Maafia ki nazar me - 4 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | माफिया की नजर में - 4

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माफिया की नजर में - 4

🖤 माफ़िया की नज़र में – Part 4:

"पहला शक..."

"कुछ नज़रें नफ़रत से नहीं, खौफ़ से देखती हैं… लेकिन सबसे खतरनाक वो नज़रें होती हैं, जो सच छुपाती हैं।"अहाना की सुबह किसी आम दिन जैसी नहीं थी।

उसके सीने में एक अजीब सी बेचैनी थी, जैसे कोई अदृश्य साया हर पल उसे घेर रहा हो। रात की नींद में भी वो उस कागज़ की लाइन को नहीं भूल पाई थी: “क्या तुम्हें पता है… कि रायान ने तुम्हारे पापा की कसम खाई थी?”
उसके पापा, जिनकी तस्वीर वो हर दिन देखती थी, और रायान सिंगानिया—एक ऐसा शख्स, जिसके नाम से ही लोग काँपते थे। इन दोनों का क्या रिश्ता हो सकता था?वो खिड़की के पास खड़ी थी। बाहर हल्की धूप कमरे में रेंग रही थी, लेकिन उसके मन में अंधेरा गहराता जा रहा था। उसने अपने बैग में पापा की तस्वीर को छुआ, जैसे उससे कोई जवाब मिलेगा। लेकिन जवाब की जगह और सवाल उठ रहे थे।कॉलेज जाने का वक़्त हो रहा था। उसने जल्दी-जल्दी तैयार होकर खुद को शीशे में देखा। वही मासूम चेहरा, वही सलवार-कुर्ता, लेकिन आँखों में आज एक नया डर था। “क्या मैं सच में किसी खतरे में हूँ?” उसने खुद से पूछा। और फिर, बिना जवाब के, बैग उठाकर कॉलेज की ओर निकल पड़ी।

🌇 कॉलेज में नया तनाव

सेंट जेवियर्स कॉलेज का माहौल वही था—हँसी-मज़ाक, इंस्टाग्राम रील्स, और फैशन फेस्ट की तैयारियों का शोर। लेकिन अहाना के लिए ये सब अब धुंधला सा लग रहा था। रायान की नज़रें, वो GPS ट्रैकर, और वो रहस्यमयी कागज़—सब कुछ उसे एक ऐसी दुनिया की ओर खींच रहा था, जिसे वो समझना चाहती थी, लेकिन जिससे डर भी रही थी।लाइब्रेरी के बाहर वो अकेली खड़ी थी, जब उसकी नज़र फिर से उस पर पड़ी।
रायान सिंगानिया।
काला कुर्ता, सनग्लासेस, और वही ठंडी, गहरी नज़रें। वो कॉलेज के गलियारे में खड़ा था, जैसे किसी का इंतज़ार कर रहा हो। उसके पास वही दो बॉडीगार्ड्स थे, लेकिन उसकी मौजूदगी ही इतनी भारी थी कि बाकी सब फीके पड़ जाते थे।इस बार अहाना ने अनदेखा नहीं किया। उसका डर अब गुस्से में बदल रहा था। वो क्यों हर बार उसकी ज़िंदगी में टकरा रहा था? वो उससे क्या चाहता था?वो तेज़ कदमों से रायान की तरफ बढ़ी और सीधे सवाल दाग दिया, “तुम मेरा पीछा कर रहे हो?”रायान ने सनग्लासेस उतारे। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी—जैसे वो इस सवाल का इंतज़ार कर रहा हो। कुछ पल वो चुपचाप अहाना को देखता रहा, फिर हल्के से मुस्कुराया।
“अगर मैं कहूँ कि मैं तुम्हें बचाने की कोशिश कर रहा हूँ… तो क्या मानोगी?”अहाना चौंक गई। उसका दिल तेज़ी से धड़कने लगा। “मुझे किससे बचाना है?” उसने हिम्मत जुटाकर पूछा।रायान एक पल को चुप रहा। फिर धीरे से, जैसे हर शब्द को तौलते हुए, बोला, “इस शहर की सच्चाई से… और शायद ख़ुद से भी।”उसके लफ्ज़ों में एक अजीब सा दर्द था, लेकिन उसकी आँखों में वही सख्ती। वो कुछ और कहने वाला था, लेकिन तभी उसका फोन बजा। उसने एक नज़र फोन पर डाली और फिर अहाना की तरफ देखा।
“तुम्हें जो जवाब चाहिए, वो जल्दी मिलेंगे। लेकिन अभी… सावधान रहना।”वो बिना कुछ और कहे, अपने बॉडीगार्ड्स के साथ चला गया। अहाना वहीँ खड़ी रही, उसका दिमाग सवालों से भरा था। “इस शहर की सच्चाई? वो क्या छुपा रहा है? और मेरे पापा का उससे क्या लेना-देना?”

📞 रात का अनजाना कॉल

शाम को अहाना अपने कमरे में लौटी। बारिश अब तेज़ हो चुकी थी, और बाहर की सड़कें सुनसान थीं। उसने GPS ट्रैकर को फिर से देखा, जो रायान ने भेजा था। उसे अपने फोन से कनेक्ट करने की हिम्मत नहीं हो रही थी। “क्या ये मेरी जासूसी के लिए है? या सच में मेरी सुरक्षा के लिए?”तभी उसका फोन बजा। स्क्रीन पर ‘अननोन नंबर’ लिखा था। उसका दिल धक् से रह गया। उसने हिचकते हुए कॉल उठाया।“हैलो?” उसकी आवाज़ काँप रही थी।दूसरी तरफ से एक ठंडी, दबी हुई आवाज़ आई, “तुम जिनसे सवाल पूछ रही हो, उनका सच जान पाओगी… लेकिन जब जानोगी, तब पछताओगी।”फोन कट गया।अहाना के हाथ काँपने लगे। उसकी साँसें अनियंत्रित हो गईं। “कौन था वो? रायान? या कोई और?” उसने फोन को टेबल पर पटक दिया और अपने कमरे की खिड़की की तरफ देखा। बाहर अंधेरा था, लेकिन उसे फिर वही एहसास हुआ—जैसे कोई उसे देख रहा हो।वो जल्दी से खिड़की के पास गई और पर्दे खींच दिए। लेकिन उसका दिल अब भी ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। “क्या मैं किसी साज़िश में फँस रही हूँ?”

🌌 डायरी का पहला पन्ना

अहाना ने अपनी नोटबुक निकाली और उस कागज़ को फिर से देखा, जो पिछले दिन खिड़की के पास मिला था। “क्या तुम्हें पता है… कि रायान ने तुम्हारे पापा की कसम खाई थी?”
उसने पापा की तस्वीर को फिर से छुआ। “पापा, आप मुझे कुछ क्यों नहीं बताते?” उसने मन ही मन कहा।तभी उसकी नज़र अपने बैग पर पड़ी। उसमें एक पुरानी डायरी थी, जो पापा की थी। वो उसे अपने साथ लाई थी, लेकिन कभी खोलने की हिम्मत नहीं हुई थी। आज, उसने कांपते हाथों से डायरी खोली।पहले पन्ने पर एक तारीख थी—10 साल पुरानी। और नीचे लिखा था:
“आज मैंने एक वादा किया। लेकिन ये वादा मेरी बेटी की ज़िंदगी को खतरे में डाल सकता है। रायान, मुझे माफ़ करना।”अहाना का दिल जैसे रुक गया। “रायान? पापा उसे जानते थे?” उसका दिमाग सवालों से भर गया। डायरी के अगले पन्ने फटे हुए थे, जैसे किसी ने जानबूझकर उन्हें हटाया हो।वो डायरी को सीने से लगाकर बैठ गई। आँखों में आँसू थे, लेकिन मन में एक नया जुनून। “मुझे सच जानना होगा। रायान से, इस डायरी से, और इस शहर से।”

🔥 रायान की दुनिया का साया

उसी वक़्त, शहर के दूसरे छोर पर, एक आलीशान बंगले में रायान अपने ऑफिस में बैठा था। सामने एक टेबल पर उसी पुरानी तस्वीर थी, जो वेयरहाउस में दिखी थी—अहाना के पापा की।उसके एक बॉडीगार्ड ने कहा, “सर, वो लोग फिर से कॉलेज के आसपास देखे गए हैं।”रायान की मुट्ठियाँ भींच गईं। “मैंने कहा था, अहाना के आसपास कोई नहीं आएगा।”“लेकिन सर, वो लोग आपके पुराने दुश्मन हैं। वो अब अहाना को…”रायान ने उसे बीच में रोक दिया। “अगर उसे कुछ हुआ, तो मैं इस शहर को आग लगा दूँगा।”उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था। वो सिर्फ़ एक माफ़िया नहीं था। वो एक वादे से बंधा था—और शायद एक पुराने गुनाह से भी।

💥 To Be Continued…

अहाना अब एक ऐसी राह पर है,
जहाँ हर कदम पर खतरा है।
रायान का सच क्या है?
और उसके पापा का उससे क्या रिश्ता था?
क्या वो अनजाना कॉलर रायान का दुश्मन था, या कोई और?

Part 5 में होगा:  अहाना रायान की दुनिया की एक झलक देखेगी।एक बड़ा खतरा, जो उसे पहली बार अपनी ज़िंदगी की सच्चाई से रू-ब-रू कराएगा।और रायान का वो चेहरा, जो अब तक छुपा था।

अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।


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