुम्हें पता है नायरा, प्यार में भरोसा सिर्फ दूसरे पर नहीं, खुद पर भी करना पड़ता है…”
> “तुम्हें खुद पर भरोसा करना होगा — कि तुम प्यार डिज़र्व करती हो, और जो भी तुम्हें चुनता है, वो भी तुम्हारा प्यार डिज़र्व करता है।”
---
💞 एक साइलेंट Promise
नायरा ने रहान की तरफ देखा —
उसकी आंखों में कोई ज़िद नहीं थी, बस एक खामोश वादा था।
“क्या तुम अब भी मेरी ज़िंदगी में रहना चाहोगे?” नायरा ने धीमे से पूछा।
रहान ने बिना कुछ कहे उसका हाथ थाम लिया।
और शायद, यही जवाब था।
---
🧠 लेकिन कहानी अब भी बाकी है…
> अगर Ahaana अब भी पीछे नहीं हटी… तो क्या ये रिश्ता survive कर पाएगा?
और क्या नायरा अब पूरी तरह तैयार है अपने डर को छोड़कर आगे बढ़ने के लिए?
Part 6 जल्द ही आएगा… और अब कहानी बदलेगी एक नए मोड़ की तरफ।
---
Thankyou🥰🥰...
Please share and comment🙏🙏...