जैसे ही इशांक मॉल में पहुंचा सभी स्टाफ बाकी दूसरे कस्टमर को छोड़कर जाकर सीधे उसके पास खड़े हो गए ।।
इशांक शहर का जाना माना नाम था।। साथ ही उस माल का मैनेजर भी आकर अपने हाथों को जोड़े हुए इशांक के सामने खड़ा हो गया।
इशांक ने उन सभी की तरफ देखा और फिर मैनेजर की तरफ देखते हुए कहा ....कियारा मैम को सबसे अच्छे और ब्रांडेड कपड़े दिखाओ
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जी सर आपने कहा होता तो हम डिजाइनर कपड़ों के साथ स्टाफ को घर पर ही भेज दिए होते।। आपके यहां पर आने की तकलीफ नहीं होती।।।मैनेजर पूरी चापलूसी कर रहा था।।
इट्स ओके ,अब मैम को कपड़े दिखाओ।।।
मैनेजर कियारा के सामने आ गया और अपने हाथों को बांधते हुए बोला..... मैम मैं किस तरह के कपड़े आपको चाहिए ।।
कैसे भी??? कियारा कह रही थी जब इशांक ने हलका सा उसका हाथ पकड़ा और कस के दबा दिया।।।
कियारा के दर्द के मारे आंखें लाल हो गई।। लेकिन उसने कुछ नहीं कहा और मैनेजर की तरफ देखते हुए हल्के से मुस्कुराते हुए कहा..... सबसे अच्छा ब्रांडेड कपड़े ।।
जी मैंम... मैनेजर ने कहा और अपने एक सबसे अच्छे स्टाफ की तरफ इशारा किया तो वह कियारा को दूसरे साइड ले गया।। इधर मैनेजर ने इशांक को एक रूम में ठहरा दिया और उसके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था कर दी।।।
लगभग एक से डेढ़ घंटे हो चुके थे और अब तक में कियारा लगभग 50 सूट ड्रेस को इशांक को कोई चेंज करके दिखा चुकी थी लेकिन इंसाक को उनमें से एक भी पसंद नहीं आ रहा था ।।
रीजन यह था कि अभी कुछ दिनों में इशांक की एक बेहद ग्रैंड पार्टी होने वाले थे ।।।जिसमें वह कियारा को सबसे इंट्रोड्यूस करवाना चाहता था ।।इसके लिए सबसे जरूरी था कि वह उसे बेस्ट ड्रेस दिलाएं ।।उसे कियारा के कंफर्टेबल से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था और यह भी नहीं दिखाई दे रहा था कि कॉलेज से कियारा अभी थकी हरी है और ऐसे टाइम पर लगभग डेढ़ घंटे से ऊपर हो चुके थे ।।।
लेकिन उसने अभी तक एक भी ड्रेस सेलेक्ट नहीं की थी।।।
कियारा का सर लगभग बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था।।। लेकिन वह जानती थी कि इस इंसान को उसकी कोई परवाह नहीं है ।।
ईशाक को बस एक अच्छे ड्रेस मतलब है जो की पूरी पार्टी में उसकी इज्जत को बनाकर रख सके और कियारा को वहां पर सबसे खूबसूरत दिखा सके।।।।।।।
इस बार कियारा एक हल्की सी रेड ड्रेस पहन कर आई जो कि उसकी बॉडी से पूरी तरीके से चिपकी हुई थी और वह लगभग बहुत ही ज्यादा शॉर्ट थी।। वह घुटनों से बहुत ही ज्यादा ऊपर तक आती थी।। इतना ज्यादा ऊपर तक आती थी कि कियारा उसमें कंफर्टेबल तरीके से बैठ भी ना सके अपने पैरों को एक के ऊपर एक रख करके।।
वह किसी तरीके से उसे ड्रेस को घसीटते हुए नीचे करते हुए जाकर इशांक के सामने खड़ी हो गई ।।
इशांक ने ड्रिंक हाथों में लिया और उसे पीने ही वाला था जब अचानक उसकी नजर कियारा पर पड़ी और उसके चेहरे पर एक डेविड स्माइल आ गई ।।उसने ड्रिंक का गिलास वापस मेज पर रखा और बड़ी ही मदहोशी चाल के साथ चलते हुए कियारा के पास आकर खड़ा हो गया ।।
कियारा जानती थी कि डेढ़ घंटे में इशांके बैठा बस ड्रिंक ही कर रहा था ।।ड्रिंक उसकी कमजोरी थी और वह लगभग बहुत ही ज्यादा ड्रिंक करता था।।।। वह ड्रिंक करें या कुछ भी करें इससे कियारा को कोई फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि वैसे भी वह इंसान किसी प्यार नहीं करती थी ।।
लेकिन अभी वह जिस कपड़ों में इशांक के सामने खड़ी थी।। उसे बहुत ही ज्यादा अनकंफरटेबल फील हो रहा था और ऊपर से एक अजीब सा ही माहौल हो गया था और उसे थोड़ा सा डर भी लगने लगा था...।।,