“प्यार अब भी है…. बस शक्ल बदल गई है”
(जब एक बच्ची ने मुझसे पूछा -- क्या श्रिनिका दीदी भगवान बन गईं?)
"कुछ लोग मरकर नहीं जाते,
वो हवा बनकर सांसों में बस जाते हैं"
"वो हमेशा साथ तो नहीं रहते,
कुछ लोग उनकी यादों में जी जाते हैं"
स्थान--
Shrinika Smiles NGO -- बच्चों का कमरा, दीवारों पर रंग-बिरंगे चित्र, कोने में श्रिनिका की तस्वीर, और सामने बैठी थी एक नन्ही बच्ची -- “मायरा”।
उस दिन मैं बस एक विज़िट पर आया था।
बच्चों को कहानियाँ सुना रहा था -- वही जो मैं और श्रिनिका मिलकर सुनाया करते थे।
अचानक, मायरा ने मेरी उंगली पकड़कर पूछा --
"भईया, वो जो तस्वीर वाली दीदी हैं.… वो अब भगवान बन गईं क्या?"
मैं चौंक गया।
गले में कुछ फंसा।
शब्द थम गए।
लेकिन उसकी मासूम आंखें जवाब चाहती थीं।
मैंने घुटनों के बल बैठकर उसके सामने देखा….
हाथ में उसकी नन्ही हथेली ली.… और कहा --
"हाँ बेटा.… वो भगवान बन गई हैं।
लेकिन ज़रा अलग सी।"
"वो भगवान जैसी हैं जो ज़मीन पर रहती हैं।
जब भी तुम्हारे पास कोई आंसू आएगा,
वो चुपके से तुम्हारे गाल से उसे पोंछ देगी।
जब भी तुम डरोगी, वो तुम्हारी पीठ थपथपाएगी।
और जब भी तुम मुस्कुराओगी, वो तुम्हारी मुस्कान में मुस्कुराएगी।"
मायरा ने आश्चर्य से मेरी ओर देखा और पूछा --
"पर दिखेंगी कैसे?"
मैंने उसकी उंगली उठाई और पास रखी एक रंगीन पेंटिंग की ओर इशारा किया --
जिसमें एक लड़की और बहुत सारे बच्चे हँसते हुए पेड़ के नीचे किताबें पढ़ रहे थे।
"वो वहाँ हैं….
इस रंग में, इस पेंसिल में, इस हँसी में।
और सबसे ज़्यादा, तुम सबके दिल में।
वो तुम्हारे अंदर रह गई हैं।"
मायरा थोड़ी देर चुप रही….
फिर बोली --
"तो जब मैं बड़ी होकर किसी को पढ़ाऊँगी….
तो क्या वो दीदी मुझमें भी होंगी?"
मैं मुस्कुरा दिया।
आँखें भीग गईं, पर हौसला नहीं टूटा।
"हाँ, बिल्कुल।
और तब कोई और बच्चा तुम्हें देखेगा और कहेगा --
‘ये हमारी श्रिनिका दीदी जैसी है।’" 🌸
उस दिन के बाद….
मायरा ने श्रिनिका की तस्वीर के नीचे एक छोटा सा कार्ड चिपकाया --
“मेरे अंदर रहने वाली दीदी के लिए -- मैं हमेशा मुस्कराऊँगी।”
प्यार अब भी है….
श्रिनिका अब शारीरिक रूप से नहीं है….
पर उसकी मोहब्बत अब बच्चों की आँखों में चमकती है,
उनकी आवाज़ों में गूंजती है,
और हर मुस्कान में जीती है।
वो अब शक्ल बदल चुकी है --
कभी किसी किताब के पहले पन्ने में,
कभी किसी छोटे बच्चे की आँखों में,
कभी मेरी साँसों में --
और हर जगह, जहाँ मोहब्बत ज़िंदा है।
मैंने उसके हर अहसास हर ख़्वाब को ज़िंदा रखा है,
मुझे हर बच्चे में उसका ख्वाब नज़र आता हैं
मैंने अपनी जिंदगी को उसका सपना बना दिया।
आज वो मेरी सांसों में जिंदा हैं मेरी हर धड़कन में सिर्फ
मेरी जान श्रीनिका रहती हैं। कभी कभी मन उदास हो जाता हैं तो उसकी तस्वीर को देखकर रो लेता हूं और उससे कहता हूं कि देखो जान मै तुम्हे बहुत प्यार करता हूँ तुम्हे हर पल याद करता हूं सिर्फ तुम्हारे लिए जीता हूँ।
जान तुम्हारी डायरी को अपने सीने से लगा कर रखता हूं
और खुद को बहुत ज्यादा असफल महसूस करता हूं कि मैं तुम्हे बचा नहीं पाया, तुम दर्द सह रही थीं और मैं कुछ कर भी नहीं पाया।
श्रीनिका तुम आज भी मेरी सांसों में जिंदा हो, मै तुम्हारा
हर ख़्वाब पूरा करूंगा। I love you Jaan ❤️