Jalta Ishq - 8 in Hindi Love Stories by soni yadav books and stories PDF | जलता इश्क - 8

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जलता इश्क - 8

रूद्र ने अपनी आंखें बंद कर ली और एक गहरी सांस ली "अबीर चैतन्य"

और उसके बाद रुद्र पलट गया और उसने अपने सामने की तरफ देखा तो वही शख्स था जो भी कुछ ही देर पहले कियारा के चेंजिंग रूम में जबरदस्ती घुस आया था। उसने अभी भी अपने चेहरे पर मास्क लगाए हुआ था ।।लेकिन अब उसने अपनी कैप हटा दी थी। जिसकी वजह से उसके घने काले बाल हवा में उड़ रहे थे।। उसकी लंबाई नॉर्मल लड़कों से काफी ज्यादा अधिक थी और शरीर पूरी तरीके से गठीला था ।।टी-शर्ट पहनने की वजह से उसकी मांसपेशियां उभर कर सामने की तरफ दिख रही थी ।और उसकी आंखें अभी भी पूरी तरीके से कठोर थी।।।।

लेकिन उसके इस रूप से भी रूद्र को कोई फर्क नहीं पड़ा और गुस्से में चलते हुए वहां आकर खड़ा हो गया और उसकी तरफ देखते हुए कहा.... अबीर चैतन्य ,कितनी बार तुम्हें मना किया है कि तुम घर से बिना बताए बाहर नहीं जाओगे ।।


और मैंने भी आपको कितनी बार मना किया है भाई की आप मुझ पर कंट्रोल नहीं कर सकते हैं ! मुझे जो करना होगा ,वह मैं कर लूंगा! और इसके लिए मुझे किसी की इजाजत की कोई जरूरत नहीं है ।।कहते हुए अबीर ने अपना मास्क को उतार दिया और अब उसका पूरा चेहरा दिखाई दे रहा था ।।

खिड़की से आती डूबते सूरज की रोशनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी। जिसकी वजह से उसके पसीने चमक रहे थे ।।।उसकी अच्छी खासी दाढ़ी और मूंछ थी।।जिससे उसका चेहरा पूरा भरा हुआ था। लेकिन उन सब में उसके चेहरे में सबसे ज्यादा जो भयानक था वह थी उसकी आंखें, और ऐसा लग रहा था कि मानो वहां मुस्कुराना जानता ही ना हो! उसकी आंखें हमेशा से ही एकदम कठोर और मौत जैसी थी, जिसे कोई भी एक बार में देखकर डर जाए।।।


रूद्र ने अपने सर हिला दिया ! वह अबीर की इस हालत को बहुत अच्छे तरीके से जानता था ।।अबीर, चैतन्य परिवार का छोटा बेटा और सबसे लाडला बेटा था।।


चैतन्य परिवार मुंबई शहर का सबसे फेमस और अमीर बिजनेसमैन की श्रेणी में आता था ।।।जिनमें दो बेटे में, सबसे बड़ा बेटा रूद्र चैतन्य जो की बेहद ही शांत और चीजों को बहुत ही समझदारी के साथ करता था और वह अपने गुस्से पर कंट्रोल रखना बहुत अच्छे तरीके से जानता था ।।।इंपैक्ट उसे गुस्सा कम ही आता था ।और वही था जो पूरे बिजनेस को बहुत अच्छे तरीके से संभल रहा था।।

 तो वही दूसरा बेटा अबीर चैतन्य, जो की रुद्र के बिल्कुल ही ऑपोजिट और सबसे अधिक गुस्से वाला इंसान था! एक बार उसे अगर गुस्सा आ जाए तो उस पर कंट्रोल रखना बहुत ज्यादा मुश्किल होता था और गुस्से में अगर वह किसी की जान भी ले ले तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं थी और इसी की वजह से उसके बहुत सारे दुश्मन भी बन गए थे ।।

रूद्र ने उसे शख्त हिदायत दी थी कि वह घर छोड़कर कहीं भी बाहर न निकले और बाहर निकले भी तो बॉडीगार्ड के साथ निकले ।।।लेकिन रुद्र के यह नियम कानून को अबीर बिल्कुल भी नहीं मानता था।। उसे वही करना होता था जो उसे पसंद होता था और उसके रास्ते में कोई भी मुसीबत बनकर नहीं आ सकता था ।।रूद्र को बस हमेशा अबीर की जान की ही फिक्र रहती थी।।। इसी वजह से वह अबीर को हमेशा बॉडीगार्ड के साथ जाने की सलाह देता था ।।

लेकिन वह भी जानता था कि अबीर बहुत ही ज्यादा जिद्दी है और जो भी उसके मन में आएगा वह वही करेगा......!!!!



अगर तुम इसी तरीके से अपनी जिद पर अड़े रहे तो मैं डैड को तुम्हारे बारे में सब कुछ बता दूंगा।। रूद्र ने इस बार सीधा धमकी देते हुए कहा तो अबीर ने अपनी बाहे लपेट ली और हल्का सा मुस्कुराया।।।।

लेकिन उसकी यह मुस्कान ,मुस्कान वाली तो बिल्कुल भी नहीं थी! बल्कि ऐसी मुस्कान थी जैसे वह किसी को जान से मारने के लिए एकदम तैयार ही खड़ा हो ।।।उसकी मुस्कुराहट भी सामने खड़े इंसान के चेहरे पर पसीना ला दे, इतनी भयानक थी ! 

अबीर ने रुद्र की तरफ देखा और हल्के से मुस्कुराते हुए कहा... डू यू रियली थिंक ब्रो,की डैड मुझे रोक पाएंगे और वैसे भी आप बहुत अच्छे तरीके से जानते हैं की डैड का मुझ पर कोई कंट्रोल नहीं है, उसे इंसान से मैं नफरत ही करता हूं .......



अबीर ???? इस बार रूद्र ने हल्के से कठोर आवाज में कहा लेकिन अबीर को किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा! वह बस अपनी शांत समुद्र जैसी आंखों से बस रूद्र को एकतक देख रहा था। 

तुम जानते हो मैं डैड के खिलाफ एक भी शब्द नहीं सुन सकता हूं!

 और आप भी जानते हैं ब्रो कि मैं डैड के लिए एक भी अच्छा शब्द नहीं बोल सकता हूं।। तो बेहतर है कि आप डैड को हमारे बीच में मत ही ले आए और अगर आपको डैड को कुछ भी बताना हो तो बता दे! मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ,ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? वह अपनी प्रॉपर्टी कंपनी हर एक चीज से मुझे हटा देंगे ।।।मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ।।।वैसे भी मुझे उनकी प्रॉपर्टी या किसी भी चीज से कोई लेना-देना नहीं है ! अबीर ने सपाट आवाज में जवाब दिया।



रूद्र ने एक गहरी सांस ली और अबीर के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा... तुम डैड को गलत समझ रहे हो !

आई एम सो सॉरी भाई लेकिन डैड को मैं नहीं, आप बहुत गलत समझ रहे हैं।।।डैड सच में एक अच्छे इंसान नहीं है।।उन्होंने जो कुछ भी मेरी मॉम के साथ किया है, उसे मैं किसी भी हालत में नहीं भूल सकता हूं! मैं अपनी मॉम से बहुत प्यार करता हूं और उनके खिलाफ अगर कोई कुछ भी करता है या कोई उन्हें हल्का सा भी दुख पहुंचाने की कोशिश करता है तो वह मेरे लिए मेरा सबसे बड़ा दुश्मन होगा....

अपनी बात कहने के बाद अबीर बिना रुद्र की बात सुने वहां से चुपचाप चला गया।। पीछे से रूद्र उसे चिल्लाता रहा , अबीर मेरी बात सुनो।।अबीर ???


लेकिन अबीर को कोई फर्क नहीं पड़ा और वह चुपचाप तेज कदमों के साथ अपने कमरे में चला गया।।।।
रूद्र ने पलट कर देखा तो सभी बॉडीगार्ड्स खड़े उसी की तरफ देख रहे थे।।

 क्या है? यहां पर कोई तमाशा लगा कर रखा है क्या? जाकर अपने-अपने काम करो और हां तुम चारों..... इतना कह कर रूद्र ने चार बॉडीगार्ड की तरफ इशारा किया! अबीर के कमरे के बाहर पहरेदारी करोगे ।और कुछ भी सस्पीशियस लगे तो तुरंत मुझे कॉल करके बताना।। मैं घर जा रहा हु।।।



जी सर ,सभी बॉडीगार्ड ने एक साथ तेज आवाज में कहा तो अपने सर को हिलाते हुए रूद्र वहां से सीधे चला गया..…